ओडिशा सरकार ने समुद्र तट की रक्षा के लिए राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान के साथ समझौता किया

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ओडिशा सरकार ने अपने तटों की सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय समुद्र प्रौद्योगिकी संस्थान ( NIOT ) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं ।

महत्वपूर्ण तथ्य 

  • समझौता ज्ञापन के अनुसार , NIOT राज्य सरकार को तकनीकी मार्गदर्शन , डिजाइन और जलवायु अनुकूल तटीय सुरक्षा उपायों की रूपरेखा प्रदान करेगा ।

  • इस समझौते से राज्य के छह तटीय जिलों जैसे बालासोर, भद्रक, केंद्रपाड़ा, जगतसिंहपुर, पुरी और गंजम के निवासी लाभान्वित होंगे।

  • यह समझौता ज्ञापन राज्य के तटीय क्षेत्रों में आपदा जोखिम न्यूनीकरण (डीआरआर) में मील का पत्थर साबित होगा।

  • राज्य सरकार आपदा शमन के लिए हर संभव उपाय कर रही है और शून्य हताहतों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। 

  • अगले 5 वर्षों के लिए हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन समुद्र तटबंधों की सुरक्षा के साथ तटीय क्षेत्रों के लोगों के जीवन और संपत्ति को बचाने में मदद करेगा।

  • ओडिशा में लगभग 480 किमी लंबाई की एक विशाल तटरेखा है और तटीय क्षेत्र प्राकृतिक आपदाओं के संपर्क में है।

राष्ट्रीय समुद्र प्रौद्योगिकी संस्थान ( NIOT ) के बारे में 

  • पृथ्‍वी विज्ञान मंत्रालय के तहत राष्‍ट्रीय समुद्र प्रौद्योगिकी संस्‍थान , भारत का प्रमुख संस्थान है जो महासागर इंजीनियरिंग और समुद्र तट संरक्षण के क्षेत्र में विशेषज्ञता रखता हैI 

  • निर्देशक - जीए रामदास 

  • स्थापना - नवंबर 1993

  • मुख्यालय - चेन्नई , तमिलनाडु 



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