सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के लिए 'न्यूट्रल साइटेशन' प्रणाली लॉन्च की जाएगी
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भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने 23 फरवरी को घोषणा की कि सर्वोच्च न्यायालय अपने निर्णयों के लिए "तटस्थ उद्धरण प्रणाली" अपनाएगा।
खबर का अवलोकन
मुख्य न्यायाधीश ने आशा व्यक्त की कि उच्च न्यायालय भी अपने निर्णयों के लिए तटस्थ उद्धरण का पालन करेंगे।
दिल्ली, केरल और मद्रास उच्च न्यायालयों ने पहले ही तटस्थ उद्दरण पत्र पेश कर दिया है।
एक "उद्धरण" क्या है?
किसी मामले का उद्धरण अनिवार्य रूप से निर्णय के लिए एक पहचान टैग है।
आमतौर पर, इसमें एक संदर्भ संख्या, निर्णय का वर्ष, न्यायालय का नाम जिसने निर्णय दिया था, और निर्णय प्रकाशित करने वाले जर्नल की आशुलिपि शामिल होगी।
एक तटस्थ उद्धरण क्या है?
एक तटस्थ उद्धरण का अर्थ यह होगा कि पारंपरिक लॉ रिपोर्टर्स द्वारा दिए गए उद्धरण से अलग अदालत अपना स्वयं का उद्धरण प्रदान करेगी।
लॉ रिपोर्टर आवधिक या वार्षिक डाइजेस्ट होते हैं जो निर्णय प्रकाशित करते हैं।
तटस्थ उद्धरण प्रणाली के कार्यान्वयन की आवश्यकता क्यों है?
यह कदम सुप्रीम कोर्ट के फैसलों की पहचान करने व उनका हवाला देने के लिए एक समान, विश्वसनीय और सुरक्षित कार्यप्रणाली की शुरुआत और कार्यान्वयन के लिए कदम उठाए गए हैं।
अदालत अपने फैसलों को अंग्रेजी से स्थानीय भाषाओं में अनुवाद करने के लिए मशीन लर्निंग टूल्स का इस्तेमाल कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट के 2,900 निर्णयों का अब तक अनुवाद किया जा चुका है।
जिला न्यायालयों से निर्णय के मशीन लर्निंग अनुवादों की जांच करने के लिए भी कहा है।
लगभग 30,000 फैसलों में तटस्थ उद्धरण होंगे।
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