अमेरिका हैदराबाद के पैगाह मकबरों के जीर्णोद्धार का समर्थन करेगा

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हैदराबाद में 18वीं-19वीं शताब्दी में निर्मित 6 पैगाह मकबरों के संरक्षण और बहाली के लिये अमेरिका द्वारा 250,000 डॅालर (सांस्कृतिक संरक्षण के लिये अमेरिकी राजदूत कोष द्वारा) की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।

खबर का अवलोकन 

  • इस परियोजना को आगा खान ट्रस्ट फॉर कल्चर द्वारा लागू किया जायेगा। 

  • पैगाह मकबरा परिसर पुरातत्व विभाग, तेलंगाना सरकार का एक संरक्षित परिसर है।

  • पैगाह मकबरा (या मकबरा शम्स अल-उमरा) पैगाह परिवार के कुलीनता से संबंधित एक मकबरा है, जिसने हैदराबाद के निजाम (आसफ जाही वंश) की सेवा की थी।

  • इस मकबरे के निर्माण का काम 1787 में नवाब तेगजंग बहादुर ने शुरू करवाया था और फिर बाद में इसके निर्माण कार्य में उनके बेटे आमिर ए कबीर प्रथम ने हाथ बंटाया। 

  • यह अपनी वास्तुशिल्पीय बनावट के लिए भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि मकबरे की वास्तुशिल्प शैली पूरे विश्व में बेजोड़ है। 

  • मकबरे को संगमरमर के चूने से सजाया गया है और इसमें ग्रीक, पर्सियन, मुगल, राजस्थानी, असिफ जाही और दक्कनी वास्तुशिल्प का मिश्रण देखने को मिलता है। 

  • 18वीं शताब्दी में पैगाह हैदराबाद के सबसे प्रभावशाली और शक्तिशाली परिवारों में से थे। अधिकांश शासकों की तुलना में वे अमीर थे, साथ ही क्षेत्र की सुरक्षा एवं रक्षा के लिये भी ज़िम्मेदार थे। 

  • पैगाह इस्लाम के दूसरे खलीफा हजरत उमर बिन अल-खताब के वंशज होने का दावा करते आये है।


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