केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पांच राज्यों की जनजातियों को एसटी श्रेणी में शामिल करने की मंजूरी दी
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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 14 सितंबर को पांच राज्यों छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जनजाति की सूची में लगभग 15 आदिवासी समुदायों को शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी।
महत्वपूर्ण तथ्य -
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के हट्टी समुदाय को कैबिनेट के ताजा फैसले में एसटी का दर्जा दिया गया है।
कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश के 13 जिलों में रहने वाले गोंड समुदाय को अनुसूचित जाति सूची से अनुसूचित जनजाति सूची में लाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। इसमें गोंड समुदाय की पांच उपश्रेणियां (धुरिया, नायक, ओझा, पथरी और राजगोंड) शामिल हैं।
पांच राज्यों की जिन जातियों को अनुसूचित जनजाति (एसटी) में शामिल करने का फैसला लिया गया है, उनमें छत्तीसगढ़ की 12 जातियां हैं।
इनमें भारियाभूमिया के पर्याय के रूप में भूईंया, भूईयां, भूयां, भरिया को एसटी में शामिल किया गया है।
इस फैसले से देश में अनुसूचित जनजातियों की संख्या 705 से बढ़कर 720 हो गई है।
2011 की जनगणना के अनुसार देश में अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या 10.43 करोड़ है, जो देश की कुल जनसंख्या का 8.6% है।
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