मंत्रिमंडल ने गांवों में 4जी मोबाइल सेवाओं के लिए एक परियोजना को मंजूरी दी

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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 27 जुलाई को देश के सभी अछूते गांवों में 4जी मोबाइल सेवाओं की संतृप्ति के लिए एक परियोजना को मंजूरी दी जिसकी कुल लागत 26, 316 करोड़ रुपए है।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • परियोजना के तहत दूरदराज और दुर्गम क्षेत्रों के 24,680 अछूते गांवों में 4जी मोबाइल सेवाएं मुहैया कराई जाएंगी।

  • इसके अतिरिक्त, 6,279 गांव, जिनमें वर्तमान में केवल 2जी/3जी कनेक्टिविटी है, को भी 4जी में अपग्रेड किया जाएगा।

  • परियोजना में पुनर्वास, नई बस्तियों, मौजूदा ऑपरेटरों द्वारा सेवाओं की वापसी आदि के कारण 20% अतिरिक्त गांवों को शामिल करने का प्रावधान है।

  • इस परियोजना को बीएसएनएल द्वारा आत्मनिर्भर भारत (भारत में निर्मित) 4 जी प्रौद्योगिकी स्टैक का उपयोग करके निष्पादित किया जाएगा। 

  • इस परियोजना को यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (यूएसओएफ) के माध्यम से वित्त पोषित किया जाएगा।

  • यह परियोजना ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल कनेक्टिविटी प्रदान करने के सरकार के दृष्टिकोण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

यूनिवर्सल सर्विस क्या है?

  • यह हर घर में एक फोन और सस्ती फोन सेवा होने को संदर्भित करता है।

  • इसका अर्थ है, हर जगह सभी उपयोगकर्ताओं को एक किफायती मूल्य पर निर्दिष्ट गुणवत्ता के साथ दूरसंचार सेवा प्रदान करना।

यूएसओएफ के बारे में

  • इसे अप्रैल 2002 में भारतीय टेलीग्राफ (संशोधन) अधिनियम 2003 के तहत स्थापित किया गया था।

  • इसका उद्देश्य देश के व्यावसायिक रूप से अव्यवहार्य ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में दूरसंचार सेवाओं के प्रावधान के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है।

  • यह दूरसंचार विभाग का एक संलग्न कार्यालय है।

  • इसका नेतृत्व एक प्रशासक करता है, जिसे केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है।

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