सीमा पर हिंसा के छह दिन बाद असम ने मेघालय की यात्रा पर प्रतिबंध हटाया

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Assam lifts travel restrictions to Meghalaya

असम सरकार ने 27 नवंबर 2022 को मेघालय के साथ अंतर्राज्यीय सीमा के साथ एक विवादित क्षेत्र में हिंसा के बाद मेघालय के लिए लगाए गए यात्रा प्रतिबंध हटा दिए हैं । 22 नवंबर को हुई इस घटना के बाद असम पुलिस ने एक एडवाइजरी जारी कर लोगों से पड़ोसी राज्य की यात्रा करने से बचने को कहा था और साथ ही  मेघालय के लिए  दो मुख्य प्रवेश बिंदुओं गुवाहाटी और कछार जिले के पास जोराबाट में बैरिकेड्स लगाए गए थे।

22 नवंबर की तड़के पश्चिमी कार्बी आंगलोंग जिले में दोनों राज्यों के बीच विवादित सीमा के पास मुकरोह गांव (मेघालय) में हिंसा उस समय भड़क गई थी, जब असम के वन रक्षकों द्वारा अवैध रूप से काटी गई लकड़ियों से लदे एक ट्रक को रोका गया था।

इन झड़पों में मेघालय के पांच आदिवासी ग्रामीणों और असम के एक वन रक्षक की मौत हो गई थी।

असम और मेघालय के बीच सीमा विवाद

ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के दौरान, अविभाजित असम में नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और मिजोरम शामिल थे। 1972 में, असम पुनर्गठन (मेघालय) अधिनियम 1969 के अनुसार मेघालय का गठन किया गया था।

असम मिजोरम सीमा विवाद की पृष्ठभूमि 

  • असम और मिजोरम 164.6 किमी लंबी सीमा साझा करते हैं। मिजोरम असम का एक जिला था जिसे ब्रिटिश काल में लुशाई हिल्स के नाम से जाना जाता था।
  • विवाद की उत्पत्ति ब्रिटिश काल के दौरान सीमा निर्धारण में निहित है।
  • 1875 में एक अधिसूचना जारी की गई जिसमें लुशाई पहाड़ियों को कछार के मैदानी इलाकों से अलग किया गया और फिर 1933 में लुशाई पहाड़ियों और मणिपुर के बीच की सीमा का सीमांकन करने के लिए एक और अधिसूचना जारी की गई।

सीमा की अलग व्याख्या 

  • मिजोरम के अनुसार, सीमा का सीमांकन 1875 के आधार पर किया जाएगा, जो कि बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेगुलेशन अधिनियम, 1873 पर आधारित है।
  • जबकि असम सरकार का मानना है कि सीमा 1933 की अधिसूचना पर आधारित हों ।
  • मिजोरम का कहना है कि जब 1933 में सीमा का सीमांकन किया गया था तब मिजो समाज से सलाह नहीं ली गई थी इसलिए  यह स्वीकार्य नहीं है ।

सीमा विवाद को सुलझाने का प्रयास

  • इस मुद्दे को हल करने के लिए मेघालय के मुख्यमंत्रीकोनराड संगमा और असम के  मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कई दौर की बातचीत की।
  • बारह विवादित क्षेत्रों की पहचान की गई - तीन क्षेत्र मेघालय में पश्चिम खासी हिल्स जिले और असम में कामरूप के बीच, दो मेघालय में रिभोई और कामरूप-मेट्रो के बीच, और एक मेघालय में पूर्वी जयंतिया हिल्स और असम में कछार के बीच।
  • केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच 29 मार्च 2022 को एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।
  • समझौता ज्ञापन में कहा गया है कि विवादित क्षेत्र के 36.79 वर्ग किमी में से असम को 18.46 वर्ग किमी और मेघालय को 18.33 वर्ग किमी का पूर्ण नियंत्रण मिलेगा।
  • नवंबर के अंत तक दूसरे चरण की बातचीत होनी थी, लेकिन हाल ही में हुई झड़प के कारण यह बाधित हो गई है।


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