भारत सरकार ने प्रवर्तन निदेशालय को 15 और सरकारी एजेंसियों के साथ सूचना साझा करने की अनुमति दी

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Enforcement Directorate to share information with 15 more government agencies

वित्त मंत्रालय ने 22 नवंबर को एक अधिसूचना जारी की जिसने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 में संशोधन किया और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को 15 और एजेंसियों के साथ आर्थिक अपराधियों के बारे में जानकारी साझा करने की अनुमति दी। इससे पहले ईडी  सिर्फ 10 सरकारी एजेंसियों से सूचनाएं साझा करतीथीं। अब उसे 25 एजेंसियों से जानकारी साझा करनी है।

सरकार द्वारा ऐसा आर्थिक अपराध से जुड़े मामलों में तेजी लाने और एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय के लिए किया गया है।

ईडी धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2022, भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम 2018 और विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) 1999 की धाराओं के तहत आर्थिक अपराध से संबंधित मामले की जांच करता है।

नई एजेंसियां जिनके साथ ईडी को जानकारी साझा करनी है

जिन 15 एजेंसियों के साथ अब ईडी को जानकारी साझा करनी है, वे हैं राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ), राज्य पुलिस विभाग, विभिन्न अधिनियमों के तहत नियामक, विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी), विदेश मंत्रालय, और भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई), राष्ट्रीय खुफिया ग्रिड, केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी), रक्षा खुफिया एजेंसी, राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन, सैन्य खुफिया  एजेंसी, केंद्रीय सिविल सेवा नियमों और वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो के तहत जांच प्राधिकरण।

अन्य 10 एजेंसियां जिनके साथ ईडी जानकारी साझा करती है;

ईडी इससे  पहले निदेशक (वित्तीय खुफिया इकाई, भारत, वित्त मंत्रालय, राजस्व विभाग के तहत), कैबिनेट सचिवालय (अनुसंधान और विश्लेषण विंग), केंद्रीय जांच ब्यूरो की आर्थिक अपराध शाखा, राज्य सरकारों के मुख्य सचिव, भारतीय रिजर्व बैंक, कंपनी मामलों का विभाग, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड, गृह मंत्रालय या राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय या खुफिया ब्यूरो के साथ अपनी जानकारी साझा करता था।

प्रवर्तन निदेशालय की स्थापना 1956 में केंद्रीय वित्त मंत्रालय के तहत की गई थी।

प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक संजय कुमार मिश्रा


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