सरकार ने ग्रामीण उद्यमी परियोजना का दूसरा चरण शुरू किया

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राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) ने 20 अगस्त को सेवा भारती और युवा विकास सोसाइटी के साथ साझेदारी में आदिवासी समुदायों में उनके समावेशी और सतत विकास के लिए कौशल प्रशिक्षण बढ़ाने के लिए ग्रामीण उद्यमी परियोजना के दूसरे चरण की शुरुआत की।


महत्वपूर्ण तथ्य -

  • पायलट प्रोजेक्ट के दूसरे चरण का रांची में शुभारंभ किया गया।

  • केंद्र सरकार ने विशेष रूप से आदिवासी क्षेत्रों के लिए 85 हजार करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी है।

  • इस पहल के तहत भारत के युवाओं को बहु-कौशल प्रदान करना और उनकी आजीविका को सक्षम बनाने के लिए कार्यात्मक कौशल प्रदान करना है।

  • प्रधानमंत्री ने जनजातीय समुदायों को कार्यबल में शामिल करने, उनके समग्र विकास को सुनिश्चित करने पर जोर दिया है ताकि उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा सके और उनके संबंधित भौगोलिक क्षेत्रों में समाहित किया जा सके।

ग्रामीण उद्यमी परियोजना :

  • इसे संसदीय परिसंकुल योजना के तहत लागू किया गया है।

  • यह एक अनूठी बहु-कौशल परियोजना है, जिसे एनएसडीसी द्वारा वित्त पोषित किया गया है, जिसका उद्देश्य मध्य प्रदेश और झारखंड में 450 आदिवासी छात्रों को प्रशिक्षित करना है।

  • यह परियोजना छह राज्यों- महाराष्ट्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, झारखंड और गुजरात में लागू की जा रही है।

  • राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर और आदिवासी सांसदों ने इस अवधारणा को मूर्त रूप दिया।

  • प्रशिक्षण के पहले चरण में, महाराष्ट्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और गुजरात के ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों से उम्मीदवारों को शामिल किया गया था।

परियोजना के तहत प्रशिक्षण :

  • इलेक्ट्रीशियन और सोलर पीवी इंस्टालेशन टेक्निशियन

  • नलसाजी और चिनाई

  • 2-व्हीलर मरम्मत और रखरखाव

  • ई-गवर्नेंस के साथ आईटी/आईटीईएस

  • फार्म मशीनीकरण

परियोजना के उद्देश्य :

  • ग्रामीण/स्थानीय अर्थव्यवस्था में वृद्धि

  • रोजगार के अवसर बढ़ाना 

  • स्थानीय अवसरों की कमी के कारण जबरन प्रवास को कम करना

  • प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण

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