आगरा, गाजियाबाद और प्रयागराज को मिला पहला पुलिस कमिश्नर
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उत्तर प्रदेश सरकार ने 29 नवंबर, 2022 को आदेश जारी कर उत्तर प्रदेश के तीन जिलों आगरा, गाजियाबाद और प्रयागराज में पहला पुलिस आयुक्त नियुक्त किया।
महत्वपूर्ण तथ्य
उत्तर प्रदेश सरकार ने 25 नवंबर को नोएडा, वाराणसी, लखनऊ और कानपुर में लागू होने के बाद आगरा, गाजियाबाद और प्रयागराज में पुलिस आयुक्त प्रणाली शुरू करने का फैसला किया।
कैबिनेट ने आयुक्त प्रणाली को लागू करने से पहले इन तीन जिलों को दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के नियमों के अनुसार महानगरीय शहर घोषित किया।
आगरा को उसकी बढ़ती आबादी, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन की दृष्टि से उसके महत्व को देखते हुए सूची में शामिल किया गया है।
गाजियाबाद को इसकी बढ़ती आबादी, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का एक व्यस्त जिला और इसके नए औद्योगिक परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए शामिल किया गया है।
प्रयागराज को इसकी जनसंख्या और धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के कारण शामिल किया गया है।
आयुक्त प्रणाली क्या है?
पुलिस सुधारों पर सुझाव देने के लिए विभिन्न समितियों ने उन शहरों में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू करने की सिफारिश की है, जहां तेजी से शहरीकरण हुआ है और जिनकी आबादी 10 लाख से अधिक है।
आयुक्त प्रणाली के तहत पुलिस आयुक्त एक जिला मजिस्ट्रेट की शक्तियों और कर्तव्यों का प्रयोग करता है।
ये शक्तियाँ आयुक्त के अधीन किसी भी अधिकारी के लिए भी उपलब्ध हैं जो सहायक पुलिस आयुक्त के पद से कम नहीं है।
इसका अर्थ यह है कि ऐसे पुलिस अधिकारियों के पास अब सीआरपीसी अधिनियम की धारा 144 लागू करते हुए निवारक गिरफ्तारी की शक्तियां हैं।
आयुक्त प्रणाली के अनुसार जिलाधिकारी के स्थान पर पुलिस आयुक्त सीधे सरकार को रिपोर्ट करेंगे।
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