Tags: place in news National Science and Technology Summits
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 जनवरी, 2023 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस (आईएससी) को संबोधित करेंगे। 108वीं भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान कांग्रेस का आयोजन भारतीय विज्ञान कांग्रेस संघ द्वारा 3 से 7 जनवरी 2023 तक राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय में किया जा रहा है।
जनवरी 2022 में 107वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस 2022 कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, जीकेवीके कैंपस, बैंगलोर, कर्नाटक में आयोजित की गई थी।
108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस 2023 की थीम: "महिला सशक्तिकरण के साथ सतत विकास के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी"।
कांग्रेस सतत विकास, महिला सशक्तिकरण और इसे प्राप्त करने में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की भूमिका के मुद्दों पर चर्चा करेगी। विज्ञान और प्रौद्योगिकी में महिलाओं के योगदान को प्रदर्शित करने के लिए एक विशेष कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा, जिसमें प्रसिद्ध महिला वैज्ञानिकों के व्याख्यान भी होंगे।
आईएससी में अन्य कार्यक्रम
आईएससी के साथ-साथ कई अन्य कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। बच्चों के बीच वैज्ञानिक रुचि और स्वभाव को प्रोत्साहित करने में मदद करने के लिए बाल विज्ञान कांग्रेस का भी आयोजन किया जाएगा। किसान विज्ञान कांग्रेस जैव-अर्थव्यवस्था में सुधार और युवाओं को कृषि के प्रति आकर्षित करने के लिए एक मंच प्रदान करेगी।
जनजातीय विज्ञान कांग्रेस भी आयोजित की जाएगी, जो आदिवासी महिलाओं के सशक्तिकरण पर ध्यान देने के साथ-साथ स्वदेशी प्राचीन ज्ञान प्रणाली और परंपरा को वैज्ञानिक तरीके से दर्शाने के लिए एक मंच होगा।
भारतीय विज्ञान कांग्रेस संघ (इंडियन साइंस कांग्रेस एसोसिएशन)
भारतीय विज्ञान कांग्रेस संघ की स्थापना का मुख्य श्रेय दो ब्रिटिश रसायनज्ञों, प्रोफेसर जे.एल. सिमोनसेन और प्रोफेसर पी.एस. मैकमोहन को दिया जाता है। भारतीय विज्ञान कांग्रेस संघ की स्थापना 1914 में कोलकाता में हुई थी।
इन ब्रिटिश रसायनज्ञों, का विचार था कि यदि ब्रिटिश एसोसिएशन फॉर द एडवांसमेंट ऑफ साइंस की तर्ज पर भारत में अगर अनुसंधान कार्यकर्ताओं की वार्षिक बैठक आयोजित की जा सकती है तो भारत में वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा।
हर साल भारतीय विज्ञान कांग्रेस संघके सदस्य जनवरी के पहले सप्ताह में भारतीय विज्ञान कांग्रेस के नाम से आयोजित सम्मलेन में मिलते हैं। 1914 में कांग्रेस का पहला अधिवेशन हुआ था।
Tags: Person in news International News
ब्राजील के वामपंथी नेता लुइज़ इनासियो लूला डा सिल्वा ने 1 जनवरी 2023 को, चार साल के कार्यकाल के लिए तीसरी बार ब्राज़ील के राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह ब्राजील की राजधानी ब्रासीलिया में आयोजित किया गया था। गेराल्डो अल्कमिन ने ब्राजील के उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली।
वर्कर पार्टी से ताल्लुक रखने वाले लूला ने 2003 से 2010 तक देश का नेतृत्व किया और उन्होंने अक्टूबर 2022 में हुए राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो को कड़े मुकाबले में हराया।
उनकी जीत ने देश में राजनितिक द्वेष को बढ़ा दिया है । जायर बोलसोनारो के समर्थकों ने चुनाव में चोरी का आरोप लगाते हुए दो महीने से अधिक समय तक लूला की चुनावी विजय का विरोध किया और बर्बरता और हिंसा के माहौल में लूला को राष्ट्रपति बनने से रोकने के लिए एक सैन्य तख्तापलट का भी आह्वान किया।
जायर बोल्सोनारो पहले ही ब्राजील को छोड़ कर संयुक्त राज्य अमेरिका जा चुके हैं। उन्होंने बार-बार कहा है कि वह अपने उत्तराधिकारी के उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होना चाहते हैं, जहां उनसे सत्ता के स्थिर हस्तांतरण के संकेत के रूप में राष्ट्रपति की कमरपेटी, लूला को सौंपना पड़ता ।
ब्राज़िल
यह रूस, कनाडा, चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद क्षेत्रफल के हिसाब से दुनिया का पांचवा सबसे बड़ा देश है।
यह दक्षिण अमेरिकी महाद्वीप के लगभग आधे हिस्से को कवर करता है।
अमेज़ॅन वर्षावन ,जिसे पृथ्वी का फेफड़ा माना जाता है का 60% ब्राजील में स्थित है।
राजधानी: ब्रासीलिया
मुद्रा: ब्राज़ीलियाई रियल
Tags: International News
भारत ने 1 जनवरी 2023 को एक वर्ष के लिए वासेनार व्यवस्था के पूर्ण सत्र की अध्यक्षता ग्रहण की है। 30 नवंबर-01 दिसंबर 2022 को वियना में आयोजित डब्ल्यूए की 26वीं वार्षिक बैठक में, आयरलैंड के राजदूत इयोन ओ'लेरी ने वियना,ऑस्ट्रिया में संयुक्त राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के राजदूत और स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत जयदीप मजूमदार को अध्यक्षता सौंपी।
भारत 08 दिसंबर 2017 को अपने 42वें सहभागी राज्य के रूप में वासेनार व्यवस्था (डब्ल्यूए) में शामिल हुआ।
वासेनार व्यवस्था
वासेनार व्यवस्था की स्थापना जुलाई 1996 में वासेनार, नीदरलैंड में हुई थी। यह 42 सदस्य देशों की एक स्वैच्छिक निर्यात नियंत्रण व्यवस्था है। सदस्य देश पारंपरिक हथियारों और दोहरे उपयोग वाली वस्तुओं और प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण पर सूचनाओं का आदान-प्रदान करते हैं।
वासेनार समझौते का मुख्य उद्देश्य अपने सदस्य देशों को उन देशों को पारंपरिक हथियारों और दोहरे उपयोग वाली वस्तुओं और प्रौद्योगिकियों के निर्यात से हतोत्साहित करना है जो वैश्विक शांति के लिए खतरा हैं।
डब्ल्यूए प्लेनरी उस व्यवस्था का निर्णय लेने वाला और शासी निकाय है जो सर्वसम्मति से संचालित होता है। यह सभी भाग लेने वाले राज्यों के प्रतिनिधियों से बना है जो आमतौर पर वियना, ऑस्ट्रिया में वर्ष में एक बार मिलते हैं।
Tags: Defence Person in news
एयर मार्शल पंकज मोहन सिन्हा ने 01 जनवरी 2023 को भारतीय वायु सेना की पश्चिमी वायु कमान का कार्यभार ग्रहण कर लिया है।
एयर मार्शल पंकज मोहन सिन्हा पुणे की राष्ट्रीय रक्षा अकादमी से स्नातक हैं और वे जून 1985 में एक लड़ाकू विमान पायलट के रूप में भारतीय वायु सेना में नियुक्त किये गए थे। पंकज मोहन सिन्हा वेलिंगटन के प्रतिष्ठित डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज के पूर्व छात्र भी रहे हैं।
एयर मार्शल पंकज मोहन सिन्हा ने एयर मार्शल एस प्रभाकरन का स्थान लिया है, जो भारतीय वायुसेना में 39 साल से अधिक की विशिष्ट सेवा देने के बाद 31 दिसंबर 2022 को सेवानिवृत्त हो गए हैं।
भारतीय वायु सेना और इसकी कमान संरचना
इसकी स्थापना 8 अक्टूबर 1932 को हुई थी। यह केंद्रीय रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आता है।
भारत का राष्ट्रपति वायु सेना का सर्वोच्च कमांडर होता है।
हर साल 8 अक्टूबर को वायुसेना दिवस के रूप में मनाया जाता है।
वायु सेना प्रमुख: एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी
भारतीय वायु सेना की कमान संरचना
क्रमांक | कमान | मुख्यालय |
1 | पश्चिमी वायु कमान | दिल्लीI |
2 | दक्षिण-पश्चिमी वायु कमान | गांधीनगर |
3 | मध्य वायु कमान | प्रयागराज |
4 | पूर्वी वायु कमान | शिलांग |
5 | दक्षिणी वायु कमान | थिरुवनंतपुरम |
6 | प्रशिक्षण कमान | बेंगलुरु |
7 | अनुरक्षण कमान | नागपुर |
Tags: Important Days
वर्ष 2023 को दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। भारत सरकार का लक्ष्य बाजरा के अंतर्राष्ट्रीय वर्ष को एक 'जन आंदोलन' बनाना है और भारत को 'बाजरा के लिए वैश्विक हब' के रूप में स्थापित करना है। भारत दुनिया में बाजरा का सबसे बड़ा देश उत्पादक है।
अंतर्राष्ट्रीय वर्ष की पृष्ठभूमि
भारत सरकार ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित करने का प्रस्ताव दिया पेश किया था । 2021 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र द्वारा प्रस्ताव को स्वीकार किया गया और पारित किया गया और 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित किया गया।
भारत में अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष का उत्सव
जनवरी 2023 के महीने में भारत सरकार और उसके मंत्रालय राज्य सरकार के सहयोग से अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष मनाने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित करेंगे।
केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय आंध्र प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में बाजरा मेला-सह-प्रदर्शनियों का आयोजन करेगा।
कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के साथ केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय बेल्जियम में बाजरा पर एक व्यापार शो में भाग लेंगे।
विदेश मंत्रालय अज़रबैजान और बेलारूस में अपने दूतावास के माध्यम से भारतीय बाजरा को बढ़ावा देने के लिए बिजनेस टू बिजनेस बैठकें आयोजित करेगा और इन देशों में खाद्य उत्सवों में भाग लेगा।
नाइजीरिया में भारतीय उच्चायोग ने जनवरी 2023 में बाजरा खाद्य महोत्सव और बाजरा खाद्य तैयारी प्रतियोगिता की योजना बनाई है।
जनवरी के महीने में छत्तीसगढ़, मिजोरम ,राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तराखंड और पंजाब में बाजरा केंद्रित गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें महोत्सव/मेला और खाद्य उत्सव, किसानों का प्रशिक्षण, जागरूकता अभियान आदि शामिल हैं।
बाजरा का महत्व
बाजरा मनुष्यों के लिए सबसे पुराने ज्ञात खाद्य पदार्थों में से एक है। हालांकि सरकारों द्वारा गेहूं और चावल पर दिए जा रहे जोर के कारण दुनिया में इसकी खपत में कमी आई है।
उच्च पोषक मूल्य के कारण इसे मोटा अनाज या पोषक अनाज भी कहा जाता है। भारत में बाजरा की खपत बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने बाजरा को पोषक अनाज घोषित किया और 2018 को भारत में राष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित किया गया।
भारत सरकार ने 2022-23 तक देश में 205 लाख टन पोषक अनाज के उत्पादन का लक्ष्य रखा है।
राजस्थान भारत में पोषक अनाज का सबसे बड़ा उत्पादक है जिसके बाद महाराष्ट्र और कर्नाटक का स्थान आता है।
Tags: National
विदेश मंत्रालय के अनुसार भारत और पाकिस्तान ने 1988 के समझौते के अनुसार जो दोनों देशों को एक-दूसरे के परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला करने से रोकता है ने 31 दिसंबर 2022 को परमाणु प्रतिष्ठानों और सुविधाओं की सूची का आदान-प्रदान किया । उन्होंने एक-दूसरे की जेलों में बंद कैदियों जिसमें नागरिक, रक्षा कर्मी और मछुआरे शामिल हैं ,की सूची का भी आदान-प्रदान किया।
परमाणु प्रतिष्ठानों और सुविधाओं के खिलाफ हमलों के निषेध पर समझौता
भारत और पाकिस्तान दोनों परमाणु हथियार संपन्न देश हैं और दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने के लिए परमाणु प्रतिष्ठानों और सुविधाओं के खिलाफ हमलों के निषेध पर एक समझौते पर 31 दिसंबर 1998 को दोनों के बीच हस्ताक्षर किए गए थे।
इस समझौते के तहत दोनों देशों को प्रत्येक कैलेंडर वर्ष की पहली जनवरी को एक दूसरे को परमाणु सुविधाओं की जानकारी देनी होती है।
यह समझौता 27 जनवरी 1991 को लागू हुआ। दोनों देशों के बीच इस तरह की सूचियों का यह लगातार 32वां आदान-प्रदान है। पहला 01 जनवरी 1992 को हुआ था।
"परमाणु स्थापना या सुविधा" में परमाणु ऊर्जा और अनुसंधान रिएक्टर, ईंधन निर्माण, यूरेनियम संवर्धन, आइसोटोप पृथक्करण और पुनर्संसाधन सुविधाएं, और किसी भी रूप में ताजा या विकिरणित परमाणु ईंधन और सामग्री के साथ कोई अन्य प्रतिष्ठान और महत्वपूर्ण मात्रा में रेडियोधर्मी सामग्री का भंडारण करने वाले प्रतिष्ठान शामिल हैं।
कैदियों की सूची का आदान-प्रदान
इस दिन दोनों देश एक-दूसरे की जेलों में बंद कैदियों की सूची का आदान-प्रदान भी करते हैं, जिसमें नागरिक, रक्षा कर्मी और मछुआरे शामिल हैं ।
पाकिस्तान ने हिरासत में लिए गए 705 भारतीयों, 51 नागरिकों और 654 मछुआरों की सूची साझा की। भारत ने अपनी हिरासत में 434 पाकिस्तानियों, 339 नागरिकों और 95 मछुआरों की सूची साझा की।
2008 का समझौता प्रत्येक पक्ष को कैदियों तक कांसुलर एक्सेस देता है और उन्हें प्रत्येक जनवरी और जुलाई में एक-दूसरे की हिरासत में कैदियों की सूची का आदान-प्रदान करने की आवश्यकता होती है।
⇐ Go Back to change the mobile no.
Didn't receive OTP? Resend OTP -OR- Voice call Call Again/Resend OTP in 30 Seconds