तेंदूपत्ता बिक्री को लेकर आदिवासी और सरकार के बीच टकराव
Tags: State News
तेंदूपत्ता यानी कि डायोसपायरस मेलेनोक्ज़ायलोन की बिक्री पर इन दिनों विवाद की स्थिति गहराने लगी है।
दो जिलों के 50 से अधिक गावों के लोगों ने तेंदूपत्ता की बिक्री खुद ही करने का फैसला किया है।
जिसके कारण आदिवासी बहुल गांव व छत्तीसगढ़ सरकार के वन विभाग के मध्य विवाद जोर पकड़ने लगा है।
राज्य सरकार का कहना है कि तेंदूपत्ता का राष्ट्रीयकरण किया जा चुका है, इसलिए इसकी बिक्री सरकार ही कर सकती है।
वहीं दूसरी ओर तेंदूपत्ता संग्राहक वन अधिकार क़ानून और 2013 के सुप्रीम कोर्ट के बहुचर्चित नियामगिरी केस में दिया गया निर्णय का हवाला दे रहे हैं।
तेंदुपत्ता संग्राहक आदिवासियों ने वन विभाग के अधिकारियों पर ज्यादती, गैरकानूनी कार्य करने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करने की तैयारी कर रहे हैं।
तेंदु पत्ते क्या हैं?
तेंदू के पेड़ की पत्तियों का उपयोग तंबाकू के आवरण के रूप में बीड़ी बनाने के लिए किया जाता है।
इसकी व्यापक उपलब्धता के कारण इस पत्ते को सबसे उपयुक्त आवरण माना जाता है।
तेंदू को 'हरा सोना' भी कहा जाता है और यह भारत में एक प्रमुख लघु वनोपज है।
तेंदूपत्ता का व्यापार
1964 में अविभाजित मध्यप्रदेश में तेंदूपत्ता के व्यापार का राष्ट्रीयकरण किया।
इससे पहले तक लोग देश भर में तेंदूपत्ता को बाजार में बेचने के लिए स्वतंत्र थे।
इसके बाद महाराष्ट्र ने 1969 में, आंध्र प्रदेश ने 1971 में, ओडिशा ने 1973 में, गुजरात ने 1979 में, राजस्थान ने 1974 में और 2000 में छत्तीसगढ़ ने इसी व्यवस्था को अपनाया।
इस व्यवस्था के तहत राज्य का वन विभाग तेंदूपत्ता एकत्र करवाता है, परिवहन की अनुमति देता है और उन्हें व्यापारियों को भी बेचता है.
विवाद का कारण
विवाद इस बात को लेकर है कि पत्ते बेचने का अधिकार किसके पास है।
राज्य सरकारें दावा करती हैं कि वे राष्ट्रीयकरण के कारण बेच सकती हैं।
दूसरी ओर, तेंदू पत्ता संग्राहक अनुसूचित जनजाति और अन्य पारंपरिक वनवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 और 2013 के सुप्रीम कोर्ट के नियमगिरी मामले में फैसले का हवाला देते हुए कहते हैं कि निजी संग्राहक उन्हें अपने दम पर बेच सकते हैं।
तेंदूपत्ता संग्राहकों का आरोप है कि सरकार उन्हें पत्तों की कम कीमत देती है, जबकि खुले बाजार में उन्हें अधिक कीमत मिलती है.
Please Rate this article, so that we can improve the quality for you -