मत्स्य पालन क्षेत्र ने अब तक का सबसे अधिक उत्पादन और निर्यात रिकॉर्ड किया :प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के दो साल पुरे
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देश में मत्स्य पालन क्षेत्र के सतत विकास पर केंद्रित, प्रमुख केंद्र सरकार की योजना, प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएसएसवाई) ने 10 सितंबर 2022 को 2 साल पूरे किए।
इस दिन को मनाने के लिए, केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने नई दिल्ली में एक कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला थे।
महत्वपूर्ण तथ्य -
मात्स्यिकी क्षेत्र की उपलब्धि :
- मंत्रालय ने इस अवसर पर योजना की उपलब्धि जारी की।
- 2019-20 के दौरान 141.64 लाख टन की तुलना में 2021-22 के दौरान देश में मछली उत्पादन 161.87 लाख टन (अनंतिम) तक पहुंच गया है।
- 2019-20 से 2021-22 तक सेक्टर की विकास दर 14.3% थी।
- निर्यात 13.64 लाख टन के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया, जिसका मूल्य 57,587 करोड़ रुपये (7.76 बिलियन अमरीकी डालर) था, जिसमें झींगा के निर्यात का प्रभुत्व था।
- भारत दुनिया के 123 देशों को मछली निर्यात करता है और यह दुनिया में मछली का चौथा सबसे बड़ा निर्यातक है।
प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना :
- प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 सितंबर 2020 को डिजिटल रूप से प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना की शुरुआत की।
- प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना का मुख्य आदर्श वाक्य मत्स्य पालन क्षेत्र में 'सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन' है।
- पीएमएमएसवाई को मछली उत्पादन और उत्पादकता, गुणवत्ता प्रौद्योगिकी, उपज के बाद के लिए जरूरी बुनियादी ढांचे और प्रबंधन, मूल्य निर्धारण श्रृंखला के आधुनिकीकरण और सुदृढ़ीकरण, मजबूत मत्स्य प्रबंधन ढांचे और मछुआरों के कल्याण के रास्ते में आने वाली कमियों को दूर करने के उद्देश्य से बनाया गया है।
योजना की अवधि :
- यह एक पंचवर्षीय योजना है (2020-21 से 2024-25)। इसे सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया जा रहा है।
प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना का लक्ष्य :
- 2024-25 तक मछली उत्पादन में अतिरिक्त 70 लाख टन की वृद्धि,
- 2024-25 तक मत्स्य निर्यात आय को बढ़ाकर 1,00,000 करोड़ रुपये करना,
- मछुआरों और मछली किसानों की आय दोगुनी करना,
- फसल के बाद के नुकसान को 20-25% से घटाकर लगभग 10% और
- मत्स्य पालन क्षेत्र और संबद्ध गतिविधियों में अतिरिक्त 55 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाभकारी रोजगार के अवसर पैदा करना।
अतिरिक्त जानकारी -
बजट आवंटन :
- सरकार ने 5 साल (2020-21 से 2024-25) की अवधि के लिए 20,500 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
याद रखने योग्य बिंदु :
- संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के अनुसार, 2020 में, भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश था।
- चीन विश्व का सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश था और उसके बाद इंडोनेशिया और पेरू मछली के सबसे बड़े उत्पादक थे।
- भारत जलीय कृषि के माध्यम से दुनिया में मछली का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश था।
- जलीय कृषि शब्द मोटे तौर पर किसी भी व्यावसायिक, मनोरंजक या सार्वजनिक उद्देश्य के लिए नियंत्रित जलीय वातावरण में जलीय जीवों जैसे मछली, पौधों, शैवाल और अन्य जीवों की खेती को संदर्भित करता है।
- आंध्र प्रदेश भारत का सबसे बड़ा मछली उत्पादक राज्य है।
- नीली क्रांति : इसका तात्पर्य जलकृषि के उत्पादन में वृद्धि से है।
- राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस हर साल 10 जुलाई को मनाया जाता है।
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