भारत ने जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र के मसौदे के प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया
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- भारत ने जलवायु को सुरक्षा से जोड़ने वाले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यू एन एस सी) में एक मसौदा प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया।
- यह प्रस्ताव नाइजर द्वारा पेश किया गया था, जिसके पास दिसंबर के लिए यू एन एस सी की अध्यक्षता है और इसे आयरलैंड ने भी प्रायोजित किया था।
- नाइजर ने 'अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा का रखरखाव: आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में सुरक्षा' शीर्षक से एक बहस का आयोजन किया। जिसका उद्देश्य यह था, कि आतंकवाद और सुरक्षा जोखिमों को जलवायु परिवर्तन से कैसे जोड़ा जा सकता है।
- इस प्रस्ताव को रूस ने वीटो कर दिया था, जबकि 12 देशों ने इसके पक्ष में मतदान किया था और चीन ने वोट से परहेज किया था और भारत ने इसके खिलाफ मतदान किया था।
भारत का रुख
भारत सरकार के विचारों को स्थायी प्रतिनिधि और संयुक्त राष्ट्र में राजदूत टी.एस. तिरुमूर्ति ने स्पष्ट किया।
उनके अनुसार :
- यह संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (यू एन एफ सी सी सी) से जलवायु वार्ता को सुरक्षा परिषद में स्थानांतरित करने और इस मुद्दे पर सामूहिक कार्रवाई के लिए एक "कदम पीछे" का प्रयास था।
- भारत के अनुसारे, कुछ देश सुरक्षा परिषद में जलवायु वार्ता लाने का प्रयास कर रहे थे, ताकि उनकी मरजी के खिलाफ सुरक्षा परिषद् में कोई निर्णय न हों सके क्योंकि उनके पास वीटो का अधिकार है।
- इससे अधिकांश विकासशील देशों की भागीदारी के बिना निर्णय लिए जा सकते हैं , जो स्पष्ट रूप से न तो वांछनीय है और न ही स्वीकार्य है।
- सुरक्षा परिषद में जलवायु कार्रवाई और जलवायु न्याय के मुद्दों पर चर्चा करने का प्रयास "उचित मंच में जिम्मेदारी से बचने की इच्छा से प्रेरित था।"
- भारत के अनुसार, मसौदा प्रस्ताव, ग्लासगो में हुई प्रगति को कमजोर करेगा, जहां यू एन एफ सी सी सी के तहत वार्ता का नवीनतम दौर, पार्टियों का 26वां सम्मेलन (सी ओ पी-26) नवंबर में संपन्न हुआ।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यू एन एस सी):- यह संयुक्त राष्ट्र (यू एन) के छह प्रमुख अंगों में से एक है, जिस पर अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने, महासभा में संयुक्त राष्ट्र के नए सदस्यों के प्रवेश की सिफारिश करने और संयुक्त राष्ट्र चार्टर में किसी भी बदलाव को मंजूरी देने का उत्तरदायित्व है। इनका उदेश्य विश्व में शांति अभियान स्थापित करना, अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंध लागू करना और सैन्य कार्रवाई को अधिकृत करना शामिल है। संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के तहत, सभी सदस्य राज्य परिषद के निर्णयों का पालन करने के लिए बाध्य हैं। सुरक्षा परिषद में पंद्रह सदस्य होते हैं, जिनमें से पांच स्थायी होते हैं:
स्थायी सदस्य किसी भी प्रमाणित प्रस्ताव को भी वीटो कर सकते हैं| शेष दस सदस्यों को दो साल की अवधि के लिए क्षेत्रीय आधार पर चुना जाता है। निकाय की अध्यक्षता अपने सदस्यों के बीच मासिक रूप से होती है। वर्तमान अस्थायी सदस्य हैं-
जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यू एन एफ सी सी सी):
पार्टियों का सम्मेलन (सी ओ पी)
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