नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने बृहस्पति की नई तस्वीरें लीं

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नासा ने दुनिया के सबसे शक्तिशाली टेलीस्कोप जेम्स वेब टेलीस्कोप द्वारा ली गई बृहस्पति ग्रह की अभूतपूर्व  छवियां जारी की हैं, जिससे वैज्ञानिकों को ग्रह के संबंध में अधिक जानकारी मिलने की उम्मीद है।


महत्वपूर्ण तथ्य -

  • इस तस्वीर में बृहस्पति ग्रह के अन्य कई फीचर्स सामने निकल कर आए हैं, आमतौर पर लाल रंग का दिखने वाला ग्रेट रेड स्पॉट इसमें सफेद रंग का दिख रहा है। 

  • तस्वीर में बृहस्पति ग्रह के उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव पर अरोरा यानी नॉर्दन और साउदर्न लाइट्स की चमक दिखाई दे रही है।

  • इसके अतिरिक्त एक वाइड-फील्ड तस्वीर में तो इस ग्रह के सभी हिस्से एक लाइन में दिख रहे हैं।  

  • उसकी धुंधली सी रिंग और उसके दो उपग्रह यानी चांद अमलथिया और अद्रास्तिया दिखाई दे रहे हैं, इनके पीछे आकाशगंगा में चमकते तारे दिख रहे हैं।  

बृहस्पति ग्रह के बारे में :

  • बृहस्पति सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है। 

  • बृहस्पति, शनि, यूरेनस और नेपच्यून को जोवियन या गैस विशालकाय ग्रह कहा जाता है। यह ज्यादातर हाइड्रोजन और हीलियम से बना है।

  • इसमें छल्ले हैं, लेकिन उन्हें देखना बहुत कठिन है।

  • इसमें 79 पुष्ट चंद्रमा हैं।

  • यह सूर्य से पांचवां ग्रह है, अर्थात मंगल और शनि बृहस्पति के पड़ोसी ग्रह हैं।

  • यह लगभग 10 घंटे (एक जोवियन दिन) में एक बार घूमता है, लेकिन सूर्य की एक कक्षा (एक जोवियन वर्ष) को पूरा करने में लगभग 12 पृथ्वी वर्ष लगते हैं।

  • इसमें ग्रेट रेड स्पॉट जैसे बड़े तूफान हैं, जो सैकड़ों वर्षों से चले आ रहे हैं।

जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप :

  • नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप को 25 दिसंबर 2021 को दक्षिण अमेरिका के उत्तर-पूर्वी तट से रॉकेट द्वारा लॉन्च किया गया था।

  • यह नासा द्वारा लॉन्च किया गया अब तक का सबसे शक्तिशाली इन्फ्रारेड टेलीस्कोप है।

  • इसे नासा, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) और कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी के सहयोग से बनाया गया है।

  • इसने खगोल विज्ञान के एक नए युग की शुरुआत की है।

  • इसका लक्ष्य बिग बैंग के बाद बनने वाली पहली आकाशगंगा की खोज करना है।

  • यह नई और अप्रत्याशित खोजों को प्रकट करेगा, और ब्रह्मांड की उत्पत्ति और मानव की स्थिति को समझने में मदद करेगा।

  • यह अंतरिक्ष में 2 सप्ताह की यात्रा के बाद पृथ्वी से लगभग 1.6 मिलियन किमी सौर कक्षा में अपने गंतव्य तक पहुंचा।

  • इसे हबल टेलीस्कोप का उत्तराधिकारी भी माना जाता है जिसे 1990 में पृथ्वी की निचली कक्षा में लॉन्च किया गया था।



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