गैर-पारंपरिक ऊर्जा क्षेत्र में भारत ने $13 बिलियन का FDI आकर्षित किया
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पिछले 22 वर्षों में भारत में ऊर्जा के गैर पारंपरिक स्रोत में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) 13.034 बिलियन अमरीकी डालर था। यह जानकारी केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री (एमएनआरई) आर के सिंह ने 20 दिसंबर 2022 को राज्यसभा में दी । 2021-22 में भारत में कुल एफडीआई 83.6 बिलियन डॉलर था।
सरकार ने सौर क्षेत्र में स्वत: मार्गों के माध्यम से 100% एफडीआई की अनुमति दी है।
अप्रैल, 2000 से सितंबर, 2022 की अवधि के दौरान एफडीआई/इक्विटी प्रवाह का देश-वार विवरण साझा करते हुए, उन्होंने कहा कि मॉरीशस इस क्षेत्र में एफडीआई का प्रमुख स्रोत था और इसके बाद यूनाइटेड किंगडम, सिंगापुर, नीदरलैंड और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) का स्थान था।
ऊर्जा का गैर पारंपरिक स्रोत
ऊर्जा के गैर-परंपरागत स्रोतों को ऊर्जा का नवीकरणीय स्रोत भी कहा जाता है क्योंकि प्राकृतिक स्रोतों के माध्यम से इनकी लगातार भरपाई की जा सकती है। उदाहरण के लिए सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा, जैव ईंधन, जल विद्युत आदि।
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई)
विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम 1999 (फेमा) मेंविदेशी निवेश को परिभाषित किया गया है।
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश भारत के बाहर, निवासी व्यक्ति द्वारा पूंजी लिखतों के माध्यम से किया गया निवेश है जो ;
(1) एक गैर-सूचीबद्ध भारतीय कंपनी में; या
(2) किसी सूचीबद्ध भारतीय कंपनी की चुकता इक्विटी पूंजी के 10 प्रतिशत या उससे अधिक में हों ।
- असूचीबद्ध कंपनी का अर्थ है कि कंपनी का पूंजी लिखत किसी स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध नहीं है और इसे बाजार में खरीदा और बेचा नहीं जा सकता है।
- सूचीबद्ध कंपनी का मतलब है कि कंपनी का पूंजी लिखत किसी भी स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध है और इसे बाजार में खरीदा और बेचा जा सकता है।
- पूंजी लिखत या कैपिटल इंस्ट्रूमेंट का अर्थ है किसी कंपनी द्वारा जारी किया गया एक पूंजीगत प्राप्तियां जो व्यापार / निवेश उद्देश्यों के लिए बाजार से पूंजी (धन) जुटाने के लिए जारी किया जाता है। इसमें शेयर (इक्विटी) या डिबेंचर या बांड दोनों शामिल हैं।
भारतमें एफडीआई के दो मार्ग
भारत में दो मार्ग हैं जिनके तहत एफडीआई की अनुमति है। एक स्वचालित मार्ग है और दूसरा अनुमोदन मार्ग है। सरकार कुछ क्षेत्रों को स्वचालित सूची में और कुछ को अनुमोदन मार्ग सूची में रखती है।
स्वचालित मार्ग
विदेशी निवेशक को इन क्षेत्रों में निवेश करने से पहले भारत सरकार या भारतीय रिजर्व बैंक से पूर्व अनुमोदन की आवश्यकता नहीं है। उदाहरण के लिए थर्मल पावर प्लांट, इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम आदि।
स्वीकृति मार्ग
विदेशी निवेशक को इन क्षेत्रों में निवेश करने से पहले भारत सरकार से अनुमति की आवश्यकता होती है। उदाहरण के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, प्रिंट मीडिया आदि।
वे क्षेत्र जहां भारत में एफडीआई प्रतिबंधित है
- परमाणु ऊर्जा उत्पादन
- कोई भी जुआ या सट्टेबाजी व्यवसाय
- लॉटरी (ऑनलाइन, निजी, सरकारी, आदि)
- चिट फंड में निवेश
- निधि कंपनी
- कृषि या वृक्षारोपण गतिविधियाँ (हालाँकि बागवानी, मत्स्य पालन, चाय बागान, मछली पालन, पशुपालन, आदि जैसे कई अपवाद हैं)
- आवास और रियल एस्टेट (टाउनशिप, वाणिज्यिक परियोजनाओं आदि को छोड़कर)
- टीडीआर में ट्रेडिंग
- सिगार, सिगरेट, या कोई भी संबंधित तंबाकू उद्योग
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