स्वास्थ्य और पंचायती राज मंत्रालय ने भारत में टीबी को खत्म करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और पंचायती राज मंत्रालय ने भारत में टीबी को खत्म करने के उद्देश्य से एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
महत्वपूर्ण तथ्य
समझौता ज्ञापन पर पंचायती राज मंत्रालय की ओर से आर्थिक सलाहकार डॉ. बिजय कुमार बेहरा और स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से संयुक्त सचिव डॉ. पी अशोक बाबू ने हस्ताक्षर किए।
यह समझौता ज्ञापन 2025 तक भारत में टीबी को खत्म करने के प्रधान मंत्री के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने के उद्देश्य से अंतर-मंत्रालयी सहयोग और रणनीतिक साझेदारी बनाएगा।
इस समझौता ज्ञापन से तपेदिक से जुड़े कलंक और भेदभाव को समाप्त करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में जन जागरूकता पैदा करने के लिए जमीनी स्तर पर समन्वित प्रयासों का मार्ग प्रशस्त होने की उम्मीद है।
यह समझौता ज्ञापन टीबी मुक्त भारत अभियान के उद्देश्य और लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
क्षय रोग (टीबी) क्या है?
यह माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक जीवाणु के कारण होता है।
बैक्टीरिया आमतौर पर फेफड़ों पर हमला करते हैं, लेकिन टीबी के बैक्टीरिया शरीर के किसी भी हिस्से जैसे किडनी, रीढ़ और मस्तिष्क पर हमला कर सकते हैं।
एचआईवी के उद्भव के कारण 1985 में क्षय रोग के संक्रमण बढ़ने लगे।
एचआईवी एक व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है, इसलिए यह टीबी के कीटाणुओं से नहीं लड़ सकता है।
प्रसार
इसके बैक्टीरिया हवा के जरिए एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है।
जब फेफड़े की टीबी से पीड़ित लोग खांसते, छींकते या थूकते हैं, तो वे टीबी के कीटाणुओं को हवा में फैला देते हैं।
टीबी के लक्षण
तीन या अधिक सप्ताह से खाँसी आना
खांसी के साथ बलगम से खून आना
सीने में दर्द, या सांस लेने या खांसने के साथ दर्द
वजन कम होना, थकान, बुखार और रात को पसीना आना आदि।
टीबी से निपटने के लिए सरकार की पहल
क्षय रोग उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय रणनीतिक योजना (एनएसपी) (2017-2025)
निक्षय पोषण योजना (एनपीवाई- वित्तीय सहायता)
टीबी हारेगा देश जीतेगा अभियान
सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संशोधित राष्ट्रीय टीबी नियंत्रण कार्यक्रम
भारत सरकार का लक्ष्य 2025 तक टीबी मुक्त भारत बनाना है।
संयुक्त राष्ट्र एसडीजी लक्ष्य 3.3 के तहत 2030 तक टीबी महामारी को समाप्त करना।
हर साल 24 मार्च को विश्व टीबी दिवस मनाया जाता है।
टीबी का बोझ
हर साल एक करोड़ लोग टीबी से बीमार पड़ते हैं और हर साल 15 लाख लोग टीबी से मरते हैं।
टीबी से पीड़ित सभी लोगों में से लगभग आधे लोग 8 देशों- बांग्लादेश, चीन, भारत, इंडोनेशिया, नाइजीरिया, पाकिस्तान, फिलीपींस और दक्षिण अफ्रीका में पाए जाते हैं।
यह दुनिया भर में मौतों के शीर्ष 10 प्रमुख कारणों में से एक है।
भारत में दुनिया के 30 प्रतिशत टीबी के मामले हैं, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है, इसके बाद इंडोनेशिया और चीन का नंबर आता है।
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