विश्व बैंक ने सिविल सेवाओं के लिए भारत सरकार के 'मिशन कर्मयोगी' कार्यक्रम के लिए $47 मिलियन ऋण को मंजूरी दी

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विश्व बैंक ने भारत सरकार के सिविल सेवा क्षमता निर्माण का राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपीसीएससीबी) - ‘मिशन कर्मयोगी के लिए 4.7 करोड़ अमेरिकी डॉलर की परियोजना को मंजूरी दी है।

  • वर्ल्ड बैंक के वित्तपोषण का उद्देश्य लगभग 40 लाख सिविल सेवकों की कार्यात्मक और व्यावहारिक दक्षताओं को बढ़ाने के सरकार के उद्देश्यों का समर्थन करना है।

  • यह ‘परियोजना केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों और एजेंसियों के लिए योग्यता ढांचे को विकसित करके मिशन कर्मयोगी का समर्थन करने में मदद करेगी I

  • यह कार्यक्रम तीन घटकों पर ध्यान केंद्रित करेगा- योग्यता ढांचे का विकास और कार्यान्वयन, एकीकृत शिक्षण मंच का विकास और कार्यक्रम की निगरानी, मूल्यांकन और प्रबंधन। 

  • यह परियोजना विश्व बैंक के अत्यधिक गरीबी को समाप्त करने और साझा समृद्धि के निर्माण के दोहरे लक्ष्यों के साथ भी जुड़ी हुई है।

  • मिशन कर्मयोगी योजना के बारे में -

  • मिशन कर्मयोगी योजना का आरंभ 2 सितंबर 2020 को किया गया था।

  • इस योजना का संचालन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किया जाता है।

  • मिशन कर्मयोगी योजना का मुख्य उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों की क्षमताओं को विकसित करना है।

  • मिशन कर्मयोगी योजना के अन्तर्गत लगभग 46 लाख केंद्रीय कर्मचारियों के लिए सरकार द्वारा 5 वर्षों की अवधि के लिए 510.86 करोड रुपए का बजट निर्धारित किया गया है।

  • योजना के सफलतापूर्वक संचालन के लिए iGOT कर्मयोगी प्लेटफार्म का भी गठन किया गया है जिसके माध्यम से ऑनलाइन कांटेक्ट उपलब्ध कराया जाता है।

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