भारत ने ‘भारत में शहरी अपशिष्ट जल परिदृश्य' लॉन्च किया
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डेनमार्क और भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने 14 सितंबर को कोपेनहेगन, डेनमार्क में अंतर्राष्ट्रीय जल संघ (आईडब्ल्यूए) विश्व जल कांग्रेस और प्रदर्शनी 2022 में 'भारत में शहरी अपशिष्ट जल परिदृश्य' पर एक श्वेतपत्र लॉन्च किया।
महत्वपूर्ण तथ्य -
शहरी अपशिष्ट जल उपचार परिदृश्य :
घरों के 80 प्रतिशत पानी सीवेज में छोड़ दिया जाता है।
आंकड़ों के अनुसार सीवेज का 78 प्रतिशत जल अनुपचारित रहता है और नदियों, भूजल या झीलों में बहा दिया जाता है।
भारत में, उत्पन्न होने वाले सभी सीवेज का केवल 10 प्रतिशत ही उपचारित किया जाता है।
32 प्रतिशत शहरी परिवार पाइप्ड सीवर सिस्टम से जुड़े हैं।
खतरनाक रूप से 70 प्रतिशत शहरी अपशिष्ट जल नदी और समुद्र में अनुपचारित रह जाता है।
अतः, शहरी अपशिष्ट जल प्रबंधन शहर के अधिकारियों के लिए एक प्रमुख चिंता का विषय बन गया है।
पर्यावरण और पारिस्थितिकी के साथ तालमेल बिठाते हुए वृद्धि और विकास का एक स्थायी मॉडल बनाने के लिए ठोस कदम उठाने की सख्त जरुरत है।
श्वेत पत्र की मुख्य विशेषताएं :
अपशिष्ट जल उपचार की आवश्यकता
मौजूदा बुनियादी ढांचे और प्रौद्योगिकियों में सुधार और वृद्धि की गुंजाइश
सार्वजनिक भागीदारी दृष्टिकोण के तरीके
तेजी से डेटा संग्रह के लिए स्मार्ट प्रौद्योगिकियां
भारत के लिए शहरी अपशिष्ट जल उपचार की दक्षता बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण और हितधारक शीर्ष निकायों के माध्यम से प्रसार और निर्माण क्षमता।
यह श्वेतपत्र भारत और डेनमार्क के बीच हरित हाइड्रोजन, नवीकरणीय ऊर्जा और अपशिष्ट जल प्रबंधन और उनके द्विपक्षीय संबंधों पर ध्यान देने के साथ हरित सामरिक साझेदारी का हिस्सा है।
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