Practice questions here, for every subject and every exam. Unlimited questions for unlimited attempts, given with answers and explanations.
माखनलाल चतुर्वेदी को किस रचना के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया गया था?
1954 में साहित्य अकादमी पुरस्कारों की स्थापना होने पर हिन्दी साहित्य के लिए प्रथम साहित्य अकादमी पुरस्कार माखन लाल चतुर्वेदी की रचना ‘हिमतरंगिनी (1955)’ के लिए प्रदान किया गया।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
माखनलाल चतुर्वेदी-
अतिरिक्त बिंदु -
निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से उस सही विकल्प का चयन करें जो बताता है कि - जहाँ किसी हानि के कारण शोक भाव उपस्थित होता है, वहाँ किस भाव की उपस्थिति रहती है?
जहाँ किसी हानि के कारण शोक भाव उपस्थित होता है, वहाँ करुण रस होता है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु-
उदाहरण - हाय राम कैसे झेलें हम अपनी लज्जा अपना शोक।
गया हमारे ही हाथों से अपना राष्ट्र पिता परलोक।।
अन्य विकल्प -
हास्य रस - किसी विकृत अथवा असामान्य हाव -भाव ,चेष्टा ,क्रियाव्यापार ,वार्तालाप ,वस्तु , व्यक्ति अथवा स्थिति का ऐसा चित्रण जिससे हास्य उत्पन्न होता है, हास्य रस कहलाता है। हास्य रस का स्थायी भाव 'हास' होता है।
वात्सल्य रस- छोटे बालकों के बाल-सुलभ मानसिक क्रिया-कलापों के वर्णन से उत्पन्न वात्सल्य प्रेम की परिपक्वावस्था को वात्सल्य रस कहते हैं।
अतिरिक्त बिंदु -
रस का सम्बन्ध किस धातु से माना जाता है ?
रस का सम्बन्ध 'सृ' धातु से माना जाता है। अन्य विकल्प असंगत हैं।
अतिरिक्त बिंदु -
हास्य रस का स्थायी भाव है-
हास्य रस का स्थायी भाव हास है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अन्य विकल्प -
अतिरिक्त बिंदु -
साहित्य में रस का क्या अर्थ है?
साहित्य में रस का अर्थ है - साहित्य से मिलने वाली आनंदानुभती। अन्य विकल्प असंगत है।
अतिरिक्त बिंदु -
चमक उठी सन सत्तावन में वो तलवार पुरानी थी। रस भेद बताइए।
उक्त पंक्ति में वीर रस है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
वीर रस -
अन्य विकल्प -
भक्ति रस -
उदाहरण - उलट नाम जपत जग जाना।
बाल्मीकि भए ब्रह्म समाना।।
हास्य रस -
शृंगार रस -
अतिरिक्त बिंदु -
अमर्ष क्या है?
व्याख्या - अमर्ष एक संचारी भाव है।
महत्वपूर्ण बिंदु-
यह विरोधी का अपकार करने की अक्षमता से उत्पन्न दुःख के कारण उत्पन्न होता है।
अन्य विकल्प -
अलंकार - अलंकार काव्य का शोभाकारक गुण है। इससे काव्य के सौन्दर्य में वृद्धि होती है। आचार्य दंडी को अलंकार संप्रदाय का संस्थापक माना जाता है।
काव्य दोष - काव्य में रस एवं अर्थ का अपकर्ष दोष कहलाता है। दोष रस प्रतीति में बाधक होते हैं । सामान्यतः रस के तीन दोष बताए जाते हैं —
1 शब्द दोष
2 रस दोष
3 अर्थ दोष
अन्य जानकारी -
संचारी भाव - मन में आने वाले भाव को संचारी भाव कहते हैं । संचारी भावों की संख्या 33 बताई जाती है । प्रमुख संचारी भाव इस प्रकार हैं —
हर्ष , विषाद , ग्लानि , लज्जा , चिंता , अमर्ष , आलस्य , निद्रा आदि।
किस रस को रसराज कहा जाता है?
शृंगार रस को रसराज कहा जाता है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अन्य विकल्प -
अतिरिक्त बिंदु -
मन रे तन कागद का पुतला।
लागै बूँद बिनसि जाय छिन में,
गरब करे क्या इतना।।
इन पंक्तियों में कौन-सा रस है?
उपर्युक्त पंक्तियों में शांत रस की अभिव्यक्ति हुई है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अन्य विकल्प -
शृंगार रस -
भक्ति रस -
करुण रस -
अतिरिक्त बिंदु -
वर्ष 2016 का साहित्य अकादमी पुरस्कार किस रचनाकार को दिया गया?
व्याख्या - वर्ष 2016 का साहित्य अकादमी पुरस्कार 'नासिरा शर्मा' को दिया गया।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अतिरिक्त बिंदु -
करुण रस का स्थायी भाव क्या है?
करुण रस का स्थायी भाव शोक है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
उदाहरण -
दुःख ही जीवन की कथा रही,
क्या कहूँ आज जो नहीं कही।
अन्य विकल्प -
अतिरिक्त बिंदु -
अँखिया हरि दरसन की भूखी। कैसे रहें रूप रस राँची, ए बतियाँ सुनि रूखीं। उपर्युक्त पंक्तियों में कौन-सा रस है?
उक्त पंक्ति में वियोग शृंगार रस है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अन्य विकल्प -
वीर रस -
शांत रस -
संयोग शृंगार रस -
अतिरिक्त बिंदु -
'रौद्र' रस का स्थायी भाव क्या है?
रौद्र रस का स्थायी भाव क्रोध होता है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
रौद्र रस -
उदाहरण
अतिरस बोले बचन कठोर।
बेगि दिखाउ मूढ़ नत आजू।
उलटउँ महि जहँ लग तवराजू।।
अन्य विकल्प -
अतिरिक्त बिंदु -