ईटीएफ के जरिए कर्मचारी राज्य बीमा निगम को 15 फीसदी सरप्लस फंड इक्विटी में निवेश करने की अनुमति
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भारत सरकार ने कर्मचारी राज्य बीमा निगम (क.रा.बी.निगम) को एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ) के माध्यम से अपने अधिशेष फंड के 15 प्रतिशत तक इक्विटी में निवेश करने की अनुमति दी है।
4 दिसंबर 2022 को नई दिल्ली में निगम के मुख्यालय में केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में क.रा.बी.निगम की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
श्रम मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि अधिशेष धन को इक्विटी में निवेश करने का निर्णय ऋण उपकरणों पर कम रिटर्न और निगम के पोर्टफोलियो में विविधता लाने की आवश्यकता के कारण लिया गया था। प्रारंभिक निवेश 5% से शुरू होगा और दो तिमाहियों की समीक्षा के बाद धीरे-धीरे 15% तक बढ़ जाएगा। निवेश एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स यानी निफ्टी50 और सेंसेक्स तक सीमित रहेगा। इसका प्रबंधन एएमसी के फंड मैनेजरों द्वारा किया जाएगा।
अगरतला और इडुक्की में नया अस्पताल
क.रा.बी.निगम ने श्यामलीबाजार, त्रिपुरा और इडुक्की, केरल में 100 बिस्तरों वाले अस्पतालों की स्थापना के प्रस्तावों को मंजूरी दी।
निर्माण से शक्ति' पहल
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि अस्पतालों और डिस्पेंसरियों के बुनियादी ढांचे को चरणबद्ध तरीके से मजबूत और आधुनिक बनाने के लिए 'निर्माण से शक्ति' पहल शुरू की गई है ।
ईएसआईसी क्या है
कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) योजना दुनिया की सबसे बड़ी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में से एक है जो केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय के तहत कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के अंतर्गत आती है।
ईएसआईसी की स्थापना 1952 में ईएसआई अधिनियम 1948 के तहत की गई थी।
इस योजना के तहत बीमित कर्मचारियों और उनके आश्रितों को चिकित्सा लाभ प्रदान किया जाताहै। इसमें चिकित्सा खर्च की कोई सीमा नहीं होती है ।
कौन पात्र हैं
यह 10 या अधिक श्रमिकों को रोजगार देने वाली फैक्ट्रियों पर लागू होता है।
यह 20 या अधिक व्यक्तियों को रोजगार देने वाली दुकानों, प्रतिष्ठानों, बीमा, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों आदि पर लागू होता है।
वेतन सीमा
जिस कर्मचारी की वेतन 21,000/- रुपये प्रति माह (विकलांग व्यक्तियों के मामले में 25,000/- रुपये प्रति माह) तक है उन्हें इस योजना के तहत चिकित्सा बीमा की सुविधा प्रदान की जातीं है ।
योगदान
बीमित कर्मचारी को प्रति माह अपने मासिक वेतन का 1% योजना में योगदान करना होता है और नियोक्ता को कर्मचारी के वेतन का 3% योजना में योगदान करना होता है।
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