अमृत काल में महाराष्ट्र का पहला बजट 'पंचामृत' या पांच प्रमुख लक्ष्यों पर आधारित होगा

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सोशल इंजीनियरिंग और किसानों, महिलाओं और पिछड़े समुदायों से संबंधित विशिष्ट मतदाता समूहों पर नज़र रखते हुए, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 9 मार्च को 2023-24 के लिए 6,02,008.33 करोड़ रुपये का राज्य बजट पेश किया।

खबर का अवलोकन 

  • 2022-23 के संशोधित अनुमानों की तुलना में बजट का आकार 20,740 करोड़ रुपये अधिक है।

  • उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि अमृत काल में राज्य का पहला बजट 'पंचामृत' या पांच प्रमुख लक्ष्यों पर आधारित होगा।

  • फडणवीस ने पांच लक्ष्यों को सूचीबद्ध किया - सतत खेती-समृद्ध किसान, समावेशी विकास, बुनियादी ढांचा विकास, रोजगार सृजन और पर्यावरण के अनुकूल विकास।

बजट की मुख्य बातें

  • प्रधानमंत्री कृषि सम्मान निधि योजना के पूरक 'नमो शेतकरी महासंमान निधि' के तहत किसानों को छह हजार रुपये का अतिरिक्त नकद लाभ।

  • इस योजना से 1.15 करोड़ किसानों को लाभ होगा जबकि राज्य पर सालाना 6900 करोड़ का बोझ पड़ेगा।

  • पीडीएस के माध्यम से वितरित अनाज के बदले 14 आत्महत्या प्रभावित जिलों में किसानों के लिए प्रति वर्ष 1800 रुपये का नकद लाभ।

  • किसानों को एक रुपये की मामूली दर पर फसल बीमा प्रदान करें।

  • मछुआरों के लिए 508 करोड़ रुपये के परिव्यय से पांच लाख रुपये का बीमा कवर

  • प्रौद्योगिकी प्रसार, फसल प्रदर्शन, मूल्य श्रृंखला विकास, बाजरा के प्रचार-प्रसार और सोलापुर में 'श्री अन्ना उत्कृष्टता केंद्र' की स्थापना के लिए 'महाराष्ट्र श्री अन्ना अभियान' के लिए 200 करोड़ रुपये का परिव्यय।

  • समावेशी विकास के तहत महिला एवं बाल विकास विभाग के लिए 2,843 करोड़ रुपये के परिव्यय की घोषणा।

  • नई योजना लेक लड़की के तहत, पीले और नारंगी राशन कार्ड धारक परिवारों को बालिका के जन्म के बाद 5,000 रुपये, कक्षा पहली में 4,000 रुपये, कक्षा छठी में 6,000 रुपये और कक्षा ग्यारहवीं में 8,000 रुपये की सब्सिडी मिलेगी।

  • लाभार्थी बालिका को 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर 75000 रुपये की नकद राशि प्रदान की जायेगी।

  • महिला यात्रियों को राज्य परिवहन की बसों से यात्रा करने पर 50 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।

  • प्रदेश में कार्यरत 81 हजार आशा स्वयंसेवियों एवं 3500 समूह प्रवर्तकों के मानदेय में 1500 की वृद्धि

  • सामाजिक न्याय के लिए 16,494 करोड़ रुपये और ओबीसी कल्याण विभाग के लिए 3,996 करोड़ रुपये के परिव्यय की घोषणा।

  • 'मोदी आवास घरकुल योजना' नामक एक नई आवास योजना की घोषणा, जिसके तहत अगले तीन वर्षों में ओबीसी के लिएदस लाख घरों का निर्माण किया जाएगा।

  • अधोसंरचना के मोर्चे पर सड़कों और पुलों के लिए 14,225 करोड़ रुपये का व्यय।

  • एथलीटों के प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए "मिशन लक्ष्यवेध" लागू किया जाएगा। 

  • राज्य भर में दस पर्यटन स्थलों पर "तम्बू शहर" स्थापित किए जाएंगे।

  • पर्यावरण और सतत विकास पर कुल 13,437 करोड़ रुपये के परिव्यय की घोषणा।

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