1. इंडिया आइडियाज समिट नई दिल्ली में आयोजित
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यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल इंडिया (यूएसआईबीसी) ने नई दिल्ली में 6-7 सितंबर 2022 को अपनी 47वीं वार्षिक आम बैठक और इंडिया आइडियाज समिट का आयोजन किया।
महत्वपूर्ण तथ्य -
- शिखर सम्मेलन का फोकस "अमेरिका-भारत समृद्धि के अगले 75 वर्षों को अधिकतम करना" पर था
- यूएसआईबीसी इंडिया आइडियाज समिट और वार्षिक आम बैठक 47 वर्षों से अधिक समय से वाणिज्यिक और रणनीतिक सहयोग पर अमेरिका-भारत वार्ता के लिए एक महत्वपूर्ण मंच रहा है।
- इस साल के शिखर सम्मेलन में विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और अमेरिकी सरकार के ऊर्जा सचिव जेनिफर ग्रानहोम, दक्षिण एशिया मामलों के सहायक राज्य सचिव डोनाल्ड लू, जैसे शीर्ष सरकारी वक्ताओं ने भाग लिया।
यूएसआईबीसी क्या करता है ?
- यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल इंडिया (यूएसआईबीसी) एक बिजनेस लॉबी समूह है जो अमेरिका और भारत के बीच व्यापार को आसान, अधिक कुशल और अधिक लाभदायक बनाने के लिए अमेरिकी और भारतीय व्यापार का प्रतिनिधित्व करता है। यूएसआईबीसी यू.एस. और भारतीय सरकारों के सदस्यों और प्रमुख नीति निर्माताओं के बीच बैठकों की सुविधा प्रदान करता है।
- यूएसआईबीसी अध्यक्ष : अतुल केशप (वह एक अमेरिकी हैं)
2. एचडीएफसी बैंक 10 सेकंड के भीतर पर्सनल लोन देगा
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भारत में निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा बैंक, एचडीएफसी बैंक, ग्राहकों को 10 सेकंड के भीतर असुरक्षित व्यक्तिगत ऋण प्रदान करेगा। यह ऋण उन ग्राहकों को भी प्रदान किया जाएगा जिनका बैंक में कोई खाता नहीं है।
एचडीएफसी बैंक इस तरह की सुविधाएं देने वाला भारत का पहला बैंक है। हालाँकि यह उस ग्राहक को स्वीकृत किया जाता है जिसे बैंक द्वारा ऋण के लिए पूर्व-अनुमोदित किया गया है।
10 सेकंड के ऋण स्वरोजगार व्यक्तियों को लक्षित करेंगे।
महत्वपूर्ण तथ्य -
व्यक्तिगत ऋण :
- यह बैंक, एनबीएफसी आदि जैसे वित्तीय संस्थानों द्वारा दिया जाने वाला एक प्रकार का असुरक्षित(अनसेक्योर्ड) ऋण है।
- असुरक्षित ऋण का मतलब है कि ऋण के खिलाफ कोई सम्पति गिरवी नहीं रखा जाता है न ही आमतौर पर कोई गारंटी दिया जाता है ।
- ऋण की अनूठी विशेषता यह है कि इसका उपयोग किसी भी उद्देश्य के लिए किया जा सकता है। आम तौर पर बैंक द्वारा प्रदान किया गया ऋण किसी विशेष उद्देश्य के लिए होता है जैसे होम लोन का उपयोग केवल घर खरीदने के लिए, कार खरीदने के लिए कार ऋण आदि।
- व्यक्तिगत ऋण में बैंक यह नहीं पूछते कि ग्राहक द्वारा ऋण राशि का उपयोग किस उद्देश्य के किया जाना है।
अतिरिक्त जानकारी -
एचडीएफसी बैंक :
- यह भारत में भारत का सबसे बड़ा निजी क्षेत्र का बैंक है। इसे हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (एचडीएफसी) द्वारा प्रायोजित किया गया है।
- इसने जनवरी 1995 में अपना संचालन शुरू किया।
- सीईओ: शशिधर जगदीशन
- मुख्यालय: मुंबई
- टैगलाइन: बैंक आपकी मुट्ठी में
3. सेबी ने यस बैंक एटी-1 बॉन्ड मामले में राणा कपूर पर 2 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया
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भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने यस बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी राणा कपूर पर टियर- I बॉन्ड या एटी -1 के मिस-सेलिंग से जुड़े मामले में, 7 सितंबर 2022 को जारी अपने एक आदेश में 2 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
जुर्माना क्यों लगाया गया ?
- सेबी द्वारा यस बैंक को ग्राहकों को उच्च रिटर्न और सुरक्षा का वादा करके भ्रामक रूप से एटी -1 बांड को सुपर एफडी (सावधि जमा) के रूप में बेचने का दोषी पाया गया था।
अन्य के लिए दंड राशि :
- सेबी ने यस बैंक पर 25 करोड़ रुपये, विवेक कंवर पर 1 करोड़ रुपये और आशीष नासा और जसजीत सिंह बंगा पर 50-50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। कंवर, यस बैंक की निजी संपत्ति प्रबंधन टीम के प्रमुख थे और अन्य दो उनकी टीम के सदस्य थे।
अतिरिक्त टियर -1 (एटी -1) बांड क्या है ?
- बेसल 3 मानदंडों के तहत बैंक की नियामक पूंजी को टियर-1 और टियर 11 पूंजी में विभाजित किया गया है।
टियर-1 पूंजी :
- टियर 1 पूंजी को, सामान्य इक्विटी पूंजी 1 और अतिरिक्त टियर 1 में उप-विभाजित किया गया है
- सामान्य इक्विटी पूंजी में बैंकों द्वारा जारी किए गए साधारण इक्विटी शेयर होते हैं और जिन पर बैंक लाभांश का भुगतान कर सकते हैं।
- अतिरिक्त टियर 1 कैपिटल में परपेचुअल बॉन्ड होते हैं जिनकी कोई परिपक्वता तिथि नहीं होती है और बैंक इस पर बांड धारकों को ब्याज देती है।
- यह इस अर्थ में जोखिम भरा है कि यदि बैंक का पूंजी अनुपात, न्यूनतम निर्धारित स्तर से नीचे आता है तो बैंक ब्याज देना बंद कर सकते हैं या बांड को रद्द कर सकते हैं जिससे बांड धारकों को नुकसान हों सकता है।
- यस बैंक के निवेशक के साथ यही हुआ था। यस बैंक में वित्तीय संकट आने के बाद बैंक ने एटी -1 बॉन्ड पर ब्याज देना बंद कर दिया और उसने इन बांड को रद्द कर दिया ,जिससे बांड धारकों को भरी नुकसान हुआ था।
- टियर 11 पूंजी में कम से कम पांच साल की परिपक्वता के साथ असुरक्षित अधीनस्थ ऋण होते हैं।
अतिरिक्त जानकारी -
भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) :
- भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) की स्थापना 12 अप्रैल 1988 को हुई थी और इसे 30 जनवरी 1992 को सेबी अधिनियम 1992 द्वारा वैधानिक दर्जा दिया गया था।
- यह भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के अधीन आता है।
- यह भारत में पूंजी बाजार और कमोडिटी बाजार का नियामक है।
- सेबी के पहले अध्यक्ष डॉ एस ए दवे (1988-90) थे।
- माधबी पुरी बुच सेबी की वर्तमान और 10वीं अध्यक्ष हैं।
- मुख्यालय: मुंबई
4. पीयूष गोयल ने सैनफ्रांसिस्को में इंडिया यूएस स्टार्टअप सेतु -’बदलाव और कौशल उन्नयन के लिए उद्यमियों का समर्थन’ को शुरू किया
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केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री, पीयूष गोयल ने 6 सितंबर 2022 को सैन फ्रांसिस्को, संयुक्त राज्य अमेरिका में 'इंडिया-यूएस स्टार्टअप सेतु' (बदलाव और कौशल उन्नयन के लिए उद्यमियों का समर्थन” का शुभारंभ किया।
महत्वपूर्ण तथ्य -
स्टार्टअप का उद्देश्य :
- पीयूष गोयल ने कहा कि यह भारतीय और अमेरिकी कंपनियों के बीच एक सेतु का काम करेगा और उद्यमियों को बदलाव व कौशल उन्नयन में मदद करेगा तथा यूएस में प्रवासी भारतीय की सफलता की कहानियों से प्रेरणा प्राप्त करने में समर्थन प्रदान करेगा।
- श्री गोयल ने कहा कि समर्थन, मार्गदर्शन, पैसों की कमी के कारण स्टार्टअप्स से सम्बंधित कुछ अच्छे विचार आगे नहीं बढ़ पाते हैं।
- यह पहल भारत में स्टार्ट-अप को यूएस-आधारित निवेशकों और स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र के नेताओं को वित्त पोषण, बाजार पहुंच और व्यावसायीकरण सहित विभिन्न क्षेत्रों में परामर्श और सहायता के साथ जोड़ेगी।
- स्टार्टअप इंडिया पहल मार्ग ( MAARG), या मेंटरशिप, एडवाइजरी, असिस्टेंस, रेजिलिएशन और ग्रोथ प्रोग्राम के तहत मेंटरशिप पोर्टल के माध्यम से बातचीत का समर्थन किया जाएगा, जो भारत में स्टार्टअप्स के लिए सिंगल-स्टॉप सॉल्यूशन फाइंडर है।
मार्ग क्या है ?
- यह एक पोर्टल है जिसे स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग द्वारा लॉन्च किया गया है।
- पोर्टल को इस विचार के साथ विकसित किया गया है कि देश के किसी भी कोने में स्थित कोई भी स्टार्टअप, एक संरक्षक(मेंटर ) से आसानी से जुड़ सके ।
अतिरिक्त जानकारी -
महत्वपूर्ण पॉइंट्स :
- 16 जनवरी को भारत में स्टार्टअप दिवस के रूप में मनाया जाता है क्योंकि इस दिन 2016 में भारत सरकार ने अपनी स्टार्टअप इंडिया पहल शुरू की थी। पहला स्टार्टअप दिवस 2022 में मनाया गया था।
- अमेरिका और चीन के बाद भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन गया है।
- बेंगलुरु स्थित नियोबैंक ओपन भारत में 100वां यूनिकॉर्न स्टार्टअप है।
5. भारत में डीमैट खातों की संख्या 10 करोड़ के पार
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डिपॉजिटरी कंपनियों नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनडीएसएल) और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (सीडीएसएल) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में 22 लाख से अधिक नए खाते खोले गए, जिससे यह आंकड़ा 10 करोड़ और पांच लाख हो गया है । मार्च 2020 में भारत में कुल डीमैट खाताधारकों की संख्या चार करोड़ नौ लाख थी।
महत्वपूर्ण तथ्य -
- सीडीएसएल वर्तमान में सक्रिय डीमैट खातों के मामले में देश का सबसे बड़ा डिपॉजिटरी है।
डीमैट खाते की क्या आवश्यकता है ?
- यदि कोई व्यक्ति नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई), बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) या अन्य एक्सचेंजों पर सिक्योरिटीज (शेयर, बॉन्ड इत्यादि) खरीदना और बेचना चाहता है, तो उसे एक ट्रेडिंग अकाउंट, डीमैट अकाउंट की जरूरत होती है और दोनों खातों को व्यक्ति के बैंक खातों से जुड़ा होना चाहिए।
- प्रतिभूतियों को खरीदने और बेचने के उद्देश्य से ट्रेडिंग खातों की आवश्यकता होती है।
फिर डीमैट खाता क्या है ?
- डीमैट, डीमैटरियलाइज्ड का संक्षिप्त रूप है। डीमैटरियलाइज्डका अर्थ है जो भौतिक रूप में नहीं बल्कि इलेक्ट्रॉनिक रूप में है।
- सेबी के नियमानुसार हर कंपनी अब केवल इलेक्ट्रॉनिक रूपों में प्रतिभूतियां जारी कर सकती है। पहले उन्हें कागज के रूप में जारी किया जाता था।
- तो एक व्यक्ति जो प्रतिभूतियों को खरीदता है उसे प्रतिभूतियों को जमा करने के लिए एक जगह की आवश्यकता होती है। यहां यह सुविधा डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स (डीपी) द्वारा दी जाती है।
- निवेशक अपने शेयरों, बांडों, डिबेंचर आदि को इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखने के लिए सेबी पंजीकृत डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स (डीपी) के साथ डीमैट खाते खोलता है।
- डीमैट खाता ट्रेडिंग खाते से जुड़ा होता है ताकि निवेशक आसानी से प्रतिभूतियों को खरीद और बेच सके।
अतिरिक्त जानकारी -
डिपोजिटरी पार्टिसिपेंट्स ?
- वे वित्तीय संस्थान हैं जो किसी डिपॉजिटरी के सदस्य होते हैं और वे निवेशक को डीमैट खाता सुविधाएं प्रदान करते हैं। वे बैंक, शेयर ब्रोकिंग कंपनियां आदि हो सकते हैं।
डिपॉजिटरी :
- भारत में डिपॉजिटरी, डिपॉजिटरी एक्ट 1996 के अधिनियमन के लागू होने के बाद स्थापित किए गए हैं। उन्हें सेबी द्वारा लाइसेंस और विनियमित किया जाता है।
- भारत में दो डिपॉजिटरी हैं और दोनों मुंबई,महाराष्ट्र में स्थित हैं। ये हैं , नेशनल सिक्योरिटीज एंड डिपॉजिटरीज लिमिटेड (एनडीएसएल) और सेंट्रल डिपॉजिटरीज सर्विसेज इंडिया लिमिटेड (सीडीएसएल) ।
- भारत की पहली डिपॉजिटरी कंपनी एनडीएसएल है जिसे अगस्त 1996 में स्थापित किया गया था ।
- सीडीएसएल की स्थापना 1999 में हुई थी।
वे करते क्या हैं ?
- वे कंपनियों द्वारा जारी प्रतिभूतियों (शेयर, बांड, आदि) को इलेक्ट्रॉनिक रूप में परिवर्तित करते हैं, जिससे पूंजी बाजार में उनकी खरीद और बिक्री सक्षम होती है। सेबी ने भारत में प्रतिभूतियों के डीमैटरियलाइजेशन को अनिवार्य कर दिया है।
6. मार्च 2023 तक उद्योग को सभी स्वीकृतियां एनएसडब्ल्यूएस द्वारा दी जाएंगी: डीपीआईआईटी
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भारत सरकार , सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मार्च 2023 तक राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली(एनएसडब्ल्यूएस) में शामिल करने का लक्ष्य रखा है ।
यह 6 सितंबर 2022 को भारत सरकार के उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा सूचित किया गया था।
महत्वपूर्ण तथ्य -
एनएसडब्ल्यूएस क्या है ?
- एनएसडब्ल्यूएस को सितंबर 2021 में ‘उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डिपार्टमेंट फॉर प्रोमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इन्टरनल ट्रेड’ -डीपीआईआईटी) और ‘इन्वेस्ट इंडिया’ के द्वारा संयुक्त रूप से लॉन्च किया गया था।
- यह एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है जहाँ पर निवेशक अपने व्यापार के अवसर को चिन्हित कर अपनी व्यावसायिक आवश्यकताओं के अनुसार आवेदन कर सकते हैं |
- वर्तमान में 15 राज्य/केंद्र शासित प्रदेश एनएसडब्ल्यूएस के साथ एकीकृत हैं। वे आंध्र प्रदेश, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश ,उत्तराखंड और नागालैंड हैं।
राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली का उद्देश्य :
- एनएसडब्ल्यूएस के मुख्य उद्देश्य इस प्रकार हैं:
- 1) विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों और राज्य सरकारों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं को एकीकृत करके एकल-खिड़की तंत्र स्थापित करना।
- 2) भारत में व्यवसाय स्थापित करने के लिए आवश्यक पूर्व-स्थापना और पूर्व-संचालन अनुमोदन और परमिट प्राप्त करने के लिए वन-स्टॉप-शॉप प्रदान करना।
- 3) निवेशकों, उद्योगों और व्यवसायों को कुशल, सुविधाजनक, पारदर्शी और एकीकृत इलेक्ट्रॉनिक सेवा प्रदान करना।
डीपीआईआईटी :
- उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ) की स्थापना वर्ष 1995 में हुई थी और वर्ष 2000 में औद्योगिक विकास विभाग के विलय के साथ इसका पुनर्गठन किया गया था।
- विभाग को पहले औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग कहा जाता था और जनवरी, 2019 में इसका नाम बदलकर डीपीआईआईटी कर दिया गया।
- यह वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत आता है।
अतिरिक्त जानकारी -
डीपीआईआईटी के महत्वपूर्ण कार्य :
- यह भारत सरकार की औद्योगिक नीति बनाने में मदद करता है
- यह प्रत्यक्ष विदेशी निवेश से संबंधित मामलों के लिए नोडल निकाय है।।
- यह देश के औद्योगिक विकास के लिए निवेश को बढ़ावा देता है।
- यह बौद्धिक संपदा अधिकारों (आईपीआर) के संरक्षण से संबंधित मामलों के लिए नोडल निकाय है और आईपीआर से संबंधित कानून का प्रशासन करता है।
इन्वेस्ट इंडिया :
- इन्वेस्ट इंडिया भारत को एक निवेश गंतव्य के रूप में बढ़ावा देने और भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए एक राष्ट्रीय निवेश और संवर्धन एजेंसी है।
- इसे 2009 में एक कंपनी के रूप में स्थापित किया गया था और 2010 में इसका संचालन शुरू किया गया था।
- यह सरकार और निजी क्षेत्र का संयुक्त उद्यम है।
- केंद्र और राज्य सरकार के पास इन्वेस्ट इंडिया में 49% शेयर हैं और बाकी 51% औद्योगिक निकायों (भारतीय वाणिज्य और उद्योग मंडल महासंघ, नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर सर्विसेज कंपनीज ऑफ इंडिया,भारतीय उद्योग परिसंघ) के पास हैं।
फुल फॉर्म :
·एनएसडब्ल्यूएस/NSWS :- नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम (National Single Window System)
·डीपीआईआईटी/DPIIT :- डिपार्टमेंट फॉर प्रोमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इन्टरनल ट्रेड (Department for Promotion of Industry and Internal Trade)
7. महंगाई पर काबू पाने के लिए सरकार ने गैस प्राइसिंग फॉर्मूले की समीक्षा के लिए किरीट पारिख कमेटी का गठन किया
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केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने 6 सितंबर 2022 को "अंतिम उपभोक्ता को उचित मूल्य" सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय रूप से उत्पादित गैस के मूल्य निर्धारण फार्मूले की समीक्षा करने के लिए एक समिति का गठन किया है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
समिति के अध्यक्ष :
- इस समिति की अध्यक्षता योजना आयोग के पूर्व सदस्य किरीट पारिख करेंगे। इसमें उर्वरक मंत्रालय के सदस्य, साथ ही गैस उत्पादक और खरीदार शामिल होंगे।
समिति के गठन का कारण :
- समिति, स्थानीय रूप से उत्पादित प्राकृतिक गैस के मूल्य निर्धारण का सुझाव देगी ताकि देश में मुद्रास्फीति को कम किया जा सके और स्वच्छ ईंधन के उपयोग को बढ़ावा दिया जा सके।
- प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी 2030 तक भारत के ऊर्जा मिश्रण में गैस की हिस्सेदारी को 6.2% से बढ़ाकर 15% करना चाहते हैं, जिससे भारत को 2070 तक शुद्ध शून्य कार्बन-उत्सर्जन लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।
अतिरिक्त जानकारी -
भारत में प्राकृतिक गैस की कीमत का निर्धारण :
- 2014 में सरकार ने स्थानीय गैस की कीमत को निर्धारित करने के लिए वैश्विक बेंचमार्क हेनरी हब, अल्बर्टा गैस, एनबीपी और रूसी गैस को मिला कर एक फोरमुले से जोड़ा दिया है।
- 2016 सेसरकार ने गहरे पानी से उत्पादित गैस की अधिकतम कीमतों का निर्धारण करना शुरू किया और इन गैसों के उत्पादक को विपणन स्वतंत्रता की अनुमति भीदी। ओएनजीसी और रिलायंस, भारत में गहरे पानी की प्राकृतिक गैस के प्रमुख उत्पादक हैं।
- भारत और विश्व में अभी प्राकृतिक गैस की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर हैं और रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण इसके और बढ़ने की उम्मीद है। इससे भारत में महंगाई और बढ़ेगी।
केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री : हरदीप सिंह पुरी।
8. केंद्र सरकार ने मूल्य समर्थन योजना के तहत मध्य प्रदेश के लिए मूंग और उड़द की सीमा में ढील दी
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केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने मध्य प्रदेश के किसानों को राहत देते हुए गर्मी के मौसम 2021-22 के दौरान मूल्य समर्थन योजना के तहत मूंग और उड़द की खरीद के लिए 25 क्विंटल की मौजूदा खरीद सीमा में ढील दी है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
- इसे बढ़ाकर 40 क्विंटल प्रति किसान प्रतिदिन कर दिया गया है।
- यह आदेश 6 सितंबर 2022 को जारी किया गया ।
अतिरिक्त जानकारी -
मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) :
- इसे भारत सरकार द्वारा लॉन्च किया गया है।
- इस योजना के तहत जब वस्तुओं की कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम हो जाती हैं, तो राज्य और केंद्र द्वारा अधिसूचित खरीद नोडल एजेंसियां जैसे नेफेड(नेशनल एग्रीकल्चरल मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया) किसानों से सीधे एमएसपी पर निर्दिष्ट उचित औसत गुणवत्ता के तहत वस्तुओं की खरीद करती हैं।
- यह किसानों को खेती में होने वाले आर्थिक नुकसान से बचाने में मदद करता है।
मध्य प्रदेश एक अग्रणी कृषि राज्य के रूप में :
- मध्य प्रदेश को सोयाबीन राज्य के नाम से भी जाना जाता है।
- सोयाबीन, उड़द, तूर, मसूर और अलसी के उत्पादन में यह देश में प्रथम स्थान पर है।
- यह मक्का, तिल, रामतिल, मूंग के उत्पादन में दूसरे स्थान पर है।
- यह गेहूं, ज्वार और जौ के उत्पादन में तीसरे स्थान पर है।
केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री: नरेंद्र सिंह तोमर
9. श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने यूपी के मिर्जापुर में 'चुनार लॉजिस्टिक्स पार्क' की आधारशिला रखी
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आगरा, मुरादाबाद और कानपुर के बाद अब यूपी का चौथा और पूर्वांचल का पहला लॉजिस्टिक पार्क मिर्जापुर के चुनार में स्थापित होने जा रहा है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
आधारशिला किसने रखी ?
- केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने 5 सितंबर 2022 को लॉजिस्टिक पार्क की आधारशिला रखी।
- केंद्रीय रेल, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्य अतिथि के रूप में इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
अतिरिक्त जानकारी -
इसका निर्माण कौन कर रहा है ?
- लॉजिस्टिक पार्क का निर्माण भारतीय कंटेनर निगम लिमिटेड की तरफ से कराया जाएगा।
- प्रथम चरण में 30 करोड़ रुपये की लागत से पार्क का विकास होगा।
- दूसरे चरण में 70 करोड़ रुपये की लागत से अन्य सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
क्षेत्र में व्यापार के लिए फायदेमंद :
- इस अवसर पर बोलते हुए केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि चुनार में लॉजिस्टिक पार्क शुरू होने से मिर्जापुर सहित पूर्वांचल के कारोबार में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। इन जिलों में निर्मित कालीन, पॉटरी व पीतल उद्योग, हैंडीक्रॉफ्ट के अलावा अनाज व खाद्य वस्तुओं को अंतरराष्ट्रीय बाजार में आसान पहुंच मिलेगा।
- लॉजिस्टिक पार्क के बनने से मिर्जापुर एवं आसपास के इलाकों में निर्मित वस्तुओं को कम समय में देश के प्रमुख बंदरगाहों के जरिये विदेश भेजने की सुविधा मिलेगी।
10. एनटीपीसी ने दिवाला और दिवालियापन समाधान मार्ग के माध्यम से झाबुआ पावर लिमिटेड का अधिग्रहण किया
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भारत की सबसे बड़ी बिजली उत्पादन कंपनी एनटीपीसी लि. ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल, कोलकाता, (एनसीएलटी) द्वारा शुरू की गई कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया के माध्यम से दिवालिया गौतम थापर के स्वामित्व वाले अवंता समूह की 600 मेगावाट की झाबुआ पावर लिमिटेड थर्मल परियोजना का अधिग्रहण किया है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
- झाबुआ पावर लिमिटेड (जेपीएल) की सिवनी, मध्य प्रदेश में स्थित 1 x 600 मेगावाट की एक परिचालन थर्मल पावर क्षमता है।
- यह पहली संपत्ति है जिसे एनटीपीसी नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) के माध्यम से ले रही है। अनुमानित सौदे का आकार 1,830 करोड़ रुपये है।
- जेपीएल द्वारा लिए गए ऋण को चुकाने में विफल रहने के बाद एक्सिस बैंक के नेतृत्व में सुरक्षित ऋणदाताओं के एक संघ ने एनसीएलटी से संपर्क किया।
- लेनदारों, एनटीपीसी और जेपीएल के बीच हुए सौदे के तहत, एनटीपीसी के पास जेपीएल के 50 प्रतिशत इक्विटी शेयर होंगे और कंपनी पर सभी प्रबंधन अधिकार और नियंत्रण भी होंगे।
- एनटीपीसी जेपीएल के ऋणदाताओं को 1830 करोड़ रुपये का भुगतान करेगा और ऋणदाताओं को जेपीएल में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी की पेशकश भी करेगा।
अतिरिक्त जानकारी -
एनटीपीसी :
- एनटीपीसी जिसे पहले नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के नाम से जाना जाता था, भारत सरकार के स्वामित्व वाली एक कंपनी में है। इसकी स्थापना 1975 में हुई थी।
- मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में विंध्याचल थर्मल पावर स्टेशन, 4,760MW की स्थापित क्षमता के साथ, वर्तमान में भारत का सबसे बड़ा थर्मल पावर प्लांट है। यह एनटीपीसी के स्वामित्व और संचालित एक कोयला आधारित विद्युत संयंत्र है।
मुख्यालय: नई दिल्ली
अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक: गुरदीप सिंह