UPI सेवाओं पर नहीं लगेगा कोई शुल्क - वित्त मंत्रालय
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वित्त मंत्रालय ने 21 अगस्त को कहा कि यूनाइटेड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) लोगों के लिए एक उपयोगी डिजिटल सेवा है और इस पर सरकार द्वारा कोई शुल्क लगाने का इरादा नहीं है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
वित्त मंत्रालय का यह बयान भुगतान प्रणाली में शुल्क पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिस्कशन पेपर से उपजी आशंकाओं को दूर करता है।
डिस्कशन पेपर में सुझाव दिया गया है कि यूपीआई भुगतान पर विभिन्न रकम की श्रेणियों में शुल्क लगाया जा सकता है।
इस पेपर में यूपीआई ट्रांजैक्शन पर एक स्पेशल चार्ज (मर्चेन्ट डिस्काउंट रेट) लगाने की बात कही गई थी।
यह चार्ज ट्रांसफर किए गए अमाउंट पर निर्भर करता है।
वर्तमान में, यूपीआई के जरिए लेनदेन पर कोई शुल्क नहीं है।
यूपीआई के बारे में :
यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) एक एकल मंच है जो विभिन्न बैंकिंग सेवाओं और सुविधाओं को एक छतरी के नीचे मिलाता है।
इसे नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा विकसित किया गया है।
वर्तमान में शीर्ष यूपीआई ऐप्स के नाम हैं - फ़ोनपे, पेटीएम, गूगल पे, अमेज़न पे और भीम शामिल हैं।
एनपीसीआई ने 2016 में 21 सदस्य बैंकों के साथ यूपीआई को लॉन्च किया था।
अधिक अपडेट के लिए कृपया 2 अगस्त की खबर देखें.
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