2022 में गगनयान की पहली परीक्षण उड़ान: डॉ जितेंद्र सिंह
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केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा है कि भारत का पहला मानव अंतरिक्ष-उड़ान मिशन गगनयान 2024 में लॉन्च होने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में 2022 में ही मानव अंतरिक्ष उड़ान की योजना बनाई थी, लेकिन कोविड के कारण यह पूरा नहीं हो सका।
इस साल मिशन की पहली परीक्षण उड़ान की उम्मीद है। पहली परीक्षण-उड़ान के बाद अंतरिक्ष में मादा दिखने वाले ह्यूमनॉइड रोबोट ‘ व्योम मित्रा’ को अगले साल बाहरी अंतरिक्ष में भेजा जाएगा।
महत्वपूर्ण तथ्य -
गगनयान मिशन :
- गगनयान मिशन की घोषणा प्रधान मंत्री ने 2018 में अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में 10,000 करोड़ रुपये के बजट के साथ की थी।
- चार भारतीय वायु सेना के पायलटों को मिशन के लिए चालक दल के रूप में चुनाव किया गया है जो रूस में प्रशिक्षण ले रहे हैं।
- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का इरादा 2024 में कम से कम 2 अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजने का है।
मानव अंतरिक्ष उड़ान :
- वर्तमान में केवल तीन देशों, संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और चीन के पास मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन करने की क्षमता है।
- 12 अप्रैल 1961 को वोस्तोक रॉकेट पर सवार सोवियत संघ के यूरी गगारिन अंतरिक्ष में जाने वाले पहले व्यक्ति थे।
- अंतरिक्ष में जाने वाली पहली महिला सोवियत संघ की वेलेंटीना टेरेश्कोवा 16 जून 1963 को वोस्तोक 6 रॉकेट पर सवार थीं।
- विंग कमांडर राकेश शर्मा अंतरिक्ष में जाने वाले एकमात्र भारतीय हैं। वह 3 अप्रैल 1984 को सोयुज टी-11 में सवार सोवियत मिशन का हिस्सा थे।
- अंतरिक्ष में यात्रा करने वाले मनुष्यों को एस्ट्रोनॉट्स (अंतरिक्ष यात्री) कहा जाता है। चीनी उन्हें ताइकोनॉट कहते हैं और रूसी उन्हें कॉस्मोनॉट कहते हैं।
अतिरिक्त जानकारी -
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) :
- इसकी स्थापना 15 अगस्त 1969 को हुई थी
- यह भारत की राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी है।
- मुख्यालय : बेंगलुरु
- अध्यक्ष : एस सोमनाथ
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