अंतरिक्ष गतिविधि की निगरानी के लिए उत्तराखंड में भारत की पहली वेधशाला स्थापित होगी

Tags: Science and Technology


भारत की पहली व्यावसायिक अंतरिक्ष वेधशाला उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल में अंतरिक्ष के क्षेत्र में शुरू किए गए स्टार्टअप दिगंतारा द्वारा स्थापित की जाएगी।


महत्वपूर्ण तथ्य -

  • यह पृथ्वी की परिक्रमा लगा रही 10 सेमी जितने छोटे आकार की वस्तु पर भी नजर रखने में सक्षम होगी।

  • इस वेधशाला की मदद से वैज्ञानिक गहरे अंतरिक्ष की हर एक हलचल पर नजर रखने में सक्षम होंगे। खासतौर पर भूस्थैतिक, मध्यम-पृथ्वी और उच्च-पृथ्वी की कक्षाओं की गहर गतिविधि की निगरानी संभव होगी।

  • यह वेधशाला भारत को उपमहाद्वीप पर अंतरिक्ष गतिविधि पर नजर रखने की स्वदेशी क्षमता भी देगी। उदाहरण के लिए, यदि चीनी उपग्रहों को भारत के किसी विशेष क्षेत्र में लंबे समय तक देखा जाता है, तो इन गतिविधियों की निगरानी के लिए अमेरिका जैसे देशों पर भरोसा किए बिना भारत के पास स्वदेशी क्षमता होना एक फायदा है।

  • इस वेधशाला से प्राप्त जानकारी की मदद से उपग्रहों व अन्य अंतरिक्ष यानों के बीच भिड़ंत होने से बचाया जा सकेगा। उनकी लोकेशन, गति और ट्रैजेक्टरी के बारे में और सटीक अनुमान लगाया जा सकेगा।

  • वर्तमान में इस क्षेत्र में अमेरिका का वर्चस्व है। अंतरिक्ष गतिविधियों पर नजर रखने वाली इस तरह की सबसे अधिक वेधशालाएं उसके पास हैं। उसकी यह वेधशालाएं विभिन्न जगहों पर तैनात हैं और कामर्शियल कंपनियां दुनियाभर से इनके लिए इनपुट मुहैया कराती हैं।

स्टार्टअप दिगंतारा :

  • इसका पूरा नाम दिगंतारा रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड है। 

  • दिसंबर 2018 में लॉन्च किये गये इस स्टार्टअप का मुख्य फोकस अंतरिक्ष में उपग्रहों के कारण एकत्र किए जा रहे कचरे को ट्रैक करना और समाधान खोजना है। 

  • इसका मुख्यालय जालंधर, पंजाब में है।

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