गृह मंत्री ने बिहार के सारण जिले के सीताबदियारा में लोकनायक जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा का अनावरण किया

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 11 अक्टूबर 2022 को बिहार के सारण जिले के सीताबदियारा में समाजवादी आइकन जयप्रकाश नारायण की जयंती के अवसर पर उनके जन्मस्थान पर एक समारोह की अध्यक्षता की।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • 11 अक्टूबर, 2022 को देश भर में लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती मनाई गई.

  • उन्होंने सीताब दियारा में लोकनायक जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद एक जनसभा को संबोधित किया।

  • यह कार्यक्रम केंद्रीय कला और संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित किया गया था।

  • इस साल अगस्त में बिहार में राजनीतिक उथल-पुथल के दौरान राज्य में भाजपा के सत्ता से बेदखल होने के बाद अमित शाह का बिहार का यह दूसरा दौरा है।

जयप्रकाश नारायण के बारे में

  • उनका जन्म 11 अक्टूबर, 1902 को बिहार के सिताबदियारा में हुआ था।

  • वह मार्क्सवादी विचारों और गांधीवादी विचारधारा से प्रभावित थे।

  • उनकी शिक्षा संयुक्त राज्य अमेरिका के विश्वविद्यालयों में हुई जहाँ वे मार्क्सवादी विचारधारा के समर्थक बने।

  • वर्ष 1929 में भारत लौटने पर वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गए।

  • वर्ष 1932 में भारत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ सविनय अवज्ञा आंदोलन में भाग लेने के लिए उन्हें एक वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई थी।

  • वर्ष 1948 में उन्होंने कांग्रेस के अधिकांश समाजवादी नेताओं के साथ मिलकर कांग्रेस पार्टी छोड़ दी और वर्ष 1952 में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी का गठन किया।

  • उन्होंने जल्द ही राजनीति से असंतुष्ट होकर वर्ष 1954 में घोषणा की कि वे अपना जीवन भूदान आंदोलन के लिए समर्पित करेंगे जिसकी स्थापना विनोबा भावे ने की थी।

  • 1959 में उन्होंने गांव, ज़िला, राज्य एवं संघ परिषदों के चार स्तरीय पदानुक्रम के माध्यम से ‘भारतीय राजनीति के पुनर्निर्माण’ की अवधारणा प्रस्तुत की।

  • वर्ष 1974 में उन्होंने सामाजिक परिवर्तन के लिए भ्रष्टाचार के खिलाफ एक कार्यक्रम की शुरुआत की जिसे संपूर्ण क्रांति करार दिया गया।

  • संपूर्ण क्रांति राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, वैचारिक या बौद्धिक, शैक्षिक तथा आध्यात्मिक क्रांतियों का एक संयोजन है।

  • जयप्रकाश नारायण को मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, भारत रत्न (1999) से सम्मानित किया गया, उन्हें यह सम्मान स्वतंत्रता संग्राम, गरीबों और दलितों के उत्थान में उनके अमूल्य योगदान के लिए दिया गया।

  • उनका निधन 8 अक्टूबर 1979 को पटना में हुआ था।

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