नासा के जलवायु अनुसंधान वैज्ञानिक सिंथिया रोसेनज़वेग ने विश्व खाद्य पुरस्कार 2022 जीता
हाल ही में विश्व खाद्य पुरस्कार फाउंडेशन ने विश्व खाद्य पुरस्कार 2022 की विजेता के रुप में संयुक्त राज्य अमेरिका की डॉ सिंथिया रोसेनज़विग के नाम की घोषणा की।
रोसेनज़विग को यह पुरस्कार उनके शोध ‘जलवायु और खाद्य प्रणालियों के बीच संबंधों को समझने तथा भविष्य में दोनों कैसे बदलेंगे एवं इसके पूर्वानुमान’ के लिये प्रदान किया गया ।
विश्व खाद्य पुरस्कार का उद्देश्य विश्व में भोजन की गुणवत्ता, मात्रा या उपलब्धता में सुधार कर उन्नत मानव विकास करने वाले व्यक्तियों की उपलब्धियों को मान्यता देने हेतु सम्मान करना है।
वर्ष 2021 में यह पुरस्कार प्रमुख पोषण विशेषज्ञ डॉ. शकुंतला हरक सिंह थिल्स्टेड ने जीता था और वर्ष 2020 में यह पुरस्कार भारतीय अमेरिकी मृदा वैज्ञानिक डॉ. रतन लाल ने पुरस्कार जीता था।
विश्व खाद्य पुरस्कार के बारे में
वैश्विक कृषि में अपने काम के लिये वर्ष 1970 में नोबेल शांति पुरस्कार विजेता डॉ. नॉर्मन ई. बोरलॉग ने विश्व खाद्य पुरस्कार पुरस्कार की कल्पना की थी।
विश्व खाद्य पुरस्कार की शुरुआत वर्ष 1986 में की गई थी।
इसे "खाद्य और कृषि के लिये नोबेल पुरस्कार" के रूप में भी जाना जाता है।
डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन जिन्हें भारत में हरित क्रांति के जनक के रूप में जाना जाता है, वर्ष 1987 में इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति थे।
यह पुरस्कार प्रत्येक वर्ष अक्तूबर में संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य दिवस (16 अक्तूबर) पर या उसके आसपास प्रस्तुत किया जाता है।
पुरस्कार विजेता को 2,50,000 अमेरिकी डॉलर के नकद पुरस्कार के अलावा प्रसिद्ध कलाकार और डिजाइनर, शाऊल बास द्वारा डिज़ाइन की गई एक मूर्ति प्रदान की जाती है।
वर्ल्ड फूड प्राइज़ फाउंडेशन अमेरिका के डेस मोइनेस (Des Moines) में स्थित है।
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