Practice questions here, for every subject and every exam. Unlimited questions for unlimited attempts, given with answers and explanations.
'प्रबल' में कौन-सा उपसर्ग है?
'प्रबल' में 'प्र' उपसर्ग है।
अतिरिक्त बिंदु-
$\Rightarrow$उपसर्ग उस शब्दांश को कहते हैं , जो किसी शब्द अथवा अव्यय के साथ में जुड़कर उसके अर्थ में विशेषता या परिवर्तन उत्पन्न करते हैं ;जैसे कर्म के पहले सु उपसर्ग लगने से सुकर्म शब्द बन गया और इससे कर्म की विशेषता प्रकट हो गयी।
$\Rightarrow$उपसर्ग का प्रयोग तथा शब्दार्थ - उपसर्ग के प्रयोग से अर्थ में विशेषता आ जाती है।
1 शब्दार्थ सर्वथा प्रतिकूल हो जाता है।
2 शब्दार्थ में कोई विशेष अंतर नहीं आता, मात्र गति या अधिकता का संकेत मिलता है।
3 शब्दार्थ में एक नवीन विशेषता आ जाती है।
$\Rightarrow$हिंदी में जो उपसर्ग मिलते हैं ,वे कई भाषाओं के होते हैं ; जैसे- संस्कृत, उर्दू, हिंदी, अंग्रेजी।
$\Rightarrow$संस्कृत उपसर्ग - संस्कृत के उपसर्गों का प्राय: हिन्दी प्रयोग होता है, जो निम्नलिखित हैं - प्र , पर, अप, अनु, अलम, आविर, आ, निर, दूर, वि, अभि, प्रति आदि।
$\Rightarrow$हिंदी उपसर्ग - हिंदी उपसर्ग, प्रायः संस्कृत उपसर्गों के अपभ्रंश है और विशेषकर तद्भव शब्दों के पूर्व आते हैं। जैसे- अ, अध, अन, उ, उन, औ, कु, नि, बिन, भर, सु आदि।
$\Rightarrow$उर्दू उपसर्ग - उर्दू के उपसर्ग भी जगह-जगह स्थान की पूर्ति करते निर्देशित होते हैं , जो अग्रलिखित हैं- अल, कम, खुश, दर, ना, फिल, ब, बद आदि।
'हँसोड़' शब्द में कौन-सा प्रत्यय प्रयुक्त है ?
हँसोड़ में 'ओड़' प्रत्यय और हँस मूल शब्द है।
अतिरिक्त बिंदु -
'बहिष्कार' शब्द में कौन- सा उपसर्ग प्रयुक्त है?
'बहिष्कार' में 'बहिः' उपसर्ग प्रयुक्त है।बहिःका अर्थ 'बाहर' होता है।(बहिः + कार = बहिष्कार)
अतिरिक्त बिंदु -
$\Rightarrow$हिंदी में जो उपसर्ग मिलते हैं ,वे कई भाषाओं के होते हैं ; जैसे- संस्कृत, उर्दू, हिंदी, अंग्रेजी।
$\Rightarrow$संस्कृत उपसर्ग - प्र , पर, अप, अनु, अलम, आविर, आ, निर, दूर, वि, अभि, प्रति आदि।
$\Rightarrow$हिंदी उपसर्ग - हिंदी उपसर्ग, प्रायः संस्कृत उपसर्गों के अपभ्रंश है और विशेषकर तद्भव शब्दों के पूर्व आते हैं। जैसे- अचेत, अजान, अलग, आदि।अ, अध, अन, उ, उन, औ, कु, नि, बिन, भर, सु आदि।
$\Rightarrow$उर्दू उपसर्ग - उर्दू के उपसर्ग भी जगह-जगह स्थान की पूर्ति करते निर्देशित होते हैं , जो अग्रलिखित हैं- अल, कम, खुश, दर, ना, फिल, ब, बद आदि।
$\Rightarrow$अंग्रेजी उपसर्ग - अंग्रेजी के उपसर्ग भी कभी-कभी विशेष परिस्थिति में स्थान की पूर्ति करते निदर्शित होते हैं, जो है- सब (Sub) जिसका अर्थ है - अधीन, भीतरी।उदाहरण - सब-इंस्पेक्टर, सब-रजिस्ट्रार, सब-कमेटी, सब-ऑफिस आदि।
निम्न विकल्पों में से मिठास और लालिमा किस तद्धित प्रत्यय के उदाहरण हैं ?
मिठास और लालिमा भाववाचक तद्धित प्रत्यय के उदाहरण हैं। जिन प्रत्ययों के जुड़ने से संज्ञा या विशेषण शब्द भाव का बोध कराने लगते हैं,उन्हें 'भाववाचक तद्धित प्रत्यय'कहते हैं। ये प्रत्यय हैं- आ , आई, आन, आयत, आवट, आस, आहट, त, ती, पैन, पा आदि।
'पाण्डव' शब्द में कौन- सा प्रत्यय प्रयुक्त है ?
'पाण्डव' शब्द में तद्धित प्रत्यय प्रयुक्त है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अन्य विकल्प -
अतिरिक्त बिंदु -
'निर्वाह' में कौन- सा उपसर्ग प्रयुक्त हैं ?
'निर्वाह' शब्द में 'निर्' उपसर्ग प्रयुक्त है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अतिरिक्त बिंदु -
उपसर्ग - जो शब्दांश शब्दों के आदि में जुड़ कर उनके अर्थ में कुछ विशेषता लाते हैं उन्हें उपसर्ग कहते हैं। जैसे: आ, अनु, अभि, अति, नि आदि।
उदाहरण -
वे प्रत्यय जो क्रिया के मूल रूप यानी धातु में जोड़े जाते हैं, कौन-से प्रत्यय कहलाते हैं?
वे प्रत्यय जो क्रिया के मूल रूप यानी धातु में जोड़े जाते हैं, कृत् प्रत्यय कहलाते हैं।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अन्य विकल्प -
अतिरिक्त बिंदु -
धातुओं को छोड़ शेष शब्दों ( संज्ञा, सर्वनाम तथा विशेषण ) के पीछे लगने वाले प्रत्यय को क्या कहते हैं?
व्याख्या- धातुओं को छोड़ शेष शब्दों ( संज्ञा, सर्वनाम तथा विशेषण ) के पीछे लगने वाले प्रत्यय को 'तद्धित प्रत्यय' कहा जाता है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अन्य विकल्प -
$\Rightarrow$कृत् प्रत्यय - क्रिया या धातु के अंत में प्रयुक्त होते हैं और उनके योग से बने शब्द 'कृदंत' कहलाते हैं। जैसे - जानना(क्रिया पद ) + वाला (कृत् प्रत्यय ) = जाननेवाला ( कृदंत )
$\Rightarrow$कर्मवाचक कृदंत - जिन कृदंत शब्दों से क्रिया के कर्म का बोध होता है, वे कर्मवाचक कृदंत कहलाते हैं। ये कृदंत शब्द धातुओं के अंत में आना, आवत, औना, न, नी आदि प्रत्यय जोड़ने से बनते हैं। जैसे- आना- मिटाना ; आवत- कहावत ; खाना ; नी - कहानी।
$\Rightarrow$करणवाचक कृदंत - जिन कृदंत शब्दों से किसी क्रिया के साधन का बोध होता है, उन्हें करणवाचक कृदंत कहते हैं। ये कृदंत शब्द धातुओं के अंत में आ, ई, ऊ, न, ना, औटी आदि प्रत्यय जोड़कर बनाए जाते हैं। जैसे- झूला, खाँसी, झाड़ू, बेलन, कसना, कसौटी आदि।
अतिरिक्त बिंदु -
$\Rightarrow$प्रत्यय की परिभाषा - प्रत्यय उस शब्दांश को कहते हैं जो किसी शब्द या धातु के पीछे लगकर कोई नया शब्द बनाए, जैसे- मूर्ख में ता प्रत्यय जोड़कर मूर्खता बनता है। प्रत्ययों का अपना अर्थ कुछ भी नहीं होता और न ही इनका प्रयोग स्वतंत्र रूप से किया जाता है।
$\Rightarrow$प्रत्यय के भेद - मूलतः प्रत्यय दो प्रकार के होते हैं -कृत् प्रत्यय और तद्धित प्रत्यय ।
'भिक्षुक' में कौन - सा प्रत्यय प्रयुक्त है ?
'भिक्षुक' में 'अक' प्रत्यय प्रयुक्त है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अतिरिक्त बिंदु -
निम्नलिखित में से लेखक शब्द के अंत में कौन- सा प्रत्यय लगा हुआ है?
उपर्युक्त विकल्पों के आधार पर लेखक शब्द में अक प्रत्यय लगा है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अतिरिक्त बिंदु -
‘हार्दिक’ शब्द से प्रत्यय हटाने के बाद मूल शब्द होगा-
व्याख्या- ‘हार्दिक’ शब्द से प्रत्यय हटाने के बाद मूल शब्द ‘हृद’ होगा।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अतिरिक्त बिंदु -
$\Rightarrow$प्रत्यय की परिभाषा - प्रत्यय उस शब्दांश को कहते हैं जो किसी शब्द या धातु के पीछे लगकर कोई नए शब्द बनाए, जैसे- मुर्ख में 'ता' प्रत्यय जोड़कर 'मूर्खता' बनता है। प्रत्ययों का अपना अर्थ कुछ भी नहीं होता और न ही इनका प्रयोग स्वतंत्र रूप से किया जाता है।
$\Rightarrow$प्रत्यय के भेद - मूलतः प्रत्यय दो प्रकार के होते हैं -कृत् प्रत्यय और तद्धित प्रत्यय ।
‘गमन’ शब्द को विपरीतार्थक बनाने के लिए आप किस उपसर्ग का प्रयोग करेंगे?
व्याख्या- गमन शब्द को विपरीतार्थक बनाने के लिए आ उपसर्ग का प्रयोग किया जाएगा।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अतिरिक्त बिंदु -
हिंदी में जो उपसर्ग मिलते हैं ,वे कई भाषाओं के होते हैं ; जैसे- संस्कृत, उर्दू, हिंदी, अंग्रेजी।
निम्नलिखित में से उपसर्ग रहित शब्द है?
व्याख्या- सुरेश उपसर्ग रहित शब्द है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अन्य विकल्प -
अतिरिक्त बिंदु -
हिंदी में जो उपसर्ग मिलते हैं ,वे कई भाषाओं के होते हैं ; जैसे- संस्कृत, उर्दू, हिंदी, अंग्रेजी।
निर्वासित' में कौन- सा प्रत्यय प्रयुक्त हैं ?
'निर्वासित' शब्द में इत प्रत्यय प्रयुक्त है।
अतिरिक्त बिंदु -
'पुरातन' में कौन- सा उपसर्ग प्रयुक्त हैं ?
'पुरातन' शब्द में 'पुरा' उपसर्ग प्रयुक्त है।
अतिरिक्त बिंदु -
1 शब्दार्थ सर्वथा प्रतिकूल हो जाता है।
2 शब्दार्थ में कोई विशेष अंतर नहीं आता, मात्र गति या अधिकता का संकेत मिलता है।
3 शब्दार्थ में एक नवीन विशेषता आ जाती है।
⇒हिंदी में जो उपसर्ग मिलते हैं ,वे कई भाषाओं के होते हैं ; जैसे- संस्कृत, उर्दू, हिंदी, अंग्रेजी।
⇒संस्कृत उपसर्ग - प्र , पर, अप, अनु, अलम, आविर, आ, निर, दूर, वि, अभि, प्रति आदि।
⇒हिंदी उपसर्ग - हिंदी उपसर्ग, प्रायः संस्कृत उपसर्गों के अपभ्रंश है और विशेषकर तद्भव शब्दों के पूर्व आते हैं। जैसे- अचेत, अजान, अलग, आदि।अ, अध, अन, उ, उन, औ, कु, नि, बिन, भर, सु आदि।
⇒उर्दू उपसर्ग - उर्दू के उपसर्ग बहि जगह-जगह स्थान की पूर्ति करते निर्देशित होते हैं , जो अग्रलिखित हैं- अल, कम, खुश, दर, ना, फिल, ब, बद आदि।
⇒अंग्रेजी उपसर्ग - सब (Sub) जिसका अर्थ है - अधीन, भीतरी।उदाहरण - सब-इंस्पेक्टर, सब-रजिस्ट्रार, सब-कमेटी, सब-ऑफिस आदि।
‘प्रत्यर्पण’ शब्द से कौन-सा उपसर्ग प्रयुक्त हुआ है?
व्याख्या- प्रत्यर्पण शब्द में 'प्रति' उपसर्ग प्रयुक्त हुआ है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अतिरिक्त बिंदु -
हिंदी में जो उपसर्ग मिलते हैं ,वे कई भाषाओं के होते हैं ; जैसे- संस्कृत, उर्दू, हिंदी, अंग्रेजी।
'लुहारिन' में कौन- सा प्रत्यय प्रयुक्त हैं ?
'लुहारिन' शब्द में 'इन' प्रत्यय प्रयुक्त है।
अतिरिक्त बिंदु -
'सूत' शब्द को स्त्रीवाचक बनाने के लिए किस प्रत्यय का प्रयोग होता है?
व्याख्या- 'सूत' शब्द को स्त्रीवाचक बनाने के लिए उपर्युक्त विकल्पों में से ‘आ’ प्रत्यय का प्रयोग होता है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु -
अतिरिक्त बिंदु -
शब्द ‘गमन’ को विपरीतार्थक बनाने के लिए निम्नलिखित विकल्पों में से उपसर्ग का प्रयोग किया जाएगा-
व्याख्या- शब्द ‘गमन’ का विपरीतार्थक शब्द आगमन है। जो कि ‘आ’ उपसर्ग से मिल के बना है। अतः ‘गमन’ का विपरीतार्थक शब्द बनाने के लिए ‘आ’ उपसर्ग का प्रयोग किया जाएगा।
अतिरिक्त बिंदु -
उपसर्ग उस शब्दांश को कहते हैं , जो किसी शब्द अथवा अव्यय के साथ में जुड़कर उसके अर्थ में विशेषता या परिवर्तन उत्पन्न करते हैं ;जैसे कर्म के पहले सु उपसर्ग लगने से सुकर्म शब्द बन गया और इससे कर्म की विशेषता प्रकट हो गयी।
उपसर्ग का प्रयोग तथा शब्दार्थ - उपसर्ग के प्रयोग से अर्थ में विशेषता आ जाती है। उपसर्ग के प्रयोग से शब्दों के अर्थ तीन स्थितियों में प्रकट होते हैं -
हिंदी में जो उपसर्ग मिलते हैं ,वे कई भाषाओं के होते हैं ; जैसे- संस्कृत, उर्दू, हिंदी, अंग्रेजी।
मनौती शब्द में प्रयुक्त प्रत्यय है -
मनौती शब्द में ‘औती’ प्रत्यय प्रयुक्त है।
अतिरिक्त बिंदु -