राज्यसभा ने सामूहिक विनाश के हथियार संशोधन विधेयक 2022 पर चर्चा की
Tags: National News
राज्यसभा ने 21 जुलाई को सामूहिक विनाश के हथियार और उनकी वितरण प्रणाली (गैरकानूनी गतिविधियों का निषेध) संशोधन विधेयक 2022 पर चर्चा की।
महत्वपूर्ण तथ्य
यह विधेयक सामूहिक विनाश के हथियार और उनकी वितरण प्रणाली (गैरकानूनी गतिविधियों का निषेध) अधिनियम, 2005 में संशोधन के लिए लाया गया है।
2005 का अधिनियम सामूहिक विनाश के हथियारों और उनके वितरण के साधनों से संबंधित निर्माण, परिवहन, या हस्तांतरण जैसी गैरकानूनी गतिविधियों को प्रतिबंधित करता है।
विधेयक में सामूहिक विनाश के हथियारों (WMD) से संबंधित किसी भी गतिविधि के वित्तपोषण पर रोक लगाने और ऐसी गतिविधियों के वित्तपोषकों के विरुद्ध कार्रवाई करने का अधिकार देने की परिकल्पना की गई है।
विधेयक का उद्देश्य
सामूहिक विनाश के हथियारों से संबंधित गतिविधियों के वित्तपोषण पर प्रतिबंध लगाना
वित्तपोषण को रोकने के लिए केंद्र को धन, वित्तीय संपत्ति या आर्थिक संसाधनों को फ्रीज करने, ज़ब्त करने या संलग्न करने का अधिकार देना
सामूहिक विनाश के हथियारों और उनकी वितरण प्रणालियों के संबंध में धन, वित्तीय संपत्ति या आर्थिक संसाधन उपलब्ध कराने पर रोक लगाना।
सामूहिक विनाश के हथियार क्या हैं?
ऐसे हथियार जिनसे बड़े पैमाने पर मौत और विनाश होने की संभावना होती है तथा एक शत्रु शक्ति के हाथों में इनकी उपस्थिति को एक गंभीर खतरा माना जा सकता है।
परमाणु, जैविक, रासायनिक हथियारों को सामूहिक विनाश के हथियार कहा जा सकता है।
जापान में हिरोशिमा और नागासाकी हमले में इस्तेमाल किये गए परमाणु बम सामूहिक विनाश के हथियारों में शामिल है।
सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए 1968 की परमाणु अप्रसार संधि, वर्ष 1972 का जैविक हथियार सम्मेलन और वर्ष 1993 का रासायनिक हथियार सम्मेलन प्रमुख हैं।
भारत ने परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं, लेकिन जैविक हथियार सम्मेलन और रासायनिक हथियार सम्मेलन दोनों का हस्ताक्षरकर्त्ता है।
Please Rate this article, so that we can improve the quality for you -