1. पीएम मोदी ने यूपी में 80,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास किया
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प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी 3 जून को लखनऊ में इन्वेस्टर्स समिट (3.0) में भाग लिया और 80,000 करोड़ रुपये की 1,406 परियोजनाओं की आधारशिला रखी।
इस समारोह में देश के शीर्ष उद्योग जगत के नेताओं ने भाग लिया।
पहला ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह 29 जुलाई, 2018 को हुआ था।
दूसरा ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह 28 जुलाई 2019 को आयोजित किया गया था।
पहले ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के दौरान 61,500 करोड़ रुपये से अधिक की 81 परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया.
दूसरे ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह में 67,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश वाली 290 परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई।
निम्नलिखित परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई
कृषि और संबद्ध क्षेत्र, आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स, एमएसएमई, विनिर्माण, अक्षय ऊर्जा, फार्मा, पर्यटन, रक्षा और एयरोस्पेस, हथकरघा और कपड़ा आदि।
2. उत्तराखंड में फूलों की घाटी पर्यटकों के लिए खुली
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विश्व प्रसिद्ध धरोहर स्थल एवं राष्ट्रीय उद्यान उत्तराखंड की फूलों की घाटी को पर्यटकों के लिये खोल दिया गया है यह गढ़वाल क्षेत्र में स्थित नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान का एक भाग है।
समुद्र सतह से 3962 मीटर की ऊंँचाई पर स्थित फूलों की घाटी 87 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में विस्तृत है।
6 नवंबर, 1982 को यूनेस्को ने इस घाटी को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था।
फूलों की घाटी में पांँच सौ से अधिक रंग-बिरंगे फूलों की प्रजातियांँ पर्यटकों के लिये आकर्षण का केंद्र हैं।
इस राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में अल्पाइन फूलों तथा सुंदर घास के मैदान पाए जाते हैं।
यहाँ वनस्पतियों एवं जीवों की उच्च विविधता और घनत्व पाया जाता है, जिनमें हिम तेंदुए, हिमालयी कस्तूरी मृग तथा पौधों की विभिन्न प्रजातियों सहित अनेक संकटापन्न प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
घाटी को हिंदू पौराणिक कथाओं में `नंदन कानन` अर्थात् “इंद्र का स्वर्ग” के रूप में वर्णित किया गया है।
नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान के बारे में
नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1982 में संजय गाँधी राष्ट्रीय उद्यान के रुप में की गयी थीI
नन्दा देवी राष्ट्रीय उत्तराखंड के चमोली जिले ने स्थित हैI
यह उत्तरी भारत में उत्तराखंड राज्य में नंदा देवी की चोटी (7816 मी) पर स्थित है।
वर्ष 1988 में यूनेस्को द्वारा इसे विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया था।
3. तेलंगाना स्थापना दिवस
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हर वर्ष 2 जून को तेलांगना फॉर्मेशन डे मनाया जाता है क्योंकि तेलंगाना 2 जून 2014 को भारत के 29वाँ राज्य के रूप में सामने आया थाI
यह दिन उन सभी लोगों के बलिदान और सहयोग को याद करता है जिन्होंने इस अलग राज्य को बनाने में अपना जी जान लगा दिया था।
राज्य का इतिहास
तेलंगाना का 1 नवंबर 1956 को तत्कालीन मद्रास से विभाजित कर तेलुगु बोलेने वाले लोग का आंध्र प्रदेश के साथ विलय कर दिया गया था।
1969 में, तेलंगाना क्षेत्र में एक नए राज्य के लिए विरोध और आंदोलन किया गया।
विरोध के बाद 1972 में आंध्र प्रदेश के रूप में एक अलग नए राज्य का गठन किया गया।
लगभग 40 वर्षों के विरोध के बाद, तेलंगाना बिल फरवरी 2014 में कांग्रेस वर्किंग कमीटी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा लोकसभा में पारित किया गया था।
विधेयक को 2014 में भारतीय संसद में पेश किया गया था और आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम को उसी वर्ष अपनी मंजूरी मिली थी।
विधेयक के अनुसार, तेलंगाना का गठन उत्तर-पश्चिमी आंध्र प्रदेश के दस जिलों द्वारा किया गया।
तेलंगाना राज्य के बारे में
राजधानी- हैदराबाद
राज्यपाल- तमिलसाई सौंदरंजन
मुख्यमंत्री- के. चंद्रशेखर राव
विधान सभा सीटें- 119
लोक सभा सीटें- 17
राज्य पक्षी- पलपिट्टा या नीलकंठ
राज्य पशु- जिन्का या कृष्णमृग
राज्य फूल- तांगेदु
महत्त्वपूर्ण तथ्य
राज्य | स्थापना दिवस |
राजस्थान | 1 नवंबर |
महाराष्ट्र | 1 मई |
गुजरात | 1 मई |
4. केंद्र ने चोरी की 10 मूर्तियां तमिलनाडु को सौंपी
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तमिलनाडु के मंदिरों से चोरी की गई 10 मूर्तियों को केंद्र सरकार ने तमिलनाडु सरकार को वापस सौंप दिया है।
ये मूर्तियां 1960 से 2008 के बीच अलग-अलग जगहों से चोरी की गई थी।
केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय और विदेश मंत्रालय को ये मूर्तियां अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने 2020, 2021, 2022 में सौंपी थी।
इन मूर्तियों को तमिलनाडु के डीजीपी सी शैलेंद्र बाबू को दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान सौंपा गया।
जो मूर्तियां वापस की गई हैं उसमे द्वारपाल की दो मूर्ति है जोकि 15-16वीं शताब्दी की है, इसे 1994 में तिरुनेलवली से चुराया गया था।
दोनों ही मूर्तियों को ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 2020 में सौंपा था।
इसके अलावा दो धातु की मुर्तियां नरसिंघधर स्वामी मंदिर से 1985 में चोरी हुई थी, इसे अमेरिका ने भारत को सौंपा है।
एक कांसे की मूर्ति जोकि भगवान नटराज की है, यह 11-12वीं शताब्दी की मूर्ति है, इसे पुन्नैनल्लूर अरुलमिगु मरियमन मंदिर से 1966-77 में चोरी किया गया था। यह न्यूयॉर्क के म्युजियम में रखी थी।
इसके अलावा कांसे की एक और भगवान शिव व पार्वती की मूर्ति वनमिगंधार स्वामी मंदिर से चोरी हुई थी, यह मूर्ति इंडियाना से मिली है।
कुल मिलाकर, आठ कांस्य और दो पत्थर की मूर्तियां लौटाई गई हैं। मूर्तियों में से छह अमेरिका से और चार ऑस्ट्रेलिया से प्राप्त की गई हैं।
तमिलनाडु की आइडल विंग
इसकी स्थापना 1983 में मूर्तियों की चोरी के मामलों की जांच के लिए की गई थी।
इसने अब तक 878 मूर्तियों को पुनः प्राप्त किया है।
5. बिहार में होगी जाति आधारित जनगणना
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में 1 जून को हुई सर्वदलीय बैठक में यह फैसला लिया गया कि बिहार में जाति के आधार पर जनगणना जल्द आयोजित की जाएगी
इसका उद्देश्य विकास कार्यों को वंचित लोगों तक पहुँचाना है.
इस मेगा अभ्यास में शामिल लोगों को उचित प्रशिक्षण दिया जाएगा।
यह एक समयबद्ध अभ्यास होगा और सभी वर्गों के लोगों के विकास के लिए जाति, उपजातियों, समुदाय और धर्म के प्रत्येक विवरण का ध्यान रखा जाएगा।
जनगणना रिपोर्ट प्रकाशित की जाएगी ताकि कोई छूट न जाए और मीडिया को भी समय-समय पर इसकी जानकारी दी जाएगी।
हालाँकि, केंद्र सरकार ने राज्य सरकार मांग को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि यह एक "विभाजनकारी कवायद" होगी, लेकिन यह भी कहा कि राज्य अपने दम पर जातिगत जनगणना कर सकते हैं।
जाति आधारित जनगणना क्या है?
स्वतंत्र भारत में 1951 से 2011 तक की प्रत्येक जनगणना में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों पर आंकड़े प्रकाशित किए गए हैं, लेकिन अन्य जातियों पर कोई आंकड़ा प्रकाशित नहीं किया गया है।
1931 तक हर जनगणना में जाति के आंकड़े थे।
हालाँकि, 1941 में, जाति-आधारित डेटा एकत्र किया गया था लेकिन प्रकाशित नहीं किया गया था।
ऐसी जनगणना के अभाव में ओबीसी और अन्य की जनसंख्या का उचित अनुमान नहीं है।
मंडल आयोग ने ओबीसी आबादी 52% होने का अनुमान लगाया था।
6. अडानी ने राजस्थान के जैसलमेर में 390 मेगावाट का भारत का पहला पवन-सौर हाइब्रिड पावर प्लांट चालू किया
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हाल ही में अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) की इकाई अडाणी हाइब्रिड एनर्जी जैसलमेर वन लिमिटेड ने राजस्थान के जैसलमेर में 390 मेगावॉट के पवन एवं सौर हाइब्रिड ऊर्जा संयंत्र का परिचालन आरंभ किया है।
यह भारत का पहला पवन-सौर हाइब्रिड ऊर्जा उत्पादन संयंत्र हैI
सौर और पवन ऊर्जा उत्पादन के माध्यम से एकीकृत हाइब्रिड पावर प्लांट, अक्षय ऊर्जा की पूरी क्षमता का उपयोग करेगा और बढ़ती बिजली की मांग को पूरा करने के लिए एक अधिक विश्वसनीय समाधान प्रदान करेगा।
इस नए ऊर्जा संयंत्र के लिए भारतीय सौर ऊर्जा निगम (एसईसीआई) के साथ 2.69 प्रति किलोवॉट की शुल्क दर से ऊर्जा खरीद समझौता किया गया है जो राष्ट्रीय स्तर पर औसत ऊर्जा खरीद शुल्क (एपीपीसी) से काफी कम है।
इस संयंत्र से परिचालन शुरू होने के साथ ही अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) की परिचालन क्षमता बढ़कर 5.8 गीगावॉट हो गई है।
राष्ट्रीय पवन-सौर हाइब्रिड नीति
केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने राष्ट्रीय पवन-सौर हाइब्रिड नीति 2016 का मसौदा जारी किया थाI
इसका मुख्य उद्देश्य बड़े ग्रिड से जुड़े पवन-सौर फोटो-वोल्टेइक हाइब्रिड प्रणाली को बढ़ावा देने के लिये एक ढाँचा प्रदान करना है।
इस नीति का लक्ष्यः 2022 तक 10 गीगावाट पवन-सौर हाइब्रिड क्षमता प्राप्त करनाI
अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) के एमडी और सीईओ: विनीत एस जैन
7. जम्मू-कश्मीर के कठुआ में उत्तर भारत के पहले औद्योगिक बायोटेक पार्क का उद्घाटन
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केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने जम्मू-कश्मीर के कठुआ घाटी औद्योगिक क्षेत्र में उत्तर भारत के पहले बायोटेक पार्क का उद्घाटन किया।
बायोटेक पार्क, कठुआ में प्रौद्योगिकी ऊष्मायन, प्रशिक्षण और कौशल विकास के प्रावधान के अलावा हर्बल निष्कर्षण, किण्वन, विश्लेषणात्मक प्रयोगशाला, आसवन, सूक्ष्म प्रसार, प्लांट टिशू कल्चर जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
यह बायोटेक पार्क जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की जैव विविधता, औषधीय और सुगंधित पौधों पर शोध करेगा।
इस बायोटेक पार्क से जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल, पंजाब और हरियाणा को भी लाभ मिलेगा।
कठुआ में औद्योगिक बायोटेक पार्क वैज्ञानिकों को जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने में सक्षम बनाएगा और बुनियादी ढांचे को सक्षम करने से नवाचार की एक नई लहर को बढ़ावा मिलेगाI
विभिन्न राज्यों में जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा समर्थित नौ जैव प्रौद्योगिकी पार्क
जैव प्रौद्योगिकी पार्क का नाम | राज्य /केंद्रशासित प्रदेश |
बायोटेक पार्क, लखनऊ | उत्तरप्रदेश |
जैव प्रौद्योगिकी इन्क्यूबेशन सेंटर, हैदराबाद | तेलंगाना |
टीडको सेंटर फॉर लाइफ साइंस बायोटेक पार्क, चेन्नई | तमिलनाडु |
बायोटेक पार्क प्रौद्योगिकी इन्क्यूबेशन सेंटर, गुवाहाटी | असम |
जैव प्रौद्योगिकी इन्क्यूबेशन सेंटर, कोचीन | केरल |
बायो टेक्नोलॉजी पार्क, बैंगलोर | कर्नाटक |
औद्योगिक जैव विविधिता पार्क | जम्मू कश्मीर |
छत्तीसगढ़ बायोटेक पार्क | छत्तीसगढ़ |
गोल्डन जुबली बायोटेक पार्क, चेन्नई | तमिलनाडु |
8. कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने हेल्थ, वेलनेस ऐप AAYU लॉन्च किया
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कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के द्वारा योग के माध्यम से पुरानी बीमारियों और जीवनशैली संबंधी विकारों को दूर करने और उन्हें ठीक करने में मदद करने के लिए एक नया स्वास्थ्य और कल्याण ऐप AAYU लॉन्च किया गया है I
AAYU ऐप के बारे में
स्वामी विवेकानंद योग अनुसंधान संस्थान (S-VYASA) और RESET TECH ने संयुक्त रूप से इस ऐप को विकसित किया है।
यह एक AI- संचालित एकीकृत स्वास्थ्य-तकनीक मंच है जिसका उद्देश्य योग और ध्यान के माध्यम से पुरानी बीमारियों और जीवन शैली की स्थिति से निपटना है।
ऐप उपयोगकर्ताओं को व्यक्तिगत कल्याण समाधान प्रदान करेगा और किसी व्यक्ति के व्यक्तिगत इतिहास के आधार पर डॉक्टर परामर्श प्रदान करेगा और इसकी प्रगति की निगरानी करेगा जिससे उन्हें उपचार और रिकवरी में तेजी लाने में मदद मिलेगी।
ऐप उपयोगकर्ताओं को उनके विशिष्ट इतिहास के आधार पर अनुकूलित वेलनेस समाधान और डॉक्टर परामर्श प्रदान करेगा, साथ ही उनकी प्रगति को ट्रैक करेगा, जिससे वे तेजी से ठीक हो सकें।
ऐप को विभिन्न भाषाओं में विकसित किया गया है और इसका लक्ष्य अगले पांच वर्षों के भीतर पांच मिलियन से अधिक पुरानी बीमारियों के रोगियों तक पहुंचना और उन्हें प्रभावित करना है।
कर्नाटक राज्य के बारे में
गठन- 1 नवम्बर 1956
राजधानी -बेंगलुरु
राज्यपाल- थावर चंद्र गहलोत
मुख्यमंत्री- बासवराज बोम्मई (भाजपा)
विधान सभा सीटें- 225
लोक सभा सीटें- 28
कर्नाटक में स्थित जोग जलप्रपात (गरसोप्पा ) भारत का सबसे ऊंचा जल प्रपात है जो शरावती नदी पर है।
यक्षगान कर्नाटक का प्रमुख लोकनृत्य है I
9. जमुई में भारत के ‘सबसे बड़े’ स्वर्ण भंडार की खोज की अनुमति देगा बिहार
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बिहार सरकार ने जमुई जिले में "देश के सबसे बड़े" सोने के भंडार की खोज की अनुमति देने का फैसला किया है।
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) के सर्वेक्षण के अनुसार जमुई जिले में 37.6 टन खनिज युक्त अयस्क सहित लगभग 222.88 मिलियन टन सोने का भंडार मौजूद है।
राज्य का खान और भूविज्ञान विभाग जमुई में सोने के भंडार की खोज के लिए जीएसआई और राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) सहित अन्वेषण में लगी एजेंसियों के साथ परामर्श कर रहा है।
राज्य सरकार एक महीने के भीतर G3 (प्रारंभिक) चरण की खोज के लिए एक केंद्रीय एजेंसी के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेगी।
कुछ क्षेत्रों में, G2 (सामान्य) अन्वेषण भी किया जा सकता है।
बिहार का स्वर्ण भंडार
बिहार में 222.885 मिलियन टन सोना धातु है, जो देश के कुल सोने के भंडार का 44% है।
राष्ट्रीय खनिज सूची के अनुसार, 1 अप्रैल 2015 को देश में प्राथमिक स्वर्ण अयस्क के कुल संसाधन 654.74 टन स्वर्ण धातु के साथ 501.83 मिलियन टन होने का अनुमान है।
इसमें से बिहार 222.885 मिलियन टन (44 प्रतिशत) अयस्क से संपन्न है जिसमें 37.6 टन धातु है।
भारत में सोने का भंडार
स्वर्ण अयस्क (प्राथमिक) के सबसे बड़े संसाधन बिहार में स्थित हैं।
इसके बाद राजस्थान (25%), कर्नाटक (21%), पश्चिम बंगाल (3%), आंध्र प्रदेश (3%), झारखंड (2%) का स्थान है।
शेष 2% संसाधन छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में स्थित हैं।
अमेरिका के पास सबसे ज्यादा सोने का भंडार है।
10. दिल्ली सीमा शुल्क ने आईसीडी गढ़ी हरसरू, गुरुग्राम में प्रोजेक्ट 'निगाह' लॉन्च किया
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मुख्य आयुक्त, दिल्ली सीमा शुल्क क्षेत्र, सुरजीत भुजबल ने आईसीडी गढ़ी हरसरू, गुरुग्राम में परियोजना 'निगाह (NIGAH)' का उद्घाटन किया।
परियोजना निगाह आईसीटीएम (आईसीडी कंटेनर ट्रैकिंग मापांक) का उपयोग करके कंटेनर को ट्रैक करने की एक पहल है जो आईसीडी के भीतर कंटेनर की आवाजाही की बेहतर दृश्यता में सहयोग करेगा।
यह प्रमुख रोकथाम जांचों को सुनिश्चित करने के साथ कारोबार में आसानी को बढ़ाने के लिए लंबे समय से मंजूरी की प्रतीक्षा कर रहे कंटेनरों की समय पर मंजूरी की निगरानी करने में भी मदद करेगा।
आईसीटीएम(आईसीडी कंटेनर ट्रैकिंग मापांक) को संरक्षक के तौर पर मैसर्स जीआरएफएल के सहयोग से विकसित किया गया है।