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By admin: May 23, 2022

लेबर पार्टी के नेता अल्बानीस ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री निर्वाचित

Tags: Person in news International News


लेबर पार्टी के नेता एंथनी अल्बनीस को ऑस्ट्रेलिया का नया प्रधानमंत्री निर्वाचित किया गया है I

  • 59 वर्षीय अल्बानीस ऑस्ट्रेलिया के 31वें प्रधानमंत्री होंगे I 

  • देश के  प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और उनकी टीम की जलवायु और कोविड-19 के अलावा महिलाओं के अधिकारों, राजनीतिक अखंडता और प्राकृतिक आपदाओं जैसे कई मुद्दों से निपटने में नाकामी चुनाव में उनकी हार का कारण बनी I 

  • ऑस्ट्रेलिया में लोअर चेंबर यानी निचले सदन की 151 सीटों के लिए मतदान हुआ जिसमे सरकार बनाने के लिए 76 सीटों की जरूरत होती है I 

  • 67 प्रतिशत वोट की गिनती के साथ 71 सीट पर जीत दर्ज करने वाली लेबर पार्टी को विजयी घोषित किया गया है। लिबरल नेशनल गठबंधन को महज 52 सीटें प्राप्त हुई I 

  • अन्य तथ्य

  • ऑस्ट्रेलिया में दो सदन हैं ऊपरी सदन(सीनेट) और निचला सदन I 

  • यहाँ ऊपरी सदन का कार्यकाल 6 साल का होता है और निचले सदन का  कार्यकाल तीन साल का होता है यानी हर तीन साल बाद चुनाव होते हैं I

  • ऑस्ट्रेलिया में हमेशा शनिवार को ही मतदान होता है I 

  • यहाँ मतदान अनिवार्य है, वोट न डालने वालों को 14 डॉलर तक का जुर्माना देना पड़ता है I

  • ऑस्ट्रेलिया के निर्वाचित प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज अल्बनीस कार्यवाहक प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ लेकर टोक्यो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिका के राष्ट्रपति जो. बाइडन और जापान के प्रधानमंत्री फुमिया किशिदा के साथ क्वॉड सम्मेलन में हिस्सा ले सकते हैं I 

  • ऑस्ट्रेलिया के बारे में -

  • ऑस्ट्रेलिया एकमात्र ऐसी जगह है जिसे एक ही साथ महाद्वीप, एक राष्ट्र और एक द्वीप माना जाता है।

  • यह दुनिया का सबसे छोटा महाद्वीप है और दुनिया का सबसे बड़ा द्वीप भी है I 

  • राजधानी- कैनबरा

  • प्रधानमंत्री- एंथनी अल्बनीज

  • मुद्रा- ऑस्ट्रलियन डॉलर

माउंट एवरेस्ट पर विश्व का सबसे ऊंचा मौसम केंद्र स्थापित

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विभिन्न मौसमी घटनाओं का अध्ययन करने के लिए माउंट एवरेस्ट पर विश्व के सबसे ऊंचे मौसम केंद्र की स्थापना की गई है।

  • नेपाल के जल एवं मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, इस मौसम केंद्र को पर्वत रेंज के समिट प्वाइंट (अधिकतम ऊंचाई 8848.86 मी) से कुछ नीचे 8,830 मीटर पर स्थापित किया गया है। 

  • केंद्र को समिट प्वाइंट पर मौजूद बर्फ की वजह से वहां स्थापित करने में दिक्कत आ रही थी।

  • सौर ऊर्जा से चलने वाला ये मौसम केंद्र तापमान, हवा की गति और दिशा, हवा का दबाव और बर्फ की ऊंचाई में आने वाले बदलावों के साथ कम और अधिक दूरी के रेडिएशन को मापेगा।

  • महत्वपूर्ण बिंदु -

  • नेपाल के जल विज्ञान एवं मौसम विभाग और नेशनल जियोग्राफिक ने पहाड़ की स्थितियों के बारे में वास्तविक समय की जानकारी प्रदान करने के लिए नैटजियो द्वारा स्थापित सभी पांच स्वचालित मौसम स्टेशनों को संचालित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

  • इस समझौते के तहत नेशनल जियोग्राफिक की टीम इन केंद्रों का 2025 तक संचालन करेगी। जिसके बाद वर्ष 2026 में तकनीक को नेपाल सरकार को हस्तांतरित कर दिया जाएगा।

  • अमेरिका की अप्लेशियन स्टेट यूनिवर्सिटी के जलवायु वैज्ञानिक बेकर पेरी के नेतृत्व में नैटजियो टीम में पर्वतारोही और वैज्ञानिक शामिल थे, जिनमें से कई ने मौसम स्टेशन स्थापित करते समय दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ाई की।

  • चीनी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीजिंग में माउंट एवरेस्ट पर 5,200 मीटर से 8,800 मीटर तक आठ स्टेशन हैं, जिसमें 7,000 मीटर से अधिक 7,028 मीटर, 7,790 मीटर, 8,300 मीटर और 8,800 मीटर पर चार स्टेशन हैं।

  • माउंट एवरेस्ट के बारे में -

  • माउंट एवरेस्ट एशिया में नेपाल और चीन (तिब्बत) की सीमा पर स्थित वृहद हिमालय पर्वत श्रृंखला का सर्वोच्च शिखर है।

  • माउंट एवरेस्ट को संस्कृत में देवगिरि, तिब्बती में चोमोलुंग्मा, चीनी भाषा में चु-मु-लांग-मा-फेंग और नेपाली में सागरमाथा कहते हैं।

  • 29 मई 1953 को माउंट एवरेस्ट पर पहली बार न्यूजीलैंड के एडमंड हिलेरी और नेपाली मूल के भारतीय नागरिक तेनसिंह नोर्गे शेरपा चढ़े थे I

  • माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचने वाली पहली महिला जुन्को तबेई(जापान) है इसके साथ ही यह 7 महाद्वीपों में से प्रत्येक की सबसे ऊंची चोटियों पर चढ़ाई करने वाली पहली महिला भी हैं।

  • सन 1984 में बछेंद्री पाल माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली प्रथम भारतीय महिला है।

  • एवरेस्ट पर लगातार दो बार चढ़ने वाली प्रथम भारतीय महिला संतोष यादव है।

  • नेपाल की 52 साल की पर्वतारोही कामी रीता शेरपा ने दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर माउंट एवरेस्ट पर सबसे ज्यादा बार चढ़ाई पूरी की है इन्होने 25 बार माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने में कामयाबी हासिल की है I 

सुप्रीम कोर्ट ने चेक बाउंस के मामलों के लिए 25 विशेष अदालतों के गठन का आदेश दिया

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चेक बाउंस  के लंबित मामलों के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने एक पायलट अध्ययन को हरी झंडी दे दी, जिसमें मामलों को विशेष रूप से निपटाने के लिए सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारियों की अध्यक्षता में विशेष अदालतें स्थापित की जाएंगी I 

  • पायलट अध्ययन 1 सितंबर, 2022 से 31 अगस्त, 2023 तक 1 वर्ष की अवधि के लिए आयोजित किया जाएगा I 

  • 25 विशेष अदालतें महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के पांच-पांच जिलों में बनाई जाएंगी, जहां चेक बाउंस के सबसे ज्यादा मामले लंबित हैं I

  • एक साल के कामकाज का मूल्यांकन करने के बाद इन अदालतों का देशभर में विस्तार किया जायेगा I

  • पायलट अध्ययन के लिए स्थापित विशेष अदालतें मुकदमे के संबंध में उसी प्रक्रिया का पालन करेंगी जैसा कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1973 द्वारा अनिवार्य है I

  • ये विशेष अदालतें नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट के तहत इन मामलों का निपटारा करेंगी।

  • पूरे देश में चेक बाउंस के 44 लाख मामले लंबित हैं इसमें सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में लंबित हैं I

  • भारत का सर्वोच्च न्यायालय

  • भारत का सर्वोच्च न्यायालय 28 जनवरी 1950 को अस्तित्व में आया था।

  • भारत के सर्वोच्च न्यायालय का गठन भारत के संविधान के भाग V के अध्याय IV के अनुसार किया गया था। भारतीय संविधान का चौथा अध्याय "संघ न्यायपालिका" है।

  • भारत का मुख्य न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय का प्रमुख होता है, जिसमें अधिकतम 34 न्यायाधीश होते हैं I

  • सुप्रीम कोर्ट से संबंधित प्रमुख अनुच्छेद

  • अनुच्छेद 124 - भारत के सर्वोच्च न्यायालय का गठन और स्थापना 

  • अनुच्छेद 129 - सर्वोच्च न्यायालय को अभिलेख न्यायालय होना

  • अनुच्छेद 132, 133, 134 - सर्वोच्च न्यायालय का अपीलीय क्षेत्राधिकार अधिकृत है

  • अनुच्छेद 135 - संघीय न्यायालय की शक्ति सर्वोच्च न्यायालय को दी गई है

  • अनुच्छेद 138 - सर्वोच्च न्यायालय के अधिकार क्षेत्र के विस्तार से संबंधित

  • सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश - जस्टिस नाथुलापति वेंकट रमन्ना (48वें)

फिनलैंड और स्वीडन ने NATO में शामिल होने के लिए आवेदन किया

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यूक्रेन पर रूस के हमले से बढ़ी चिंताओं के बीच फिनलैंड और स्वीडन ने उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) में शामिल होने के लिए आधिकारिक तौर पर आवेदन दिया है।

  • फ़िनलैंड और स्वीडन की गुटनिरपेक्ष नीति है, लेकिन वे हमेशा नाटो के करीब थे। यूक्रेन पर 2022 के रूसी आक्रमण ने उन्हें नाटो में शामिल होने के लिए प्रेरित किया।

  • नाटो सदस्यता प्राप्त करने की प्रक्रिया

  • सबसे पहले एक देश को औपचारिक रूप से नाटो सदस्यता के लिए आवेदन करना चाहिए।

  • शामिल होने बाले देश को नाटो के 1995 “विस्तार पर अध्ययन” में निर्धारित मानदंडों को पूरा करना चाहिए। इन मानदंडों में बाजार अर्थव्यवस्था पर आधारित एक कार्यशील लोकतांत्रिक राजनीतिक व्यवस्था, नाटो में सैन्य योगदान करने की क्षमता आदि शामिल हैं।

  • कोई देश नाटो में तभी शामिल हो सकता है जब उसके सभी 30 सदस्य देश उसकी सदस्यता का समर्थन करें।

  • परिग्रहण प्रोटोकॉल (accession protocols) की पुष्टि के बाद कोई देश नाटो का सदस्य बन सकता है , जिसमें 8 से 12 महीने लग सकता हैं ।

  • फिलहाल फिनलैंड और स्वीडन को नाटो की सदस्यता देने के लिए तुर्की सहमत नहीं है I

  • उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के बारे में -

  • नाटो एक अंतर-सरकारी सैन्य गठबंधन है जिसमें यूरोप और उत्तरी अमेरिका (28 यूरोपीय राज्य, अमेरिका और कनाडा) से संबंधित 30 सदस्य राज्य शामिल हैं।

  • नाटो का उद्देश्य राजनीतिक और सैन्य साधनों के माध्यम से अपने सदस्यों की सुरक्षा की गारंटी देना है।

  • उत्तरी अटलांटिक संधि के अनुच्छेद 5 के अनुसार, यूरोप या उत्तरी अमेरिका में किसी भी नाटो सदस्य के खिलाफ सशस्त्र हमले को सभी नाटो सदस्यों के खिलाफ हमला माना जाएगा।

  • अमेरिका के खिलाफ 9/11 के आतंकवादी हमलों के बाद अब तक केवल एक बार अनुच्छेद 5 लागू किया गया है।

  • नाटो में शामिल होने वाला अंतिम देश 2020 में उत्तर मैसेडोनिया था।

  • मुख्यालय- ब्रुसेल्स, बेल्जियम

अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस- 22 मई

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मानवीय गतिविधियों के कारण जैविक विविधता में आने वाली महत्वपूर्ण कमी के विषय के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर वर्ष 22 मई को अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस मनाया जाता है।

  • जैव विविधता - यह विभिन्न प्रकार के वनस्पतियों और जीवों को संदर्भित करता है जो पारिस्थितिकी तंत्र (ecosystem) को बनाते हैं।पारिस्थितिकी तंत्र का संरक्षण प्राकृतिक संतुलन और मानव अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण है I

  • भारत विश्व के सर्वाधिक जैव विविधता वाले 10 देशो मे शामिल है I 

  • दिन का उद्देश्य

  • (i) जैव विविधता के मुद्दों के बारे में समझ और जागरूकता बढ़ाना।

  • (ii) एक ओर जैव विविधता के महत्व और दूसरी ओर इसके अभूतपूर्व नुकसान के बारे में लोगों को जागरूक करना।

  • 2022 की थीम-"सभी जीवन के लिए एक साझा भविष्य का निर्माण" है।

  • दिवस का इतिहास

  • केन्या के नैरोबी में 29 दिसंबर, 1992 को जैव विविधता सम्मेलन में इस दिन को मनाने पर विचार हुआ था। 

  • जैव-विविधता दिवस सन् 2000 तक 29 दिसंबर को मनाया गया उसके बाद वर्ष 2001 से यह साल 22 मई को मनाया जाता है।

बायोटेक शोधकर्ताओं और स्टार्ट-अप के लिए एकल राष्ट्रीय पोर्टल लॉन्च किया गया

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केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने 21 मई को बायोटेक शोधकर्ताओं और स्टार्ट-अप के लिए एकल राष्ट्रीय पोर्टल का शुभारंभ किया।

  • पोर्टल का नाम "बायोआरआरएपी" है

  • यह देश में जैविक अनुसंधान और विकास गतिविधि के लिए विनियामक अनुमोदन चाहने वाले सभी लोगों की मदद करेगा।

  • यह "विज्ञान की आसानी के साथ-साथ व्यवसाय में आसानी" के लिए एक बड़ी राहत प्रदान करता है।

  • भारत एक वैश्विक जैव-विनिर्माण केंद्र बनने की ओर अग्रसर है और 2025 तक दुनिया के शीर्ष 5 देशों में शामिल हो जाएगा।

  • डीबीटी का यह अनूठा पोर्टल भारत में ईज ऑफ डूइंग साइंस एंड साइंटिफिक रिसर्च और ईज ऑफ स्टार्ट-अप्स की दिशा में एक कदम है।

नॉर्थ ईस्ट रिसर्च कॉन्क्लेव 2022 का उद्घाटन

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केन्द्रीय शिक्षा और कौशल विकास मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान के द्वारा आईआईटी, गुवाहाटी में नॉर्थ ईस्ट रिसर्च कॉन्क्लेव (एनईआरसी) 2022 का उद्घाटन किया गया।

  • यह कॉन्क्लेव उद्योग जगत, शिक्षाविदों और नीति निर्माताओं के बीच के संबंधों को मजबूत करेगा और संसाधन संपन्न उत्तर पूर्वी क्षेत्र के राज्यों तथा देश में अनुसंधान, स्टार्ट-अप और उद्यमिता से जुड़े इकोसिस्टम को और मजबूत करेगा।

  • कॉन्क्लेव से संबंधित प्रमुख बातें -

  • एनईआरसी 2022 भारत और दुनिया की अनुसंधान एवं विकास संबंधी प्राथमिकताओं को पूरा करने की दिशा में एक वैश्विक मानदंड साबित होगा।

  • इस अवसर पर, असम सरकार और आईआईटी, गुवाहाटी के बीच एक समझौता ज्ञापन ‘असम एडवांस्ड हेल्थ इनोवेशन इंस्टीट्यूट (एएएचआई)’ पर भी हस्ताक्षर किए गए।

  • नॉर्थ ईस्ट रिसर्च कॉन्क्लेव 2022 का आयोजन उत्तर पूर्वी भारत के सभी राज्यों के शैक्षणिक एवं अनुसंधान संस्थानों के अनुसंधान एवं विकास संबंधी सर्वश्रेष्ठ गतिविधियों को प्रदर्शित करने के लिए किया जा रहा है।

  • नॉर्थ-ईस्ट रिसर्च कॉन्क्लेव उद्यमियों और अनुसंधान संस्थानों के लिए अपने नवाचारों को प्रदर्शित करने का एक मंच है।

  • नॉर्थ ईस्ट रिसर्च कॉन्क्लेव युवा पीढ़ी को निकट भविष्य में अपने सपनों को पूरा करने में मदद करेगा।

पीयूष गोयल WEF की दावोस बैठक में भारत का नेतृत्व करेंगे

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विश्व आर्थिक मंच यानी वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) की दावोस में 22 से 26 मई तक चलने बाली बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) करेंगे।

  • इस बैठक के दौरान यूक्रेन संकट, क्लाइमेट चेंज, कोरोना महामारी जैसे पूरी दुनिया को प्रभावित करने वाले कई बड़े मुद्दों पर चर्चा की जाएगी I

  • इस बैठक को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की, यूरोपीय यूनियन की प्रेसिडेंट उर्सला वॉन डेर लेयेन और जर्मनी की चांसलर ओलाफ शोल्ज़ समेत कई वर्ल्ड लीडर द्वारा संबोधित किया जायेगा I

  • इस सम्मेलन में दुनिया भर से 50 देशों और राज्यों के प्रमुखों सहित करीब 2500 से ज्यादा नेता, अधिकारी और एक्सपर्ट्स विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय रखेंगे I 

  • भारत की तरफ से केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में बड़ी टीम वहां जा रही है जिसमे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख लाल मांडविया और पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी के अलावा दो मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और जगनमोहन रेड्डी शामिल हैं I 

  • महाराष्ट्र से आदित्य ठाकरे, तेलंगाना से केटी रामाराव आदि कई बड़े नेता और सीईओ भी इस बैठक में भाग लेंगे I

  • इस सम्मेलन की थीम 'हिस्ट्री एट ए टर्निंग पॉइंट' होगी I

  • बैठक के दौरान चर्चा के प्रमुख बिंदु -

  • यह सम्मेलन मुख्य रूप से छह मुद्दों पर केंद्रित रहेगा

  • जिनमें वैश्विक व क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देना, भू-राजनीतिक संघर्ष व तनाव के नए युग के साथ-साथ व्यापार, समृद्धि एवं साझेदारी को आगे बढ़ाते हुए स्थिरता बहाल करना, आर्थिक सुधार हासिल करना और विकास के एक नए युग को आकार देना शामिल है I 

  • सम्मेलन में इस बात पर भी चर्चा होगी कि कोरोना महामारी की हेल्थ इमरजेंसी से आगे बढ़ते हुए भविष्य की बीमारियों के मद्देनजर स्वास्थ्य सेवाओं को कैसे मजबूत बनाया जाए I 

  • इस दौरान वैश्विक अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के उपाय सुझाना, चौथी औद्योगिक क्रांति को बढ़ावा देना और जलवायु परिवर्तन जैसी मानवता के लिए सबसे बड़ी चुनौती का सामना करने के रास्ते खोजने पर फोकस किया जायेगा I 

  • वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम(WEF) के बारे में -

  • वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम स्विट्ज़रलैंड में स्थित एक ग़ैर-लाभकारी संस्था है। 

  • इसका उद्देश्य विश्व के व्यवसाय, राजनीति, शैक्षिक और अन्य क्षेत्रों में अग्रणी लोगों को एक साथ ला कर वैश्विक, क्षेत्रीय और औद्योगिक दिशा तय करना है।

  • स्थापना- 1971

  • मुख्यालय- कोलोग्नी, स्विट्ज़र्लैंड

  • सी.ई.ओ- क्लॉस एम श्वाब

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