आंध्र प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में फिर से शामिल होने का फैसला किया
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आंध्र प्रदेश सरकार ने महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में फिर से शामिल होने का फैसला किया है।
महत्वपूर्ण तथ्य
कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन के बीच बातचीत के बाद आंध्र प्रदेश सरकार ने ये निर्णय लिया है।
आंध्र प्रदेश ने PMFBY को खरीफ -2022 सीजन से लागू करने का फैसला किया है।
इस निर्णय से राज्य के 40 लाख से अधिक किसानों की फसलों को प्राकृतिक आपदा की स्थिति में बीमा कवर मिलेगा।
आंध्र प्रदेश ने उच्च प्रीमियम कीमतों का हवाला देते हुए 2020 में PMFBY से बाहर होने का विकल्प चुना था।
कम दावा अनुपात और वित्तीय बाधाओं के कारण गुजरात, बिहार, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और झारखंड अभी भी योजना से बाहर हैं।
‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना' (PMFBY) के बारे में
‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना' (PMFBY) को 13 जनवरी, 2016 को लॉन्च किया गया था।
यह योजना किसानों को फसल की विफलता (खराब होने) की स्थिति में एक व्यापक बीमा कवर प्रदान करती है, जिससे किसानों की आय को स्थिर करने में मदद मिलती है।
इसमें वे सभी खाद्य और तिलहनी फसलें तथा वार्षिक वाणिज्यिक/बागवानी फसलें सम्मिलित है जिनके लिये पिछली उपज के आँकड़े उपलब्ध हैं।
केंद्र और राज्य सरकारें प्रीमियम राशि का 95% से अधिक भुगतान करती हैं, जबकि किसान प्रीमियम राशि का 1.5-5% वहन करते हैं।
खरीफ (धान या चावल, मक्का, ज्वार, बाजरा, गन्ना आदि) की फसलों के लिये 2% प्रीमियम का भुगतान किया जायेगा।
रबी (गेंहूँ, जौ, चना, मसूर, सरसों आदि) की फसल के लिये 1.5% प्रीमियम का भुगतान किया जायेगा।
वार्षिक वाणिज्यिक और बागवानी फसलों बीमा के लिये 5% प्रीमियम का भुगतान किया जायेगा I
वर्ष 2020 से पहले संस्थागत वित्त प्राप्त करने वाले किसानों के लिये यह योजना अनिवार्य थी, लेकिन इसमें परिवर्तन कर इसे सभी किसानों के लिये स्वैच्छिक बना दिया गया।
योजना के अधिक कुशल और प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए, केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2020 के खरीफ सीजन में पीएमएफबीवाई में आवश्यक सुधार किए गए थे।
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