राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के अपने पहले संयुक्त सत्र को संबोधित किया
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'आत्मनिर्भर भारत' पर ध्यान केंद्रित करते हुए, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 31 जनवरी को संसद के अपने पहले संयुक्त सत्र (लोकसभा और राज्यसभा) को संबोधित किया।
खबर का अवलोकन
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, भारत ने अपनी आजादी के 75 साल पूरे करते हुए अमृत काल में प्रवेश कर लिया है।
अमृत काल आजादी के 100 साल और विकसित भारत के निर्माण की अवधि है। ये 25 साल सभी नागरिकों के लिए अपने कर्तव्य पर ध्यान केंद्रित करने की अवधि है।
उन्होंने कहा कि सरकार गुलामी की हर निशानी से छुटकारा पाने का प्रयास कर रही है, इसका एक उदाहरण राजपथ से कर्तव्य पथ का नाम बदलना है।
उन्होंने कहा 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान की सफल रहा है, जिसके कारण भारत में पहली बार महिलाओं की संख्या पुरुषों से ज्यादा है।
सरकार की प्राथमिकता 11 करोड़ छोटे किसान हैं जो दशकों से सरकारी लाभ से वंचित थे।
पहले टैक्स रिफंड के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता था लेकिन आज इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के कुछ दिनों के अंदर रिफंड मिल जाता है।
भारतीय रेलवे तेजी से दुनिया का सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक रेलवे नेटवर्क बनने की ओर बढ़ रहा है।
भारत जी20 सदस्य देशों के साथ मिलकर वैश्विक चुनौतियों का सामूहिक समाधान खोजने की कोशिश कर रहा है।
संसदीय सत्र
सामान्य तौर पर, संसदीय सत्र तीन प्रकार के होते हैं:
बजट सत्र
यह सबसे लंबा सत्र है, जो जनवरी के अंत में शुरू होता है और अप्रैल के अंत या मई के पहले सप्ताह तक समाप्त होता है।
सत्र में अवकाश होता है ताकि संसदीय समितियां बजटीय प्रस्तावों पर चर्चा कर सकें।
यह सत्र हर साल दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ शुरू होता है।
मानसून सत्र
मानसून सत्र हर साल जुलाई से सितंबर में आयोजित किया जाता है। यह बजट सत्र के दो महीने के अंतराल के बाद शुरू होता है।
इस सत्र में जनहित के मामलों पर चर्चा होती है।
शीतकालीन सत्र
यह सत्र हर साल नवंबर के मध्य से दिसंबर के मध्य तक आयोजित किया जाता है। यह सबसे छोटा सत्र है।
इसमें उन मामलों को उठाया जाता है जिन पर पहले विचार नहीं किया जा सका था।
संसद की संयुक्त बैठक
भारत का संविधान लोकसभा और राज्यसभा के बीच गतिरोध को दूर करने के लिए संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक का प्रावधान करता है।
संसद की संयुक्त बैठक देश के राष्ट्रपति द्वारा बुलाई जाती है।
संयुक्त बैठक की अध्यक्षता स्पीकर करता है। स्पीकर की अनुपस्थिति में लोकसभा का उपाध्यक्ष इसकी अध्यक्षता करता है।
यदि उपरोक्त में से कोई उपस्थित नहीं है, तो संसद का कोई अन्य सदस्य दोनों सदनों की आम सहमति से अध्यक्षता कर सकता है।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 108 में संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक का प्रावधान है।
संविधान के अनुच्छेद 87 में दिए गए प्रावधान के अनुसार राष्ट्रपति विधायी शक्तियों के अंतर्गत दो बार संसद के दोनों सदनों को संबोधित करता है-
1. प्रत्येक नए चुनाव के बाद
2. प्रत्येक वर्ष संसद के प्रथम अधिवेशन को
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