केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय ने विदेश व्यापार नीति को छह महीने के लिए मार्च 2023 तक बढ़ाया
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केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने वर्तमान विदेश व्यापार नीति (एफ़टीपी) की वैधता को और छह महीने के लिए, मार्च 2023 तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। सरकार ने 29 सितंबर को नई एफ़टीपी जारी करने की योजना बनाई थी और इसे 1 अक्टूबर 2022 से लागू होना था। वर्तमान एफ़टीपी की वैधता 2015-2020 के लिए थी और इसे सितंबर 2022 तक तीन बार बढ़ाया जा चुकाहै ।
एफ़टीपी की वैधता को बढ़ाने का मुख्य कारण कोविड -19 महामारी के मद्देनजर नीतिगत स्थिरता प्रदान करना और निर्यातकों की मदद करने के लिए किया गया था।
वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार अनिश्चित वैश्विक वातावरण के कारण विभिन्न उद्योग संघों और राज्य समर्थित निर्यात प्रोत्साहन परिषदों की मांगों के बाद ऐसा किया गया है।
एफ़टीपी का विस्तार करने के कारण
सरकार के अनुसार भारत में निर्यात निकाय चाहते थे कि सरकार एक वित्तीय वर्ष की शुरुआत से नीति लागू करे, न कि मध्य वर्ष में।
यूक्रेन की स्थिति, मुद्रा में उतार-चढ़ाव और संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप के प्रमुख बाजारों में मंदी की आशंका के कारण वैश्विक स्थिति वर्तमान में बहुत अनिश्चित है। सरकार को उम्मीद है कि अगले छह महीनों में वैश्विक स्थिति साफ हो जाएगी।
नवीनतम विस्तार से निर्यातकों के लिए नीति व्यवस्था को पूर्वानुमेयता मिलेगी और उन्हें बिना मौजूदा कार्यक्रमों के तहत प्रोत्साहन प्राप्त करना जारी रखने में सक्षम बनाया जाएगा।
विदेश व्यापार नीति
विदेश व्यापार नीति केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा तैयार की गई है।
नीति भारत से माल के आयात और निर्यात के संबंध में दिशानिर्देशों प्रदान करती है।
विदेश व्यापार नीति आम तौर पर पांच साल की अवधि की होती है।
एफ़टीपी को विदेश व्यापार महानिदेशालय द्वारा प्रशासित किया जाता है
भारत का व्यापार डेटा
2021-22 में भारत से माल का कुल निर्यात 417.81 अरब डॉलर था
अप्रैल से जुलाई 2022 में भारत से माल का कुल निर्यात 253.84 अरब डॉलर था।
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री: पीयूष गोयल
फुल फॉर्म
एफ़टीपी/ FTP : फॉरेन ट्रेड पालिसी
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