भारत की पहली 'फ्लेक्स फ्यूल' कार, टोयोटा सेडान
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भारत की पहली 'फ्लेक्स फ्यूल' कार, टोयोटा सेडान इस महीने के अंत में अनावरण के लिए तैयार है। भारत उन देशों (जर्मनी, फ्रांस और ब्राजील ) के क्लब में शामिल हो जाएगा जो पहले से ही अपनी कारों के लिए फ्लेक्स-फ्यूल इंजन का उपयोग कर रहे हैं।
फ्लेक्स ईंधन वाहन क्या है?
वर्तमान में फ्लेक्स-फ्यूल को पेट्रोल-डीजल के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है।
यह एक आंतरिक दहन इंधन है जो गैसोलीन और मेथनॉल या इथेनॉल के साथ मिलकर तैयार किया जाता है।
फ्लेक्स फ्यूल व्हीकल (FFV) 100 प्रतिशत पेट्रोल या 100 प्रतिशत बायो-एथेनॉल या दोनों के संयोजन पर चलने में सक्षम हैं।
दोनों ईंधनों को एक ही सामान्य टैंक में संग्रहित किया जाता है।
विश्व बाजार में सबसे प्रमुख व्यावसायिक रूप से उपलब्ध एफएफवी इथेनॉल लचीला-ईंधन वाहन है।
फ्लेक्स ईंधन के लाभ
इथेनॉल सम्मिश्रण के उपयोग से बनने वाला यह ईंधन कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर और कार्बन और नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसे हानिकारक प्रदूषकों को तेजी से कम करता है।
भारत 80 प्रतिशत पेट्रोल-डीजल के लिए आयात पर निर्भर है। फ्लेक्स फ्यूल आने से अन्य देशो निर्भरता समाप्त होगी।
हमारे देश में इथेनॉल उत्पादन भी बढ़ सकता है क्योंकि हमारे यहां गन्ने और मक्के की उत्पादन दर बेहतर है। ये इथेनॉल के उत्पादन का प्रमुख स्रोत हैं।
इससे किसानों का भी आर्थिक लाभ होगा।
इसकी लागत भी कम होगी क्योंकि इसे तैयार करने में कम खर्च आएगा।
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