1. म्यांमार, फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स के ब्लैक लिस्टेड देशों के सूची में उत्तर कोरिया और ईरान के साथ शामिल
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अंतरराष्ट्रीय मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण निगरानी संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने म्यांमार को "ब्लैक लिस्ट" में डाल दिया है और सदस्यों से म्यांमार में व्यापारिक संबंधों और लेनदेन में ड्यू डिलिजेंस बढ़ाने का आह्वान किया है।म्यांमार, ईरान और उत्तर कोरिया के बाद एफएटीएफ के ब्लैक लिस्ट" की सूची में शामिल होने वाला नवीनतम देश बन गया है ।
मनी लॉन्ड्रिंग(धन शोधन) एक ऐसी प्रक्रिया है जहां आपराधिक गतिविधियों जैसे तस्करी, संगठित अपराध आदि के माध्यम से उत्पन्न धन को कानूनी वित्तीय प्रणाली के साथ एकीकृत किया जाता है ताकि इन धन की उत्पत्ति को छिपाया जा सके।
एफएटीएफ की ग्रे या ब्लैक लिस्ट
जिन देशों में कमजोर एंटी लॉन्ड्रिंग और एंटी टेररिस्ट नियामक ढांचा हैं, उन्हें ग्रे लिस्ट में डाल दिया जाता है । यह एक तरह से से उस देश के लिए एक चेतावनी होती है की वह अपनी एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग प्रणाली में सुधार करे ।
ब्लैक लिस्ट
जो देश कार्रवाई करने से इनकार करते हैं और मनी लॉन्ड्रिंग से निपटने के लिए उचित कदम नहीं उठाते हैं, उन्हें कॉल फॉर एक्शन के अधीन उच्च जोखिम वाले क्षेत्राधिकार या ब्लैक लिस्ट में डाल दिया जाता है। फिलहाल ईरान, उत्तर कोरिया और म्यांमार इस सूची में हैं।
म्यांमार के लिए इस कदम का प्रभाव
म्यांमार के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंकों जैसे अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों से ऋण लेना बेहद मुश्किल हो जाएगा।
विदेशी निवेशक और वित्तीय संस्थान म्यांमार और उसके वित्तीय संस्थानों जैसे बैंकों के साथ लेन-देन करने से बचेंगे।
अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों के साथ व्यापार करने की लागत म्यांमार के लिए बढ़ जाएगी जो इसके व्यापार और निवेश पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगी।
क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां म्यांमार की रेटिंग को डाउनग्रेड करेंगी जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में म्यांमार की कंपनियों और बैंकों के लिए उधार लेने की लागत बढ़ जाएगी। इसका मतलब है कि उन्हें पैसे उधार लेने के लिए बहुत अधिक ब्याज दरों का भुगतान करना होगा।
एफएटीएफ
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ)की स्थापना 1989 में 7 देशों के समूह की सिफारिश पर की गई थी।
एफएटीएफ का कार्य
- फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ग्लोबल मनी लॉन्ड्रिंग और टेररिस्ट फाइनेंसिंग वॉचडॉग है।
- यह एक अंतर-सरकारी निकाय है जो एक अंतरराष्ट्रीय मानकों को निर्धारित करता है जिसका उद्देश्य इन अवैध गतिविधियों और समाज को होने वाले नुकसान को रोकना है।
- एफएटीएफ ,मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण तकनीकों की समीक्षा करता है और नए जोखिमों को संबोधित करने के लिए अपने मानकों को लगातार मजबूत करता है।
- भारत का एंटी मनी लॉन्ड्रिंग कानून, धन-शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 एफएटीएफ के मानकों पर आधारित है।
- एफएटीएफ के कुल सदस्य देश वर्तमान में 39 हैं।
- भारत 2010 में एफएटीएफ का सदस्य बना।
मुख्यालय: पेरिस, फ्रांस
अध्यक्ष : टी राजा कुमार (सिंगापुर नागरिक )