यूआईडीएआई ने परिवार का मुखिया की सहमति से ऑनलाइन पते में बदलाव की अनुमति दी
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भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने 3 जनवरी 2023 को जारी एक अधिसूचना में निवासियों को अपने परिवार के मुखिया की सहमति से आधार में दर्ज पते को ऑनलाइन अपडेट करने की अनुमति दी है।
आवेदक और परिवार के मुखिया (एचओएफ ) दोनों के नाम और उनके बीच संबंध का उल्लेख करते हुए राशन कार्ड, मार्कशीट, विवाह प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आदि जैसे संबंध दस्तावेजों के प्रमाण प्रस्तुत करने के बाद नई प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। इस प्रक्रिया के लिए एचओएफ द्वारा ओटीपी-आधारित प्रमाणीकरण की आवश्यकता होती है।
यूआईडीएआई के अनुसार 18 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी निवासी इस उद्देश्य के लिए एचऔफ हो सकता है और इस प्रक्रिया के माध्यम से अपने या अपने रिश्तेदारों के साथ अपना पता साझा कर सकता है।
निवासियों को सेवा के लिए 50 रुपये का शुल्क देना होगा।
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई)
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) आधार (वित्तीय और अन्य सब्सिडी, लाभ और सेवाओं का लक्षित वितरण) अधिनियम, 2016 के प्रावधानों के तहत स्थापित एक वैधानिक प्राधिकरण है।
इसकी स्थापना 12 जुलाई 2016 को भारत सरकार द्वारा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत की गई थी।
यूआईडीएआई को भारत के सभी निवासियों को विशिष्ट पहचान संख्या आधार जारी करने के लिए बनाया गया था। यह प्राधिकरण द्वारा निर्धारित सत्यापन प्रक्रिया को पूरा करने के बाद भारत के निवासियों को 12 अंकों का बायोमेट्रिक आधार नंबर जारी करता है।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ): डॉ सौरभ गर्ग
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