सीबीडीटी द्वारा आयकर दिवस की 163वीं वर्षगांठ मनाई गई

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केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) और इसके सभी क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा पूरे भारत में 24 जुलाई को आयकर दिवस की 163वीं वर्षगांठ मनाई गई।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हाल के वर्षों में सरकार द्वारा शुरू किए गए सुधारों ने विश्वास-आधारित कर प्रणाली सुनिश्चित की है।

  • करदाताओं ने भी विश्वास-आधारित दृष्टिकोण की पुष्टि की है, जैसा कि बेहतर कर संग्रह की प्रवृत्ति और दायर आयकर रिटर्न की संख्या में वृद्धि से स्पष्ट है।

  • सीतारमण ने नीतिगत सुधारों को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए आयकर विभाग की सराहना की।

  • उन्होंने पिछले वित्त वर्ष में 14 लाख करोड़ रुपये से अधिक का अब तक का सबसे अधिक राजस्व संग्रह हासिल करने के लिए आयकर विभाग की सराहना की।

  • इस अवसर पर फील्ड फॉर्मेशन ने कई कार्यक्रम और गतिविधियां आयोजित कीं।

आयकर दिवस के बारे में

  • भारत में यह दिन 2010 से मनाया जा रहा है।

  • 2010 में आयकर विभाग ने 24 जुलाई को वार्षिक उत्सव के दिन के रूप में मनाने का फैसला किया, इसी वर्ष आयकर के 150 वर्ष पूरे हुए थे।

  • आयकर को पहली बार 24 जुलाई, 1860 में एक कर के रूप में लगाया गया था।

  • इसलिए 24 जुलाई आयकर विभाग के लिए काफी महत्व रखता है।

  • इसे 1857 में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौरान ब्रिटिश सरकार को हुए नुकसान की भरपाई के लिए सर जेम्स विल्सन द्वारा पेश किया गया था।

दिन का महत्व

  • यह राष्ट्र के लिए अपनी अपार सेवा के लिए आयकर विभाग की सराहना करने के लिए मनाया जाता है।

  • एजेंसी प्रत्यक्ष करों का प्रशासन करती है और सरकार के लिए राजस्व के स्रोत के रूप में कार्य करती है।

  • यह सामाजिक-आर्थिक उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए एक प्रभावी साधन भी है।

  • आयकर विभाग अर्थव्यवस्था में आकस्मिक परिवर्तनों के अनुकूल बनाता है और कर संग्रह में एक स्वस्थ वृद्धि प्राप्त करता है।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के बारे में 

  • सीबीडीटी यानी केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड वित्त मंत्रालय में राजस्व विभाग का एक हिस्सा है I 

  • सीबीडीटी को राजस्व बोर्ड अधिनियम 1963 से अधिकार प्राप्त हैंI 

  • सीबीडीटी भारत में प्रत्यक्ष कर की नीतियों और योजनाओं के लिए आवश्यक इनपुट्स प्रदान करता है. साथ ही यह आयकर विभाग के माध्यम से प्रत्यक्ष कर कानूनों के प्रशासन के लिए जिम्मेदार हैI 

  • भारत में प्रत्यक्ष कर से संबंधित सभी मामले 1 जनवरी 1964 से केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड को सौंप दिए गए थेI 

  • सीबीडीटी की अगुवाई चेयरमैन द्वारा की जाती है और इसमें छह सदस्य हो सकते हैं, जो विशेष सचिव स्तर के होते हैं I 

  • यह आयकर विभाग के लिए प्रशासनिक निकाय हैI

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