उत्तर प्रदेश सरकार 2041 तक वृंदावन-मथुरा तीर्थस्थल को कार्बन न्यूट्रल बनाएगी
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उत्तर प्रदेश सरकार ने 2041 तक वृंदावन-मथुरा पर्यटक तीर्थस्थल को कार्बन न्यूट्रल बनाने की महत्वाकांक्षी योजना बनाई है। कार्बन न्यूट्रल स्थिति की योजना बनाने वाला यह भारत का पहला पर्यटन केंद्र है ।
सरकार को उम्मीद है कि मथुरा वृंदावन क्षेत्र में पर्यटकों का आगमन वर्तमान 2.3 करोड़ प्रति वर्ष से बढ़कर 2041 में लगभग 6 करोड़ हो जाएगा। लोगों के आगमन में अपेक्षित वृद्धि और कार्बन फुटप्रिंट में वृद्धि से निपटने के लिए, सरकार ने 2041 तक इस क्षेत्र को कार्बन न्यूट्रल बनाने की योजना बनाई है।
सरकार की योजना
- पूरे तीर्थ क्षेत्र को चार समूहों में विभाजित किया जाएगा, जिनमें से प्रत्येक में आठ प्रमुख स्थलों में से दो होंगे।
- योजना में 'परिक्रमा पथ' नामक छोटे सर्किट बनाने का प्रस्ताव है, जहाँ तीर्थयात्री पैदल या इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग कर सकते हैं।
- कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए सरकार का इरादा पूरे ब्रज क्षेत्र में निजी पर्यटक वाहनों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का है।
- चिन्हित क्षेत्र में सिर्फ इलेक्ट्रिक पब्लिक ट्रांसपोर्ट चलेंगे।
- सभी 252 जल निकायों और 24 जंगलों को पुनर्जीवित किया जाएगा ताकि वे कार्बन सिंक के रूप में कार्य कर सकें
मथुरा-वृंदावन क्षेत्र और उसका महत्व
- मथुरा और वृंदावन शहर भगवान कृष्ण के जन्म और बचपन से जुड़ा हुआ है।
- दोनों शहर यमुना नदी के किनारे स्थित हैं।
- मथुरा का उल्लेख रामायण में मिलता है और यह कुषाण राजा कनिष्क (130 ईस्वी) की राजधानियों में से एक थी।
- यहाँ कुछ प्रसिद्ध मंदिर हैं: गोविंद देव मंदिर, रंगाजी मंदिर, द्वारिकाधीश मंदिर, बांके बिहारी मंदिर और इस्कॉन मंदिर।
- गोकुल, बरसाना और गोवर्धन भगवान कृष्ण की कथा से जुड़ी अन्य टाउनशिप हैं।
कार्बन न्यूट्रल और नेट जीरो क्या है?
कार्बन न्यूट्रल का तात्पर्य वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड की उतनी मात्रा को विभिन्न तरीकों से हटाने से है, जितनी मात्रामें कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन हों रहा है ताकि उत्पादन और हटाई गयी मात्रा कुल मिला कर शून्य हो।
नेट ज़ीरो का अर्थ है ग्रीनहाउस गैसों (जैसे CO2, मीथेन, CFC आदि) की उतनी मात्रा को विभिन्न तरीकों से हटाने से है, जितनी मात्रा में ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन हों रहा है ताकि उत्पादन और हटाई गयी मात्रा कुल मिला कर शून्य हो।
महत्वपूर्णजानकरी
भारत ने 2070 तक शून्य शुद्ध उत्सर्जन वाला देश बनने का लक्ष्य रखा है।
जम्मू के सांबा जिले में पल्ली पंचायत भारत की पहली कार्बन न्यूट्रल पंचायत है।
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