विश्व दुग्ध दिवस
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डेयरी क्षेत्र से जुड़ी गतिविधियों पर ध्यान आकर्षित करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 1 जून को विश्व दुग्ध दिवस के रूप में मनाया जाता हैI
यह दिन दूध को वैश्विक भोजन के रूप में मान्यता देने और डेयरी उद्योग का जश्न मनाने के लिए मनाया जाता है।
विश्व दुग्ध दिवस 2022 थीम - 'डेयरी नेट जीरो' है।
इसकी स्थापना संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) द्वारा वर्ष 2001 से हर साल 1 जून को विश्व दुग्ध दिवस के तौर पर मनाया जाता है।
भारत में श्वेत क्रांति के जनक और दुग्ध उत्पादन के जनक वर्गीज कुरियन की जयंती 26 नवंबर को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के रूप में मनाया जाता है।
दूध और दूध के उत्पाद से जुड़े कुछ अन्य तथ्य
भारत विश्व का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है जो 22 प्रतिशत का वैश्विक उत्पादन करता है। इसके बाद संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, पाकिस्तान और ब्राज़ील आते हैं।
उत्तर प्रदेश भारत में सबसे अधिक दूध उत्पादन करने वाला राज्य है और भारत में कुल दूध उत्पादन में 17% से अधिक की हिस्सेदारी करता है।
भारत में दूध की उपलब्धता प्रति व्यक्ति प्रति दिन 406 ग्राम है I
साधारण दूध में 85 प्रतिशत जल होता है और शेष भाग में ठोस तत्त्व यानी खनिज व वसा होता है।
दूध प्रोटीन, कैल्शियम और राइबोफ्लेविन (विटामिन बी -2) युक्त होता है I
दूध में विटामिन ए, डी, के और ई सहित फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, आयोडीन व कई खनिज और वसा तथा ऊर्जा भी होती है।
लैक्टोमीटर के द्वारा दूध की शुद्धता को मापा जाता है।
राष्ट्रीय दुग्ध अनुसंधान संस्थान करनाल (हरियाणा ) में स्थित है I
दूध में लैक्टोज नामक कार्बनिक यौगिक पाया जाता है।
ताजे दूध का pH मान 6 होता है जब दूध दही में बदलता है तो इसका pH मान 6 से कम हो जाता है I
दूध से दही जमाने में लैक्टोबैसिलस जीवाणु सहायक होता है I
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