नागरिक उड्डयन मंत्रालय की सलाहकार समिति ने 'डिजी यात्रा' परियोजना पर चर्चा की
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नागर विमानन मंत्रालय की सलाहकार समिति की बैठक 18 जुलाई को नई दिल्ली में हुई। चर्चा का विषय 'डिगी यात्रा' था।
डिजी यात्रा के बारे में
चेहरा पहचान प्रणाली (एफआरटी) के आधार पर हवाई अड्डों पर यात्रियों की संपर्क रहित, निर्बाध प्रोसेसिंग को हासिल करने के लिए ये परियोजना सोची गई है।
इस परियोजना का मूल विचार ये है कि कोई भी यात्री बिना किसी कागज़ के या बिना कोई संपर्क किए विभिन्न चेक पॉइंट से गुजर सके।
इसके लिए उसके चेहरे के फीचर्स का इस्तेमाल किया जाएगा जिससे उसकी पहचान स्थापित होगी जो सीधे उसके बोर्डिंग पास से जुड़ी होगी।
इस सिस्टम में गोपनीयता के मुद्दों का ध्यान रखा गया है।
ये एक विकेन्द्रीकृत मोबाइल वॉलेट आधारित पहचान प्रबंधन प्लेटफॉर्म मुहैया करता है जो कि सस्ता भी है और डिजी यात्रा के कार्यान्वयन में गोपनीयता/डेटा सुरक्षा मुद्दों को भी संबोधित करता है।
डिजी यात्रा के उद्देश्य
सभी हवाई यात्रियों को एक सरल और आसान अनुभव प्रदान करना।
"डिजिटल फ्रेमवर्क" का उपयोग करके मौजूदा बुनियादी ढांचे के माध्यम से बेहतर प्रवाह क्षमता प्राप्त करना।
कम लागत के संचालन में परिणाम।
वर्तमान मैनुअल प्रक्रिया को डिजिटाइज़ करना और बेहतर दक्षता लाना
डिजी यात्रा का पहला चरण
पहले चरण में डिजी यात्रा को अगस्त 2022 में वाराणसी और बेंगलुरु के दो हवाई अड्डों पर शुरू किया जाएगा।
अगले साल मार्च तक पुणे, विजयवाड़ा, कोलकाता, दिल्ली और हैदराबाद के पांच हवाई अड्डों पर शुरू करने का प्रस्ताव है।
एएआई उन हवाई अड्डों की पहचान करेगा जहां डिजी यात्रा को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।
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