महंगाई पर काबू पाने के लिए सरकार ने गैस प्राइसिंग फॉर्मूले की समीक्षा के लिए किरीट पारिख कमेटी का गठन किया
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केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने 6 सितंबर 2022 को "अंतिम उपभोक्ता को उचित मूल्य" सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय रूप से उत्पादित गैस के मूल्य निर्धारण फार्मूले की समीक्षा करने के लिए एक समिति का गठन किया है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
समिति के अध्यक्ष :
- इस समिति की अध्यक्षता योजना आयोग के पूर्व सदस्य किरीट पारिख करेंगे। इसमें उर्वरक मंत्रालय के सदस्य, साथ ही गैस उत्पादक और खरीदार शामिल होंगे।
समिति के गठन का कारण :
- समिति, स्थानीय रूप से उत्पादित प्राकृतिक गैस के मूल्य निर्धारण का सुझाव देगी ताकि देश में मुद्रास्फीति को कम किया जा सके और स्वच्छ ईंधन के उपयोग को बढ़ावा दिया जा सके।
- प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी 2030 तक भारत के ऊर्जा मिश्रण में गैस की हिस्सेदारी को 6.2% से बढ़ाकर 15% करना चाहते हैं, जिससे भारत को 2070 तक शुद्ध शून्य कार्बन-उत्सर्जन लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।
अतिरिक्त जानकारी -
भारत में प्राकृतिक गैस की कीमत का निर्धारण :
- 2014 में सरकार ने स्थानीय गैस की कीमत को निर्धारित करने के लिए वैश्विक बेंचमार्क हेनरी हब, अल्बर्टा गैस, एनबीपी और रूसी गैस को मिला कर एक फोरमुले से जोड़ा दिया है।
- 2016 सेसरकार ने गहरे पानी से उत्पादित गैस की अधिकतम कीमतों का निर्धारण करना शुरू किया और इन गैसों के उत्पादक को विपणन स्वतंत्रता की अनुमति भीदी। ओएनजीसी और रिलायंस, भारत में गहरे पानी की प्राकृतिक गैस के प्रमुख उत्पादक हैं।
- भारत और विश्व में अभी प्राकृतिक गैस की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर हैं और रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण इसके और बढ़ने की उम्मीद है। इससे भारत में महंगाई और बढ़ेगी।
केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री : हरदीप सिंह पुरी।
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