सरकार ने जैविक गैर-बासमती चावल पर निर्यात प्रतिबंध हटाया
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केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत विदेश व्यापार महानिदेशालय ने 29 नवंबर 2022 को टूटे चावल सहित जैविक गैर-बासमती चावल के निर्यात की अनुमति देने वाली एक सरकारी अधिसूचना जारी की है। इस कदम से भारत से चावल के निर्यात को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
जैविक चावल का मतलब है कि चावल की खेती करते समय किसान द्वारा रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग नहीं किया जाता है।
सरकार ने इस साल सितंबर में घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के उद्देश्य से टूटे चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया थाऔर गैर-बासमती चावल के निर्यात पर 20% निर्यात शुल्क भी लगाया था।
घरेलू बाजार में चावल की कीमत में मामूली बढ़ोतरी हुई है और सरकार को भरोसा है कि घरेलू बाजार में चावल की कीमतों में तेज बढ़ोतरी की कोई संभावना नहीं है। इसलिए उसने टूटे चावल सहित जैविक गैर-बासमती चावल के निर्यात की अनुमति दी है।
भारत से चावल का निर्यात
केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार अप्रैल-सितंबर 2022 के दौरान भारत से चावल का निर्यात 5.5 बिलियन अमरीकी डॉलर था।
भारत ने 2021-22 में 21.2 मिलियन टन चावल का निर्यात किया था , जिसमें से 3.94 मिलियन टन बासमती चावल था। इसी अवधि में भारत ने 6.11 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य के गैर-बासमती चावल का निर्यात किया था और कुल चावल का निर्यात 9.7 अरब अमेरिकी डॉलर था।
भारत विश्व चावल बाजार में 40% हिस्सेदारी के साथ दुनिया में चावल का सबसे बड़ा निर्यातक है। थाईलैंड, वियतनाम और पाकिस्तान दुनिया में चावल के अन्य प्रमुख निर्यातक देश हैं।
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