नौवहन, जलमार्ग और बंदरगाह मंत्रालय ने 'भारत प्रवाह' पहल शुरू की
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नौवहन, जलमार्ग और बंदरगाह मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने ‘भारत प्रवाह- इसके तटों के साथ’ पहल की शुरुआत की है।
खबर का अवलोकन
भारत प्रवाह:
इस पहल का उद्देश्य साहित्य, संवाद और संचार के जरिये आम आदमी के रोजमर्रा के जीवन में नदियों-बंदरगाहों-पोत परिवहन के महत्व को उजागर करना है।
यह समुद्री क्षेत्र से संबंधित चुनौतियों, नीतिगत मुद्दों और भविष्य के लक्ष्यों को भी उज़ागर करेगा।
भारत में बंदरगाहों का महत्व :
भारत में 7,500 किमी लंबी तटरेखा, जहाजों के चलने योग्य 14,500 किमी संभावित जलमार्ग और प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय समुद्री व्यापार मार्गों पर सामरिक ठिकाने हैं।
भारत का लगभग 95% व्यापार मात्रा के हिसाब से और 65% मूल्य के हिसाब से बंदरगाहों द्वारा सुगम समुद्री परिवहन के माध्यम से किया जाता है।
भारत लगभग 35% कंटेनरीकरण करता है, जबकि अन्य विकासशील देश 62% से 65% कंटेनरीकरण करते हैं।
वर्तमान में भारत कंटेनरों का उपयोग करने के स्थान पर बल्क शिपिंग अधिक करता है, हालाँकि हम कंटेनरीकरण (Containerization) की दिशा में तेज़ी से प्रगति कर रहे हैं।
वैश्विक व्यापार में भारत की हिस्सेदारी मात्र 2% है। व्यापार संतुलन आयात की ओर है। लॉजिस्टिक्स परफॉर्मेंस इंडेक्स में भारत 44वें स्थान पर है।
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