खरीफ अभियान- 2023 के लिए कृषि पर राष्ट्रीय सम्मेलन
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केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने 3 मई को NASC परिसर नई दिल्ली में खरीफ अभियान 2023-24 के लिए कृषि पर राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया।
खबर का अवलोकन
कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की प्रमुख नब्ज बनी हुई है और देश के सामाजिक-आर्थिक विकास के मूल में है।
यह सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 19 प्रतिशत है और लगभग दो-तिहाई आबादी कृषि क्षेत्र पर निर्भर है।
भारत के कृषि क्षेत्र में पिछले छह वर्षों में 4.6 प्रतिशत की औसत वार्षिक वृद्धि दर के साथ मजबूत वृद्धि देखी जा रही है।
दूसरे अग्रिम अनुमान (2022-23) के अनुसार, देश में खाद्यान्न का उत्पादन 3235 लाख टन अनुमानितहै जो 2021-22 के दौरान खाद्यान्न के उत्पादन से 79 लाख टन अधिक है।
चावल, मक्का, चना, दलहन, रेपसीड और सरसों, तिलहन और गन्ना का रिकॉर्ड उत्पादन का अनुमान है।
सम्मेलन का उद्देश्य
पूर्ववर्ती फसल मौसमों के दौरान फसल के प्रदर्शन की समीक्षा और आकलन करना।
राज्य सरकारों के परामर्श से खरीफ मौसम के लिए फसलवार लक्ष्य निर्धारित करना।
महत्वपूर्ण आदानों की आपूर्ति सुनिश्चित करना।
फसलों के उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने की दृष्टि से नवीन तकनीकों को अपनाने की सुविधा प्रदान करना।
2023-24 के लिए राष्ट्रीय लक्ष्य
सम्मेलन में वर्ष 2023-24के लिए कुल खाद्यान्न उत्पादन का राष्ट्रीय लक्ष्य 3320 लाख टन निर्धारित किया गयाहै।
दलहन उत्पादन का लक्ष्य इस वर्ष 278.1 लाख टन की तुलना में 292.5 लाख टन निर्धारित किया गया है।
तिलहन उत्पादन 2023-24 में 400 से बढ़ाकर 440 लाख टन किया जाएगा।
श्री अन्ना का कुल उत्पादन 2022-23 के 159.1 लाख टन से बढ़ाकर 2023-24 में 170.0 लाख टन करने का लक्ष्य है।
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