डब्ल्यूएचओ ने मंकीपॉक्स बीमारी का नाम बदलकर एमपॉक्स” कर दिया है

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WHO has changed the name of Monkeypox disease to mpox

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 28 नवंबर 2022 को घोषणा की है कि वह  मंकीपॉक्स  के पर्याय के रूप में “ एमपॉक्स”( mpox) शब्द का प्रयोग करेगा। एक वर्ष के लिए दोनों नामों का एक साथ उपयोग किया जाएगा, और "मंकीपॉक्स" शब्द  को चरणबद्ध तरीके से समाप्त कर दिया जाएगा।

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि दुनिया के कुछ देशों में बीमारी के मूल नाम को "नस्लवादी और कलंकित करने वाला" माना जाता था।  इसिलए डब्ल्यूएचओ ने यह निर्णय लिया है।

रोगों के अंतर्राष्ट्रीय वर्गीकरण (आईसीडी) के तहत नए और बहुत ही असाधारण रूप से मौजूदा बीमारियों को नाम देना डब्ल्यूएचओ की जिम्मेदारी है ।

23 जुलाई 2022 को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मंकीपॉक्स रोग को "अंतर्राष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल" (पीएचईआईसी)" घोषित किया था । यह डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी किया जाने वालास्वास्थ्य चेतावनी का उच्चतम स्तर है।

मंकीपॉक्स बीमारी

  • मंकीपॉक्स एक वायरल जूनोटिक बीमारी है जो मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय वर्षावन क्षेत्रों पाई जाती  है।
  • यह पहली बार 1958 में बंदरों में पहचाना गया था इसलिए इसे मंकीपॉक्स कहा जाता है। यह पहली बार 1970 में मनुष्यों में पहचाना गया था।
  • ज़ूनोसिस एक संक्रामक रोग है जो जानवरों से मनुष्यों में फैलता है।
  • देश में मंकीपॉक्स का पहला मामला भी 14 जुलाई को केरल के कोल्लम जिले से सामने आया था।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ)

विश्व स्वास्थ्य संगठन संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है जिसकी स्थापना 7 अप्रैल, 1948 को हुई थी।

डब्ल्यूएचओ का मुख्यालय: जिनेवा, स्विट्जरलैंड

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक: इथियोपिया के टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस

सदस्य देश : 194


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