युवाओं के लिए वैश्विक रोजगार रुझान - 2022
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ग्लोबल एम्प्लॉयमेंट ट्रेंड्स फॉर यूथ 2022 रिपोर्ट को अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) द्वारा "COVID-19 महामारी से मानव-केंद्रित पुनर्प्राप्ति" के लिए वैश्विक कॉल टू एक्शन के हिस्से के रूप में जारी किया गया है।
रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु
"ग्लोबल एम्प्लॉयमेंट ट्रेंड्स फॉर यूथ 2022" रिपोर्ट के अनुसार, 15-24 आयु वर्ग के युवाओं में दुर्लभ बेरोजगारी दुनिया भर में 15.6% तक पहुंच गई है। यह वयस्कों में बेरोजगारी दर का तीन गुना है।
इस रिपोर्ट के अनुसार, बेरोजगार युवा आबादी की संख्या 2021 में 75 मिलियन से घटकर 2022 में 73 मिलियन हो गई है। हालांकि, यह संख्या अभी भी कोविड -19 महामारी से पहले की संख्या से 6 मिलियन अधिक है।
अफ्रीका में बेरोजगारी दर 12.7% है, जो वैश्विक औसत 14.9% से कम है। यह आंकड़ा इस बात पर प्रकाश डालता है कि, युवा लोग श्रम बाजारों से हट गए हैं।
भारत में 18 महीने के लिए स्कूल बंद कर दिए गए। 240 मिलियन स्कूल जाने वाले बच्चों में से सिर्फ 8% ग्रामीण इलाकों में और 23% शहरी क्षेत्रों में ऑनलाइन शिक्षा तक पहुंच थी। नतीजतन, 92% बच्चों ने औसतन भाषा में एक मूलभूत क्षमता खो दी है। 82% बच्चों ने गणित में कम से कम एक मूलभूत क्षमता खो दी है।
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के अनुसार, भारत में श्रम बल भागीदारी दर (Labour Force Participation Rate – LPR) जून 2022 में गिरकर 38.8% हो गई थी।
नए बनाए गए EPF खातों में 18-21 आयु वर्ग के लोगों की हिस्सेदारी 2018-19 में 37.9% से घटकर 2021-22 में 24.1% हो गई है।
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के बारे में
वर्ष 1919 में वर्साय की संधि द्वारा राष्ट्र संघ की एक संबद्ध एजेंसी के रूप में इसकी स्थापना हुईथी।
वर्ष 1946 में यह संयुक्त राष्ट्र से संबद्ध पहली विशिष्ट एजेंसी बन गया था।
स्थापना का उद्देश्य: वैश्विक एवं स्थायी शांति हेतु सामाजिक न्याय आवश्यक है।
भारत ILO का संस्थापक सदस्य है और यह वर्ष 1922 से ILO के संचालन निकाय का स्थायी सदस्य है।
भारत में ILO का पहला कार्यालय वर्ष 1928 में स्थापित किया गया था।
मुख्यालय- जेनेवा, स्विट्ज़रलैंड
महानिदेशक- गिल्बर्ट हौंगबो
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