भारत की जैव -अर्थव्यवस्था 2022 में 8 गुना बढ़कर 80 अरब डॉलर से अधिक हो गई है: जितेंद्र जितेंद्र सिंह

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India’s Bio-economy has grown 8 times

केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा है कि प्रधान मंत्री मोदी के नेतृत्व में  पिछले 8 वर्षों में भारत की जैव-अर्थव्यवस्था 2014 में 10 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2022 में 80 बिलियन डॉलर से अधिक हो गई है।

वह 3 दिसंबर 2022 को जम्मू में आयोजित  "जैव विज्ञान और रासायनिक प्रौद्योगिकी में उभरते रुझानों पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन- 2022" में बोल रहे थे।

डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि बायोटेक स्टार्टअप्स पिछले 8 वर्षों में  स्टार्टअप्स  की संख्या 100 गुना बढ़ गए हैं । 2014 में देश में कुल  52 स्टार्टअप्स  थे जो 2022 में बढ़कर 5300 से अधिक हों गए हैं।

उन्होंने कहा कि 2021में प्रति दिन  3 बायोटेक स्टार्टअप्स स्थापित की जा रही थी और  2021 में कुल 1,128 बायोटेक स्टार्टअप्स की स्थापना की गई, जो भारत में इस क्षेत्र के तेजी से विकास का द्योतक है।

जैव-अर्थव्यवस्था क्या है?

जैव-अर्थव्यवस्था की अवधारणा का सर्वप्रथम उपयोग यूरोप में किया गया था। जैव-अर्थव्यवस्था शब्द आम तौर पर भोजन, ऊर्जा, उत्पादों और सेवाओं का उत्पादन करने के लिए नवीकरणीय प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करने वाली अर्थव्यवस्था को संदर्भित करता है।

जैव-अर्थव्यवस्था  में उन सभी क्षेत्रों और प्रणालियों को शामिल किया गया है जो जैविक संसाधनों (जानवरों, पौधों, सूक्ष्म जीवों और व्युत्पन्न बायोमास, जैविक कचरे सहित), उनके कार्यों और सिद्धांतों पर निर्भर हैं।

इसमें सभी आर्थिक और औद्योगिक क्षेत्र शामिल हैं जो भोजन, फ़ीड, जैव-आधारित उत्पादों, ऊर्जा और सेवाओं का उत्पादन करने के लिए जैविक संसाधनों और प्रक्रियाओं का उपयोग करते हैं।


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