Current Affairs search results for tag: popular
By admin: March 1, 2022

1. आईपीसीसी ने वैश्विक जलवायु परिवर्तन के अपरिवर्तनीय प्रभाव की चेतावनी दी

Tags: Popular Science and Technology

इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) ने पृथ्वी के लिए एक गंभीर भविष्य की चेतावनी दी है यदि वैश्विक तापन जारी रहती है और वैश्विक तापमान 1.5% से अधिक बढ़ता है।

  • नवीनतम चेतावनियां आईपीसीसी की छठी आकलन रिपोर्ट के दूसरे भाग में आई हैं जो जलवायु परिवर्तन के प्रभावों, जोखिमों और कमजोरियों और अनुकूलन विकल्पों के बारे में बात करती है। रिपोर्ट का पहला भाग पिछले वर्ष अगस्त में जारी किया गया था।

  • आकलन रिपोर्ट, जिनमें से पहली 1990 में सामने आई थी, पृथ्वी की जलवायु की स्थिति का सबसे व्यापक मूल्यांकन है। इसके पश्चात् वर्ष 1995, 2001, 2007 और 2015 में  रिपोर्ट जारी की गई। 

रिपोर्ट में उन बढ़ते प्रभावों पर प्रकाश डाला गया है जो वैश्विक तापमान में वृद्धि के रूप में अपेक्षित हैं, जो वर्तमान में 1.1C के आसपास है, जो 1850 के स्तर से 1.5C तक बढ़ गया है।

रिपोर्ट की मुख्य बातें

  • दक्षिण एशिया अपनी असमानता और गरीबी के कारण गंभीर जलवायु परिवर्तन प्रभावों के प्रति सबसे अधिक संवेदनशील है।

  • एशिया में गंगा, सिंधु, अमु दरिया नदी घाटियों को 2050 तक पानी की गंभीर कमी का सामना करना पड़ेगा। यह इस क्षेत्र में कृषि और पेयजल की कमी पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा।

  • अहमदाबाद शहर शहरी ऊष्मा द्वीप प्रभाव के जोखिम का सामना कर रहा है। इसका अर्थ है कि शहर का औसत तापमान आसपास के क्षेत्रों की तुलना में अधिक रहेगा।

  • मुंबई में समुद्र का स्तर बढ़ने और इसके परिणामस्वरूप बाढ़ आने का उच्च जोखिम है।

  • यदि तापमान 1-4 डिग्री सेंटीग्रेड बढ़ता है तो दुनिया में चावल का उत्पादन 10-30% तक गिर सकता है और मक्के का उत्पादन 25-70% तक गिर सकता है।

  • यदि तापमान 1850 के स्तर से 1.7 और 1.8C के बीच बढ़ता है, तो रिपोर्ट में कहा गया है कि आधी मानव आबादी गर्मी और उमस से उत्पन्न होने वाली जीवन-धमकी वाली जलवायु परिस्थितियों के संपर्क में आ सकती है।

बढ़ता समुद्र स्तर: 

आईपीसीसी की रिपोर्ट के अनुसार, अगर सरकारें अपने मौजूदा उत्सर्जन-कटौती वादों को पूरा करती हैं, तो इस सदी में वैश्विक समुद्र का स्तर 44-76 सेंटीमीटर बढ़ जाएगा। तेजी से उत्सर्जन में कटौती के साथ, वृद्धि 28-55 सेमी तक सीमित हो सकती है।

लेकिन उच्च उत्सर्जन के साथ, और यदि बर्फ की चादरें अपेक्षा से अधिक तेज़ी से गिरती हैं, तो समुद्र का स्तर इस सदी में 2 मीटर और 2150 तक 5 मीटर तक बढ़ सकता है।

आईपीसीसीसी

जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल की स्थापना विश्व मौसम विज्ञान संगठन और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम द्वारा 1988 में की गई थी।

आईपीसीसी का उद्देश्य

इसको स्थापित  करने का मुख्य उद्देश्य था की यह :

  • जलवायु परिवर्तन के विज्ञान के ज्ञान की स्थिति के संबंध में एक व्यापक समीक्षा और सिफारिशें तैयार करेगा ;

  • जलवायु परिवर्तन के सामाजिक और आर्थिक प्रभाव का आंकलन करेगा ,

  • भविष्य में होने वाले संभावित जलवायु पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के लिए रणनीतियाँ बनाना और इसमें शामिल होने वाले संभावित तत्त्व को  तलाश करना ।

इसका मुख्यालय: जिनेवा, स्विट्जरलैंड;

वर्तमान अध्यक्ष: होसुंग ली;

इसने 2007 में पूर्व अमेरिकी उप-राष्ट्रपति अल गोर के साथ नोबेल शांति पुरस्कार साझा किया।

अन्य महत्वपूर्ण तथ्य: 

वेट बल्ब तापमान क्या है? 

मानव शरीर गर्मी और आर्द्रता के बाहरी वातावरण के आधार पर हमारे शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है। यदि तापमान अधिक होता है तो हमारा शरीर पसीने से हमारे शरीर के तापमान को कम करने की कोशिश करता है। हम जितना अधिक पसीना बहाते हैं, उतनी ही तेजी से शीतलन होता है। हालाँकि यदि आर्द्रता (हवा में जलवाष्प) अधिक है तो हमारे शरीर की ठंडा करने की क्षमता भी कम हो जाती है। इसलिए शुष्क गर्मी अत्यधिक आर्द्रता की तुलना में अधिक सहनीय महसूस करती है।

वेट-बल्ब का तापमान, ऊष्मा और आर्द्रता दोनों के लिए उत्तरदायी होता है, और यह दर्शाता है कि मानव शरीर में शीतलन के लिए दोनों संयोजनों (ऊष्मा और आर्द्रता) का क्या अर्थ है।

इस तापमान को मापने में सामान्य थर्मामीटर आदर्श नही होता, बल्कि इसके लिए वेट बल्ब थर्मामीटर इस्तेमाल होता है। इसमें पारा तो होता है लेकिन ये गीले कपड़े से कवर किया जाता है। इसमें आमतौर पर मलमल का कपड़ा उपयोग में लाया जाता है और उसे ठंडे पानी से भरे बर्तन में डुबोकर रखते हैं। इससे जो मापन तापमान लिया जाता है, वो हवा में नमी का संकेत देता है।

वेट बल्ब के तापमान के लिए 35 डिग्री सेंटीग्रेड को अधिकतम सीमा माना जाता है। 

यदि वेट बल्ब का तापमान 35 डिग्री सेंटीग्रेड तक पहुंच जाता है तो एक सामान्य स्वस्थ इंसान पसीने से अपने शरीर की गर्मी नहीं खो सकता है और अगर वे काफी समय तक बाहर रहते हैं तो हीट स्ट्रोक से मृत्यु हो सकती है।

पृथ्वी के तापमान में निरंतर वृद्धि के साथ, वेट बल्ब के तापमान की घटना का जोखिम सामान्य होने की उम्मीद है।

By admin: Feb. 19, 2022

2. इंडिया इंटरनेशनल ज्वैलरी शो (आईआईजेएस) सिग्नेचर 2022 का उद्घाटन पीयूष गोयल ने किया

Tags: Popular Summits

वाणिज्य और उद्योग, कपड़ा, उपभोक्ता मामले और खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री पीयूष गोयल ने 18 फरवरी 2022 को मुंबई में इंडिया इंटरनेशनल ज्वैलरी शो (आईआईजेएस) सिग्नेचर का उद्घाटन किया। 

  • आईआईजेएस सिग्नेचर इवेंट का आयोजन जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) द्वारा किया जा रहा है। 

  • यह आयोजन 18 से 21 फरवरी 2022 तक होगा।

  • मंत्री के अनुसार, रत्न और आभूषण क्षेत्र के 2021-22 में 40 अरब डॉलर के निर्यात लक्ष्य प्राप्त करने की संभावना है।

  • 2021-22 (अप्रैल से जनवरी) में रत्न और आभूषण क्षेत्र का कुल निर्यात 32.13 अरब डॉलर था। (स्रोत - पीआईबी)

  • संयुक्त राज्य अमेरिका भारतीय रत्न और आभूषण का सबसे बड़ा बाजार है।

महत्वपूर्ण तथ्य : 

  • वर्ष 2020 में रत्न और आभूषण के कुल विश्व निर्यात में भारत की हिस्सेदारी 3.5% थी।

  • भारत, 2020 में विश्व में रत्न और आभूषण का 7वां सबसे बड़ा निर्यातक देश था।

  • स्विट्जरलैंड, विश्व में रत्न और आभूषण का सबसे बड़ा निर्यातक देश  है।

  • भारत विश्व में हीरे का सबसे बड़ा निर्यातक है।

  • भारत विश्व में कटे और पॉलिश किए गए हीरों का सबसे बड़ा निर्यातक है। गुजरात में सूरत विश्व के लगभग 90% कटे और पॉलिश किए गए हीरों का प्रसंस्करण करता है।

  • भारत विश्व में सोने के आभूषणों का चौथा सबसे बड़ा निर्यातक है।

  • भारत विश्व में चांदी के आभूषणों का सबसे बड़ा निर्यातक है।

स्रोत: जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी)

नोट: रत्न और आभूषण में सोना, चांदी और मोती, कीमती और अर्ध-कीमती पत्थर शामिल हैं।

इन्हें भी जानिए :

  • जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी)

  • यह 1966 में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा स्थापित किया गया था।

  • यह भारत में रत्न और आभूषण के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया गया था। इसका मुख्यालय: मुंबई।

By admin: Feb. 17, 2022

3. जी. अशोक कुमार प्रथम राष्ट्रीय समुद्री सुरक्षा समन्वयक के रूप में नियुक्त

Tags: Popular Person in news National News

भारत सरकार ने वाइस एडमिरल (सेवानिवृत्त) जी अशोक कुमार को भारत का पहला राष्ट्रीय समुद्री सुरक्षा समन्वयक (एनएमएससी) नियुक्त किया है। 

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (सीसीएस) ने नवंबर 2021 में नए पद के सृजन की मंजूरी दी थी।

  • एनएमएससी, भारतीय नौसेना, तटरक्षक बल, राज्य पुलिस और अन्य एजेंसियों जो भारत की तटीय सुरक्षा में शामिल है के मध्य समन्वय के लिए उत्तरदायी होगा। 

  • वह सीधे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को रिपोर्ट करेंगे। 

  • भारत की तटरेखा 7516.6 किमी है जिसमें 13 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं।

ऐसे पद की आवश्यकता क्यों  

26 नवंबर, 2008 को, 10 पाकिस्तानी आतंकवादी समुद्र के रास्ते मुंबई में घुस आए, करांची से नाव से पहुंचे और मुंबई में कहर ढाया जिसमें लगभग 166 लोग मारे गए।मुंबई में हुई इस आतंकवादी घटना ने सुरक्षा एजेंसियों के बीच समन्वय की पूर्ण कमी को उजागर किया।

भविष्य में इस तरह की सुरक्षा विफलता को रोकने के लिए और सुरक्षा एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय के लिए यह पद बनाया गया है।

परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण फुल फॉर्म

सीसीएस: कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी (सुरक्षा पर कैबिनेट समित)

एनएमएससी: नेशनल मेरीटाइम सिक्योरिटी कोऑर्डिनेटर (राष्ट्रीय समुद्री सुरक्षा समन्वयक) 

एनएसए: नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार)

By admin: Feb. 14, 2022

4. इसरो ने 2022 का पहला उपग्रह लॉन्च किया

Tags: Popular Science and Technology National News

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 14 फरवरी 2022 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से एक ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान-सी52 (पीएसएलवी-सी52) का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया।

पीएसएलवी-सी52  रॉकेट ने तीन उपग्रहों ईओएस-04 (EOS-04), इंस्पायर सैट-1 (INSPIRE Sat-1) और आईएनएस-2टीडी (INS-2TD) का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया।

पीएसएलवी-सी52 द्वारा वहन किए गए उपग्रह

ईएसओ-04 उपग्रह: 

यह एक रडार इमेजिंग सैटेलाइट है जिसे कृषि, वानिकी और वृक्षारोपण, मिट्टी की नमी और जल विज्ञान और बाढ़ मानचित्रण जैसे अनुप्रयोगों के लिए सभी मौसम की स्थिति में उच्च गुणवत्ता वाली छवियां प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

यह 1,710 किलोग्राम का उपग्रह है जिसे बेंगलुरु के यूआर राव सैटेलाइट सेंटर में तैयार किया गया।

इसे 529 किमी की सूर्य तुल्यकालिक ध्रुवीय कक्षा में स्थापित किया जाएगा।

इंस्पायर सैट-1

यह भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान तिरुवनंतपुरम, केरल के छात्रों द्वारा कोलोराडो विश्वविद्यालय, बोल्डर नानयांग प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एनटीयू), सिंगापुर और राष्ट्रीय केंद्रीय विश्वविद्यालय (एनसीयू) ताइवान में वायुमंडलीय और अंतरिक्ष भौतिकी की प्रयोगशाला के सहयोग से बनाया गया एक सूक्ष्म उपग्रह है।

आईएनएस-2टीडी

यह एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शक उपग्रह है जो भारत-भूटान उपग्रह आईएनएस 2-बी का अग्रदूत है।

इसरो पीएसएलवी मिशन के बारे में तथ्य : 

  • ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल) इसरो का चार चरणों वाला रॉकेट है जिसे पहली बार 30 सितंबर 1993 को लॉन्च किया गया था।

  • एसडीएससी शार, श्रीहरिकोटा से यह 80वां प्रक्षेपण यान मिशन था;

  • यह पीएसएलवी की 54वीं उड़ान थी;

  • यह एक्सएल विन्यास (6 स्ट्रैप-ऑन मोटर्स) में पीएसएलवी की 23वीं उड़ान थी।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो)

  • इसरो की स्थापना 15 अगस्त 1969 को हुई थी
  • इसरो के अध्यक्ष: एस सोमनाथ
  • इसरो का मुख्यालय: बेंगलुरु, कर्नाटक
  • अंतरिक्ष स्टेशन जहां से इसरो  रॉकेट लॉन्च करता है: 
  • सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, शार, श्रीहरिकोटा, आंध्र प्रदेश।

परीक्षा के लिए फुल फॉर्म :

  • इसरो (ISRO) :  इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाईजेशन (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन);
  • पीएसएलवी (PSLV) : पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान);
  • ईओएस (EOS) : अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट्स (पृथ्वी प्रेक्षण उपग्रह);
  • एसडीएससी (SDSC): सतीश धवन स्पेस सेंटर (सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र);
  • शार (SHAR) : श्रीहरिकोटा रेंज;

By admin: Feb. 12, 2022

5. क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक

Tags: Popular International News

ऑस्ट्रेलिया ने 11 फरवरी 2022 को मेलबर्न में ‘चतुर्भुज सुरक्षा वार्ता’ या क्वाड (QUAD) की तीसरी व्यक्तिगत विदेश मंत्री की बैठक की मेजबानी की। इससे पहले व्यक्तिगत रूप से विदेश मंत्रियों की बैठकें अक्टूबर 2020 में टोक्यो में और सितंबर 2019 में न्यूयॉर्क में पहली विदेश मंत्रियो की  बैठक हुई थीं। 

मेलबर्न बैठक में भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर, अमेरिकी विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन, जापानी विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी और ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री मारिस पेन ने भाग लिया।

बैठक की समाप्ति के बाद एक संयुक्त बयान जारी किया गया। इसकी मुख्य बातें इस प्रकार हैं :

  • पहली बार क्वाड ने 2008 के मुंबई हमले के 26/11 और पठानकोट एयरबेस 2016 पर हमले की आतंकवादी घटना का उल्लेख किया और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने का आह्वान किया।

  • भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका के विदेश मंत्रियों ने क्वाड वैक्सीन पार्टनरशिप की समीक्षा की, जिसे पिछले साल मार्च में मेलबर्न में अपनी बैठक के दौरान लॉन्च किया गया था। साझेदारी में अमेरिकी और जापानी फंडिंग के साथ भारत में यूएस-विकसित टीकों की एक बिलियन खुराक के उत्पादन की परिकल्पना की गई है।

  • भारतीय कंपनी बायोलॉजिकल ई, अमेरिकी टेक्सास चिल्ड्रन हॉस्पिटल के वैज्ञानिकों डॉ. पीटर होटेज़ और मारिया बोटाज़ी द्वारा विकसित कोरोना वैक्सीन का निर्माण कर रही है। वैक्सीन को कॉर्बेवैक्स कहा जाता है। क्वाड वैक्सीन पार्टनरशिप के जरिए गरीब देशों को इस वैक्सीन की आपूर्ति की जाएगी।

  • जिम्मेदार और लचीला स्वच्छ-ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखला स्थापित करने के लिए ऑस्ट्रेलिया , 2022 के मध्य में एक ‘इंडो-पैसिफिक क्लीन एनर्जी सप्लाई चेन फोरम’ की बैठक आयोजित करेगा।

क्वाड (QUAD)

क्वाड या चतुर्भुज सुरक्षा वार्ता चार देशों अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत का एक समूह है। 2004 में हिंद महासागर में आई सुनामी आपदा के बाद इन देशों के बीच समुद्री सहयोग के लिए 2007 में जापानी प्रधान मंत्री शिंजो आबे द्वारा क्वाड की अवधारणा दी गई थी।

अब समूह को मुख्य रूप से इस क्षेत्र में चीनी प्रभाव का मुकाबला करने के लिए एक समूह के रूप में देखा जाता है।  

  • क्वाड के नेता की पहली आभासी शिखर बैठक मार्च 2021 में हुई थी।

  • चार देशों के नेताओं की पहली व्यक्तिगत शिखर बैठक संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा सितंबर 2021 में वाशिंगटन में आयोजित की गई थी जिसमें ऑस्ट्रेलियाई प्रधान मंत्री स्कॉट मॉरिसन, भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और जापानी प्रधान मंत्री योशीहिदे सुगा ने भाग लिया था।

  • अगली शिखर बैठक 2022 में जापान में होगी।

परीक्षा के लिए फुल फॉर्म

क्वाड (QUAD): क्वाड्रीलेटरल सिक्योरिटी डायलाग (चतुर्भुज सुरक्षा वार्ता)

Date Wise Search