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By admin: July 14, 2022

1. आंध्र प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में फिर से शामिल होने का फैसला किया

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आंध्र प्रदेश सरकार ने महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना  में फिर से शामिल होने का फैसला किया है।

महत्वपूर्ण तथ्य 

  • कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन के बीच बातचीत के बाद आंध्र प्रदेश सरकार ने ये निर्णय लिया है।

  • आंध्र प्रदेश ने PMFBY को खरीफ -2022 सीजन से लागू करने का फैसला किया है।

  • इस निर्णय से राज्य के 40 लाख से अधिक किसानों की फसलों को प्राकृतिक आपदा की स्थिति में बीमा कवर मिलेगा।

  • आंध्र प्रदेश ने उच्च प्रीमियम कीमतों का हवाला देते हुए 2020 में PMFBY से बाहर होने का विकल्प चुना था।

  • कम दावा अनुपात और वित्तीय बाधाओं के कारण गुजरात, बिहार, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और झारखंड अभी भी योजना से बाहर हैं।

‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना' (PMFBY) के बारे में 

  • ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना' (PMFBY) को 13 जनवरी, 2016 को लॉन्च किया गया था। 

  • यह योजना किसानों को फसल की विफलता (खराब होने) की स्थिति में एक व्यापक बीमा कवर प्रदान करती है, जिससे किसानों की आय को स्थिर करने में मदद मिलती है।

  • इसमें वे सभी खाद्य और तिलहनी फसलें तथा वार्षिक वाणिज्यिक/बागवानी फसलें सम्मिलित है जिनके लिये पिछली उपज के आँकड़े उपलब्ध हैं।

  • केंद्र और राज्य सरकारें प्रीमियम राशि का 95% से अधिक भुगतान करती हैं, जबकि किसान प्रीमियम राशि का 1.5-5% वहन करते हैं।

  • खरीफ (धान या चावल, मक्का, ज्वार, बाजरा, गन्ना आदि) की फसलों के लिये 2% प्रीमियम का भुगतान किया जायेगा।

  • रबी (गेंहूँ, जौ, चना, मसूर, सरसों आदि) की फसल के लिये 1.5% प्रीमियम का भुगतान किया जायेगा।

  • वार्षिक वाणिज्यिक और बागवानी फसलों बीमा के लिये 5% प्रीमियम का भुगतान किया जायेगा I 

  • वर्ष 2020 से पहले संस्थागत वित्त प्राप्त करने वाले किसानों के लिये यह योजना अनिवार्य थी, लेकिन इसमें परिवर्तन कर इसे सभी किसानों के लिये स्वैच्छिक बना दिया गया।

  • योजना के अधिक कुशल और प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए, केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2020 के खरीफ सीजन में पीएमएफबीवाई में आवश्यक सुधार किए गए थे।

By admin: July 13, 2022

2. पूर्व-प्राथमिक स्तर पर एनईपी लागू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य

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उत्तराखंड राज्य में सर्वप्रथम विद्यालयी शिक्षा के अंतर्गत प्राइमरी एजुकेशन में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू किया गया है। 

महत्वपूर्ण तथ्य 

  • शिक्षा महानिदेशालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के द्वारा बालवाटिकाओं का उद्घाटन कर सूबे में नई शिक्षा नीति का औपचारिक रूप से विधिवत शुभारंभ किया गया है ।

  • इसके साथ ही उत्तराखंड एनईपी लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।

  • प्रथम चरण में शिक्षा विभाग के अंतर्गत राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में संचालित पांच हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों में एनईपी के तहत बालवाटिका कक्षाओं का संचालन शुरू किया जायेगा।

  • राज्य में प्री-प्राइमरी स्तर पर बालवाटिकाओं में बच्चों को एनईपी के प्रावधानों के तहत पढ़ाया जायेगा।

नई शिक्षा नीति, 2020

  • नई शिक्षा नीति की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 जुलाई 2020 को की थी, जिसे सभी के परामर्श से तैयार किया गया है।

  • वर्तमान नीति अंतरिक्ष वैज्ञानिक के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट पर आधारित है।

  • नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के तहत वर्ष 2030 तक सकल नामांकन अनुपात  को 100% लाने का लक्ष्य रखा गया है।

  • नई शिक्षा नीति के अंतर्गत केंद्र व राज्य सरकार के सहयोग से शिक्षा क्षेत्र पर जीडीपी के 6% हिस्से के सार्वजनिक व्यय का लक्ष्य रखा गया है।

  • नई शिक्षा नीति की घोषणा के साथ ही मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय का नाम परिवर्तित कर शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है।

  • पाँचवीं कक्षा तक की शिक्षा में मातृभाषा/स्थानीय या क्षेत्रीय भाषा को शिक्षा के माध्यम के रूप में अपनाने पर बल दिया गया है।

  • साथ ही मातृभाषा को कक्षा-8 और आगे की शिक्षा के लिये प्राथमिकता देने का सुझाव दिया गया है।

  • ‘राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद’ (NCERT) द्वारा ‘स्कूली शिक्षा के लिये राष्ट्रीय पाठ्यक्रम रूपरेखा’ तैयार की जाएगी।

स्कूली शिक्षा संबंधी प्रावधान

  • नई शिक्षा नीति में 5 + 3 + 3 + 4 डिज़ाइन वाले शैक्षणिक संरचना का प्रस्ताव किया गया है जो 3 से 18 वर्ष की आयु वाले बच्चों को शामिल करता है।

  • पाँच वर्ष की फाउंडेशनल स्टेज - 3 साल का प्री-प्राइमरी स्कूल और ग्रेड 1, 2

  • तीन वर्ष का प्रीपेट्रेरी स्टेज

  • तीन वर्ष का मध्य (या उच्च प्राथमिक) चरण - ग्रेड 6, 7, 8 और

  • 4 वर्ष का उच्च (या माध्यमिक) चरण - ग्रेड 9, 10, 11, 12

  • अंतिम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 में बनाई गई थी जिसमें वर्ष 1992 में संशोधन किया गया था।

By admin: July 12, 2022

3. प्राकृतिक खेती सम्मेलन सूरत में आयोजित किया गया

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प्राकृतिक खेती सम्मेलन का आयोजन 10 जुलाई, 2022 को सूरत, गुजरात में किया गया।

  • महत्वपूर्ण तथ्य 

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल मोड में सम्मेलन को संबोधित किया और कहा कि ‘सबका प्रयास’ भारत के विकास को बढ़ावा देने का आधार है।

  • इसमें हजारों किसानों और अन्य हितधारकों की भागीदारी देखी गई, जिन्होंने सूरत में प्राकृतिक खेती को सफलतापूर्वक अपनाया है।

  • इस अवसर पर, प्रधानमंत्री ने “प्राकृतिक खेती मॉडल” के महत्व पर प्रकाश डाला।

  • प्राकृतिक खेती लाखों लोगों को भोजन उपलब्ध करवाने में मदद करती है। 

  • यह लोगों को घातक बीमारियों से भी बचाती है, जो कीटनाशकों और रसायनों के कारण होती हैं।

  • प्राकृतिक खेती 

  • प्राकृतिक खेती पशुधन पर आधारित एक पारंपरिक स्वदेशी कृषि पद्धति है।

  • यह किसी भी रासायनिक उर्वरक या कीटनाशक या जैविक खाद, वर्मीकम्पोस्ट, जैव उर्वरक, जैव-कीटनाशकों का उपयोग नहीं करती है।

  • यह खेती, खेती की लागत को कम करने के उद्देश्य से की जाती है और इस प्रकार यह ज्यादातर छोटे और सीमांत किसानों को लाभ प्रदान करती है। 

  • भारत में प्राकृतिक खेती को परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY) के अंतर्गत भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति कार्यक्रम (BPKP) के रूप में प्रोत्साहित किया जा रहा है।

  • वर्ष 2022-23 के बजट में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना को 10,433 करोड़ रुपए का 4.2 गुना (पिछले वर्ष की तुलना में) अधिक आवंटन प्राप्त हुआ है जो रसायन-मुक्त खेती के ज़मीनी कार्यान्वयन हेतु धन निर्धारित करेगा।

  • सिक्किम भारत का पहला जैविक राज्य हैI




By admin: July 12, 2022

4. स्मृति ईरानी ने ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर के सियालदह मेट्रो स्टेशन का उद्घाटन किया

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केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण और अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री स्मृति ईरानी ने 12 जुलाई को ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर के सियालदह मेट्रो स्टेशन का उद्घाटन किया.

  • महत्वपूर्ण तथ्य

  • यह कोलकाता के उपनगरों में रहने वाले लोगों को बिना किसी परेशानी के सेक्टर -5 के आईटी हब तक पहुंचने में मदद करेगा।

  • उन्होंने स्टेशन का उद्घाटन आभाषी रूप से हावड़ा मैदान से किया, जो हुगली नदी के दूसरी ओर 16.6 किलोमीटर लंबे गलियारे का टर्मिनल स्टेशन है।

  • अभी तक सेक्टर-5 और फूलबगान के बीच ट्रेनें चल रही थीं।

  • सियालदह तक वाणिज्यिक सेवाएं 14 जुलाई से शुरू होंगी, जिससे कॉरिडोर की कुल परिचालन लंबाई नौ किलोमीटर हो जाएगी।

  • सियालदह तक 2.33 किलोमीटर के विस्तार से लगभग 35,000 यात्रियों को उनके दैनिक आवागमन में मदद मिलेगी।

  • मेट्रो स्टेशन देश के सबसे व्यस्त टर्मिनल रेलवे स्टेशनों में से एक सियालदह में उपनगरीय ट्रेन सेवाओं को जोड़ेगा।

  • ईस्ट वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर की पूरी लंबाई 2023 तक पूरी हो जाएगी।

  • पूरब - पश्चिम गलियारा 

  • यह असम के सिलचर को गुजरात के पोरबंदर से जोड़ता है।

  • 3,300 किलोमीटर लंबा यह कॉरिडोर स्वर्णिम चतुर्भुज का हिस्सा है, जो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का एक ड्रीम प्रोजेक्ट है।

  • पूरब-पश्चिम गलियारा राष्ट्रीय राजमार्ग 27 से जुड़ा है।

  • उत्तर - दक्षिण गलियारा

  • यह श्रीनगर को कन्याकुमारी से जोड़ता है (लगभग 4000 किमी)

  • राष्ट्रीय राजमार्ग 44 उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर से जुड़ा है।

By admin: July 11, 2022

5. खारची पूजा महोत्सव 2022

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खर्ची पूजा या खारची पूजा त्रिपुरा का एक हिंदू त्योहार है। इस त्योहार में 14 हिन्दू देवी- देवताओं की पूजा अर्चना की जाती है, जिन्हें त्रिपुरी लोगों के कुल देवता माना जाता है।

  • महत्वपूर्ण तथ्य 

  • त्यौहार में 14 देवता- शिव, दुर्गा, विष्णु, लक्ष्मी, सरस्वती, कार्तिक, गणेश, ब्रह्मा, अबधी (जल के देवता), चंद्र, गंगा, अग्नि, कामदेव और हिमाद्री (हिमालय) शामिल हैं।

  • खारची पूजा मुख्य रूप से एक आदिवासी त्योहार है लेकिन इसकी उत्पत्ति हिंदू धर्म से हुई है।

  • वार्षिक ‘खारची पूजा’ और त्योहार नश्वर आत्माओं के पापों को शुद्ध करने के लिए है।

  • खारची पूजा पूर्वोत्तर क्षेत्र में हिंदू आदिवासियों के लिए सबसे बड़ा त्यौहार है।

  • ‘खारची पूजा’ में शामिल होने के लिए पूरे देश और पड़ोसी बांग्लादेश से हजारों लोग इकट्ठा होते हैं।

  • 14 देवताओं का मंदिर महाराजा कृष्ण माणिक्य के शासनकाल के दौरान बनाया गया था।

  • यह 1760 ईस्वी के आसपास से मनाई जा रही एक सदियों पुरानी परंपरा हैI 

  • पूर्वोत्तर राज्यों के प्रमुख त्यौहार 

  • सिक्किम - लोसर , सागा दवा , लोसांग

  • नागालैंड - हॉर्नबिल फेस्टिवल , मोत्सु फेस्टिवल

  • असम - बिहू , अम्बुबाची मेला 

  • मणिपुर - योशांग ,पोराग 

  • मिजोरम - चापचरकुट महोत्सव 

  • मेघालय - पोम्बलंग नोंगकर्म, चेरी ब्लॉसम फेस्टिवल







By admin: July 11, 2022

6. गुजरात सितंबर 2022 में 36वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी करेगा

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गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने घोषणा की कि 36वें राष्ट्रीय खेल गुजरात में पहली बार 27 सितंबर से 10 अक्टूबर तक आयोजित किए जाएंगे।

  • महत्वपूर्ण तथ्य 

  • प्रतिष्ठित कार्यक्रम सात साल के अंतराल के बाद आयोजित किया जा रहा है, आखिरी बार 2015 में केरल में आयोजित किया गया था।

  • राज्य के छह शहरों अहमदाबाद, गांधीनगर, सूरत, वडोदरा, राजकोट और भावनगर में स्पर्धाएं आयोजित होंगी।

  • 36 खेलों में देशभर से करीब 7000 खिलाड़ी हिस्सा लेंगे।

  • इनडोर और आउट डोर स्पर्धाओं जैसे एथलेटिक्स, हॉकी, फुटबॉल, वॉलीबॉल, लॉन टेनिस, टेबल टेनिस, जूडो, कुश्मी, कबड्डी और खो-खो का आदि का आयोजन होगा।

  • 36वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन मई 2020 में गोवा में होना था, लेकिन कोविड-19 के प्रसार के कारण उन्हें अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया था।

  • गुजरात राज्य के बारे में 

  • गठन- 1 मई 1960

  • गुजरात को ‘द लैंड ऑफ लीजेंड्स’ भी कहा जाता है।

  • गुजरात में गिर वन राष्ट्रीय उद्यान दुनिया में एशियाई शेर की एकमात्र जंगली आबादी का घर है।

  • गुजरात कपास, तम्बाकू और मूँगफली का उत्‍पादन करने वाला देश का प्रमुख राज्‍य है I 

  • गरबा गुजरात का प्रमुख पारंपरिक नृत्य है I 

  • लोथल गुजरात का प्राचीन नगर था जहां भारत का पहला बंदरगाह स्थापित किया गया था।

  • राजधानी- गाँधीनगर

  • राज्यपाल- आचार्य देवव्रत

  • मुख्यमंत्री- भूपेंद्रभाई पटेल (भाजपा)

  • विधानसभा सीटें-182 

  • राज्यसभा सीटें- 11 

  • लोकसभा सीटें- 26




By admin: July 9, 2022

7. दिल्ली सरकार ने मिशन कुशल कर्मी लॉन्च किया

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दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने निर्माण श्रमिकों को उनकी क्षमताओं में सुधार करने में मदद करने के लिए मिशन कुशल कर्मी की शुरुआत की है।

  • महत्वपूर्ण तथ्य 

  • दिल्ली सरकार ने दिल्ली कौशल एवं उद्यमिता विश्वविद्यालय (डीएसईयू) और दिल्ली कंस्ट्रक्शन बोर्ड के साथ मिलकर  इस कार्यक्रम को विकसित किया है।

  • निर्माण श्रमिक और राजमिस्त्री आदि बनाने के लिए स्किल यूनिवर्सिटी द्वारा सिम्प्लेक्स, नारदको और इंडिया विजन फाउंडेशन के साथ मिलकर शुरू किया गया यह कार्यक्रम बेहद खास है।

  • इसमें 15-15 दिन के एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से श्रमिकों का कौशल बढ़ाया जाएगा।

  • एक साल में दो लाख श्रमिकों को विभिन्न क्षेत्रों में कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा।

  • इस प्रयास से कौशल बढ़ने के साथ श्रमिकों की आय में भी आठ हजार रुपये तक की बढ़ोतरी होगी। साथ ही, निर्माण कंपनियों को अच्छे व स्मार्ट तरीके से काम करने वाले श्रमिक मिलने से काम बेहतर होगा, बर्बादी कम होगी और भरपूर बचत होगी।

  • प्रशिक्षण पूरा करने के बाद सभी श्रमिकों को 4200 रुपये भी दिए जाएंगे।

  • दिल्ली के बारे में 

  • दिल्ली को सन् 1947 में स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् भारत संघ की राजधानी के रूप में स्वीकार किया गया था ।

  • 1956 में इसे केन्द्रशासित प्रदेश का दर्जा प्रदान किया गया।

  • 69वें संविधान संशोधन,1991 के तहत केंद्रशासित प्रदेश दिल्ली को विशेष दर्जा देते हुए उसे ‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली’ बनाया गया था ।

  • दिल्ली के लिये 70 सदस्यीय विधानसभा तथा 7 सदस्यीय मंत्रिपरिषद की व्यवस्था भी की गई थी ।

  • एनसीआर में दिल्ली से सटे सूबे उत्तर प्रदेश(8), हरियाणा(14) और राजस्थान(2)  जिले शामिल हैं।

  • उपराज्यपाल- विनय कुमार सक्सेना

  • मुख्यमंत्री- श्री अरविंद केजरीवाल

By admin: July 9, 2022

8. छत्तीसगढ़ सरकार ने रोजगार सृजन के लिए इलेक्ट्रिक वाहन नीति को मंजूरी दी

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छत्तीसगढ़ अपनी इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी को मंजूरी देने वाला भारत का 21वां राज्य बन गया है I 

  • महत्वपूर्ण तथ्य 

  • मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक के दौरान छत्तीसगढ़ ईवी नीति 2022 को मंजूरी दी गई I 

  • नीति का उद्देश्य न केवल सड़कों पर इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या में बढ़ोतरी करना है, बल्कि आने वाले दिनों में राज्य को ईवी मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में विकसित करना है I 

  • “नीति के तहत, सरकार ने  2027 तक ईवी के रूप में व्यक्तिगत उपयोग या व्यावसायिक उपयोग के तहत वाहनों के 15 प्रतिशत नए रजिस्ट्रेशन करने का लक्ष्य है.”

  • छत्तीसगढ़ ईवी नीति कमर्शियल और नॉन-कमर्शियल वाहनों के लिए लागू होगीI 

  • इस नीति के आधिकारिक रूप से लागू होने की तारीख से पहले दो वर्षों के दौरान खरीदे गए सभी इलेक्ट्रिक वाहनों पर रोड टैक्स में फुल छूट दी जाएगीI 

  • छत्तीसगढ़ राज्य के बारे में 

  • छत्तीसगढ़ मध्य भारत का एक घने जंगलों वाला राज्य है जो अपने मंदिरों और झरनों के लिए जाना जाता है।

  • धान की भरपूर पैदावार के कारण इसे धान का कटोरा भी कहा जाता है।

  • छत्तीसगढ़ विश्व का सबसे अधिक किंबरलाइट भंडार का क्षेत्र है।

  • देश के कुल खनिज उत्पादन का 16 प्रतिशत खनिज उत्पादन छत्तीसगढ़ में होता है।

  • खनिज राजस्व की दृष्टि से देश में दूसरा बड़ा राज्य है।

  • छत्तीसगढ़ राज्य का गठन 1 नवंबर 2000 को हुआ था। 

  • राजधानी- रायपुर

  • राज्यपाल- अनुसुइया उइके 

  • मुख्यमंत्री- भूपेश बघेल 



By admin: July 9, 2022

9. अमरनाथ यात्रा के दौरान बादल फटने से 16 लोगों की मौत

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जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले में अमरनाथ की पवित्र गुफा के पास बादल फटने से अचानक आई बाढ़ में 16 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई।

  • महत्वपूर्ण तथ्य

  • अचानक आई बाढ़ ने शिविर का एक हिस्सा बहा दिया।

  • बाढ़ के स्थल पर लगभग 50 लोग लापता हैं।

  • घायलों को बालटाल में स्थापित अस्थायी चिकित्सा शिविरों में स्थानांतरित कर दिया गया।

  • बादल फटने और अचानक आने वाली बाढ़ का सही स्थान काली माता वाई जंक्शन है, जो निचली अमरनाथ गुफा में बालटाल आधार शिविर की ओर स्थित है।

  • बादल फटना क्या है?

  • यह अचानक, बहुत भारी वर्षा होती है, जो आमतौर पर प्रकृति में स्थानीय और संक्षिप्त अवधि की होती है।

  • अधिकांश बादल फटने की घटना गरज के साथ होती है।

  • आईएमडी के अनुसार यह लगभग 20-30 वर्ग किमी के भौगोलिक क्षेत्र में 100 मिमी / घंटा से अधिक "अप्रत्याशित वर्षा" के साथ एक मौसमी की घटना है।

  • बादल फटने की घटना में उच्च स्तर पर पानी की एक बड़ी मात्रा जमा हो सकती है, और यदि ऊपर की धाराएं कमजोर हो जाती हैं तो यह पूरा पानी एक ही बार में जमीन पर गिर जाता है।

  • विशेष रूप से पर्वतीय क्षेत्रों में बादल फटना एक सामान्य घटना है।

  • अमरनाथ यात्रा के बारे में

  • अमरनाथ यात्रा हिमालय में स्थित भगवान शिव के अमरनाथ गुफा मंदिर की वार्षिक तीर्थ यात्रा है।

  • गुफा श्रीनगर से लगभग 141 किमी (88 मील) की दूरी पर 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।

  • धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जब भगवान शिव ने पार्वती को अपनी अमरता (अमर कथा) का रहस्य बताने का फैसला किया, तो उन्होंने दक्षिण कश्मीर में हिमालय में गहरी अमरनाथ गुफा को चुना।

  • भगवान शिव का प्रतिनिधित्व करने वाला बर्फ का शिवलिंग गुफा की छत में एक फांक से पानी की एक बूंद से बनता है।

  • शिव लिंगम हर साल मई में अपना पूर्ण आकार लेता है जिसके बाद यह पिघलना शुरू हो जाता है।

  • जम्मू और कश्मीर में अन्य तीर्थ स्थल 

  • वैष्णो देवी मंदिर

  • यह हिंदू देवी को समर्पित एक बहुत लोकप्रिय हिंदू मंदिर है।

  • यह जम्मू और कश्मीर के त्रिकुटा पर्वत में स्थित है।

  • यह समुद्र तल से 5200 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।

  • शंकराचार्य मंदिर

  • यह श्रीनगर में जबरवां पर्वत पर स्थित है।

  • मंदिर भगवान शिव को समर्पित है।

  • यह मैदानी इलाकों से करीब 1100 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।

  • कहा जाता है कि महान संत शंकराचार्य अपनी कश्मीर यात्रा के दौरान वहीं रुके थे।

  • रघुनाथ मंदिर

  • यह उत्तर भारत के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है और जम्मू में स्थित है।

  • इसे महाराजा गुलाब सिंह (जम्मू और कश्मीर राज्य के संस्थापक) और उनके बेटे रणबीर सिंह ने बनवाया था।

  • इस मंदिर में हिंदू देवी-देवताओं की कई मूर्तियां हैं, लेकिन इसके मुख्य देवता भगवान राम हैं।

By admin: July 9, 2022

10. गृह मंत्री अमित शाह ने जयपुर में उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की बैठक की अध्यक्षता की

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 9 जुलाई को जयपुर में आयोजित 30वीं उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की बैठक की अध्यक्षता की, जहां सुरक्षा, सड़क, परिवहन, उद्योग, पानी, बिजली तथा सामान्य हितों के अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई।

  • महत्वपूर्ण तथ्य

  • बैठक में राजस्थान सहित 8 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों, राज्यपालों और उपराज्यपालों ने भाग लिया।

  • राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्वागत भाषण दिया।

  • बैठक 25 साल बाद जयपुर में हुई।

  • मोदी सरकार देश में सहकारी और प्रतिस्पर्धी संघवाद को मजबूत करने और बढ़ावा देने के लिए अपनी समग्र रणनीति के तहत क्षेत्रीय परिषदों की नियमित रूप से बैठकें करती रही है।

  • पिछले आठ वर्षों में, क्षेत्रीय परिषदों और इसकी स्थायी समितियों की बैठकों की संख्या में तीन गुना वृद्धि हुई है।

  • क्षेत्रीय परिषदों के बारे में

  • 1956 में भारत के पहले प्रधान मंत्री, पंडित जवाहरलाल नेहरू ने क्षेत्रीय परिषदों के निर्माण का विचार दिया।

  • भारत में पांच क्षेत्रीय परिषदें हैं जिनकी स्थापना 1957 में राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की धारा 15-22 के तहत की गई थी।

  • प्रत्येक क्षेत्रीय परिषद द्वारा एक स्थायी समिति का गठन किया जाता है जिसमें सदस्य राज्यों की संबंधित क्षेत्रीय परिषदों के मुख्य सचिव शामिल होते हैं।

  • इन स्थायी समितियों की समय-समय पर बैठकें होती रहती हैं ताकि मुद्दों का समाधान किया जा सके।

  • अध्यक्ष - केंद्रीय गृह मंत्री इनमें से प्रत्येक परिषद के अध्यक्ष हैं

  • उपाध्यक्ष - मेजबान राज्य के मुख्यमंत्री 

  • पांच क्षेत्रीय परिषदें

  1. उत्तरी क्षेत्रीय परिषद - हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ शामिल हैं।

  2. केंद्रीय क्षेत्रीय परिषद - छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्य शामिल हैं।

  3. पूर्वी क्षेत्रीय परिषद - बिहार, झारखंड, उड़ीसा, सिक्किम और पश्चिम बंगाल राज्य शामिल हैं।

  4. पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद - गोवा, गुजरात, महाराष्ट्र और केंद्र शासित प्रदेश दमन और दीव और दादरा और नगर हवेली शामिल हैं।

  5. दक्षिणी क्षेत्रीय परिषद - आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी शामिल हैं।

  • क्षेत्रीय परिषदों के उद्देश्य

  • राष्ट्रीय एकीकरण

  • केंद्र और राज्यों को सहयोग करने और विचारों और अनुभवों का आदान-प्रदान करने में सक्षम बनाना

  • क्षेत्रवाद, भाषावाद और विशिष्ट प्रवृत्तियों के विकास को रोकना

  • विकास परियोजनाओं के सफल और शीघ्र निष्पादन के लिए राज्यों के बीच सहयोग का वातावरण स्थापित करना

  • क्षेत्रीय परिषदों का महत्व

  • क्षेत्रीय परिषदें एक या अधिक राज्यों को प्रभावित करने वाले मुद्दों या केंद्र और राज्यों के बीच के मुद्दों पर चर्चा के लिए एक मंच प्रदान करती हैं।

  • यह सामाजिक और आर्थिक विकास के महत्वपूर्ण मुद्दों पर राज्यों के बीच विचार-विमर्श और विचारों के आदान-प्रदान के माध्यम से एक समन्वित दृष्टिकोण विकसित करने में मदद करता है।

  • यह केंद्र और राज्यों के बीच विवादों को हल करने के लिए एक मंच प्रदान करते हैं।

कृपया 11 जून 2022 की पोस्ट भी देखें

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